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पञ्चदेव पूजा – उपासना

मिथिला मे द्विज लेल आ खासकय मैथिल ब्राह्मण लेल सन्ध्योपासनाक संग पञ्चदेवताक पूजा-अर्चना, कुल-देवताक पूजा-अर्चना, ग्राम-देवता, स्थान-देवता, समस्त देवी-देवता जिनका स्मृति मे आनि सकैत छी, तूलसी-पूजा, महादेव पूजा आदिक विधान कहल गेल अछि।
जहिना सन्ध्योपासना मे गायत्री आर सूर्यक उपासनाक संग तर्पण मे तीन पु्स्ता पितर केर सुमिरण आ जल अर्पणक विधान कहल गेल अछि। कम सँ कम १० बेर गायत्रीक जप प्रत्येक व्यक्ति केँ करबाक चाही। प्राणायाम सेहो तीन संध्या मे सँ एको संध्या करबाके टा चाही।
आउ, आइ एतय पञ्चदेवता केर पूजा-विधान पर एक नजरि दी:

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