महागठबंधन, स्वाभिमान रैली आ वर्तमान राजनीति

विशेष संपादकीय

20150830_140831काल्हि सड़क मार्ग सँ अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली होइत पटना धरिक लगभग ३२० किलोमीटर केर यात्रा भोरे ७ बजे सँ दिनक २ बजे धरि पूरा केने रही। जखन कि मात्र ४ घंटा मे ३०० किमी केर यात्रा पूरा कय चुकल छलहुँ, मुदा अन्तक २० किमी यात्रा अत्यन्त भीड़ भरल ट्रैफिक जाम मे चुस्त प्रशासनक रेख-देख मे संभव भऽ सकल छल। काल्हिये बिहार मे महागठबंधन केर राजनीतिक दल यानि जदयू, राजद आ काँग्रेस केर संयुक्त महारैली छल गाँधी मैदान पटना मे। वर्तमान युग मे रैली मे पंचायत स्तर सँ लैत प्रखण्ड आ जिला स्तर धरिक हरेक पार्टी कैडर केँ एक तरहें हुक्म देल रहैत छैक जे अहाँ सब गोटा केँ रैली मे सहभागी बनबाक अछि। हुक्म भीड़ जुटेबाक लेल मूलत: देल जाइत छैक, दोसर दिशि पार्टी हाइकमान्डक नजरि मे फन्ने खाँ बनबाक होड़बाजी सेहो रहैत छैक। पंचायत स्तरक कार्यकर्ता केँ अपन शानो-शौकत यानि पावर प्रखंड आ जिला केँ देखेबाक रहैत छैक, तहिना प्रखंड आ जिलाक आपसी होड़ सँ राज्य स्तर पार्टी संगठन आ टिकट डिस्ट्रीब्युटर केँ देखेबाक रहैत छैक।

सड़के सँ गाड़ीक कतार देखैत, ओकर पाछाँ प्रयुक्त बैनर आ झंडा सब देखैत बुझल जा सकैत छलैक जे के केकरा प्रसन्न करबाक चक्कर मे अछि। बड़का-बड़का होर्डिंग बोर्ड आ गेट सब सँ पाटल देखायल हमरा पूरे एनएच ५७ आ एनएच ७७ – गंगाजी पर बनल महान सेतु गाँधी-सेतु पर प्रवेश सँ पहिनहि सँ तेजस्वी यादव सहित केर महागेट सब आ ताहि पर लागल बड़का-बड़का साउन्ड स्पीकर, ताहि मे बाजि रहल छपरिया धून परका गीत आ बीच-बीच मे नेताक नाम लैत जिन्दाबाद-जिन्दाबाद केर नारा…. फेर सूचनामूलक बात सब कहैत महारैलीक नाम ‘स्वाभिमान रैली’ कियैक पड़ल आ एहि रैली सँ केकरा पावर शो कैल जा रहल अछि ताहि मे निश्चित तौर पर बेर-बेर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीक नाम देखाइत छल। हमरा लेल ई पहिल अनुभव छल – लगातार ३ घंटा धरि कछुआ गति सँ हमर गाड़ी ओहि जाम मे सरैक रहल छल आ ई नजारा सब हम देखैत मोने-मोन ई गुनैत जा रहल छलहुँ जे देशक राजनीतिक तौर-तरीका मे कतेक पैघ बदलाव आबि गेल। पहिने जतय छोट-छोट सभा आ नुक्कर करैत पैघ-पैघ नेताकेँ सुनबाक अवसर गामो-घरक विभिन्न भाग मे भेटैत छल, जेना १९९१ मे हमरा ओहिना याद अछि जे उजान उच्च विद्यालय पर लालकृष्ण आडवाणी आयल छलाह, तहिना बेनीपुर मे सभा केलाक बाद उजान आयल छलाह… यानि एक्के दिन मे राष्ट्रस्तरक नेताकेँ १५ किमी केर रेडियस मे चारि-चारि टा सभा होइक… मुदा आब तऽ गाँधी मैदान मे सभा राखू आ भैर राज्य सँ लोक केँ बजा लियौक। जँ पार्टी मे पद आ प्रतिष्ठा चाही तऽ ओ एब्बे टा नहि करत, बल्कि अपन पैसा आ शक्ति सँ संयोजन करैत प्रदर्शन मे प्रतियोगिता करैत आर नेता सँ आगू निकलबाक होड़ मे सेहो सहभागी बनत। बस मे, ट्रक मे, ट्रैक्टर, ट्रेन, सब साधन सँ लाखों लोक केँ राजधानी मे जुटेबाक जिम्मेवारी पार्टी कार्यकर्ता आ व्यवस्थापक पर देल जाइत छैक। खुलेआम धनक दुरुपयोग केर एहि सँ नीक दोसर आर कोनो उदाहरण नहि हेतैक, तेना स्पष्ट भेल। ई कोनो महागठबंधने टा केर रैली मे भेलैक, होइत हेतैक, से बात नहि… यैह बात लगभग सब राजनीतिक दल केर प्रदर्शनमूलक कार्यक्रम मे होइत छैक से विश्वास भऽ गेल।

बिहारक राजनीतिक परिवेश मे सेहो बड पैघ परिवर्तन हमरा देखायल। कहू कि! एकटा नरेन्द्र मोदीक हुंकार सँ बिहारक सब नेताक अपन असली ताकत बुझय मे आबि गेलैक। सुझबुझवला नेताक मे अग्रगण्य नीतीश कुमार केर एहन दयनीय वैचारिक अवस्था – एकटा ओकर अंध-समर्थक केर रूप मे हमरा एखन धरि विश्वास नहि होइत अछि। लेकिन सच्चाई तऽ हमरा हजारों गाड़ी मे टांगल तिनू दलक मुख्य नेताक तस्वीर आ तिनू दलक चुनाव चिह्न सहितक झंडाक एक्के ठाम बान्हल रहबाक झलक ई मानय लेल बाध्य कय देलक जे एकटा नरेन्द्र मोदी सँ एहेन तीव्र घबराहट जे एन्टी-भाजपा वोट बँटय नहि, कोनो कीमत पर नरेन्द्र मोदीक विजय रथ केँ बिहार मे रोकि देबाक छैक, एहि लेल भले जे कीमत चुकाबय पड़य… बस एहि कीमत केँ पोलिटिकली संज्ञा देल गेल ‘स्वाभिमान’ केर। बहुतो रास पोस्टर पर लिखल देखलियैक जे ‘झाँसा मे नहीं आना है’, ‘बिहार में नितिशे कुमार’… यानि आन्तरिक भय केर प्रकटीकरण स्वत: एहि नारा सब मे स्पष्ट देखायल छल। काल्हि धरि एक दोसर केँ नागनाथ-साँपनाथ कहयवला सब दल, जदयू, राजद आ काँग्रेस एक भऽ गेल अछि। नरेन्द्र मोदीक छवि खराब कय दियौक आ भाजपा सँ चुनाव जीत जाउ। वाह रे भाजपा!! कतेक उच्च दर्जा पाबि गेल ई पार्टी – जेकर विधायक उम्मीदवार केँ कहियो मनीगाछी विधानसभा क्षेत्र में हम देखने रही जे एकटा निर्दलीय उम्मीदवार सँ बदतर हालत छल, कमल छाप केर कोनो पब्लिक वैल्यू नहि छलैक। काँग्रेस केर हाथ – सब जनता मिथिला मे काँग्रेसहि केर साथ। काल्हि रैली मे एहि बातक खास नजारा भेटल जे तिनू दल केर नेताक फोटो हरेक पोस्टर पर हेबाके चाही। झंडा आ चुनाव चिह्न सेहो तिनूक हेबाके चाही। यानि पब्लिक मे ई मैसेज मन मे बसि जाय जे वैलट मे एहि तिनू मे सँ कोनो एक्के टा भेटत आ ताहि पर बटन दबेबाक अछि। आब कतेक शिक्षित मतदाता अछि ई बात तऽ वोटक बाद स्पष्ट होयत, मुदा बिहार मे २०१५ केर चुनाव महाभारत युद्ध जेकाँ दृश्य उत्पन्न कय रहल अछि। स्पष्ट छैक जे कौरव पक्ष आ पाण्डव पक्ष जेकाँ एतहु सेना संग्रह शुरु भऽ चुकल अछि। मुदा बीच बाट मे जतय कतहु मौका भेटल आ भीड़ बढेनिहार दर्शक-श्रोता सँ बात करबाक मौका भेटल तऽ केकरो पियबाक जलो नहि भेटल छलैक, कियो भोर सँ भूखले…. रवि दिन हेबाक कारणे आ भीड़ अप्रत्याशित मात्रा मे पटना पहुँचि जेबाक कारणे कोनो होटलो नहि खुजल देखलियैक कतहु…. बाजार मे पूरे सन्नाटा छल आ केवल रैलीक भीड़ जैंह-तैंह देखायल।

अमित आनन्द जी केर श्राप पहिनहि लागैत स्पष्ट भऽ गेल छल। मुदा पटना पहुँचलाक बाद दूरदर्शन पर एकटा साक्षात्कार मे भाग लेबाक समय सँ १ घंटा देरी भऽ गेलाक कारणे अमित जी केर कथनानुसार जे ‘जाउ! जखन ४ किमी पैदल चलय पड़त तखन बुझबैक!’ – सच मे चारि किमी लगभग चलहे पड़ि गेल पैदल। तखन जाय गन्तव्य स्थान पर पहुँचलहुँ। ओत्तहु गेलाक बाद बैसल लोक सब बगले मे चलि रहल महारैलीक आवाज पर कान लगौने छल। उत्साह केकरो मे ओहि तरहक नहि देखलियैक जे पहिने नीतीश कुमार केर नाम पर होइत छलैक। हमरा तऽ सच मे एना लागल जे बेचारा खर्च सबटा महागठबंधन केर आ नाम जहतर-पहतर नरेन्द्र मोदी – नरेन्द्र मोदी। हम फेर सोचय लगलहुँ जे ई ‘स्वाभिमान’ केर नाम कहीं नीतीश केर भितरका अहं द्वारा तऽ नहि निकलल? नीतीश केर पोलिटिकल डीएनए केर चर्चा केँ सेहो ओ बिहारी डीएनए सँ जोड़िकय नरेन्द्र मोदी पर सवारी कसबाक चेष्टा करबे केला। काल्हि सैकड़ों पोस्टर पर ई लिखल देखलियैक जे नीतीश कुमार बिहारी अस्मिता केर संस्थापक छथि, हिनका फेर सँ मुख्यमंत्री बनाकय एहि अस्मिताक रक्षा करू। तऽ कि नीतीश कुमार सच मे एतेक डेरायल छथि जे हिनकर अतिरिक्त दोसर कोनो सरकार बनत तऽ बिहारी अस्मिता पर प्रश्न चिह्न लागत? ई सवाल पर हम एखनहु धरि सोचिये रहल छी।

ई स्वाभिमान केर प्रयोग हमरा बेर-बेर चुनौती दैत बुझायल। अरे भाइ! २५ वर्ष सँ तऽ शासन पर अहींक नेतृत्व अछि। सहयोगी दल केर रूप मे कहियो ओ तऽ कहियो कियो। मुदा राजा तऽ राज्यक अहीं भेलहुँ। तऽ कि एतेक वर्ष मे बिहारक जनताकेँ अहाँक नेतृत्व पर विश्वास नहि भेलैक? कि ओकरा मे स्वाभिमान अहाँ नहि जगा सकलियैक? आइ स्वाभिमानक स्मृति एहेन बेतरतीब ढंग सँ अहाँ पर कोना चैढ गेल अछि? हरेक वक्ताक बात मे काल्हि एक्के टा बात केन्द्र मे छल जे नरेन्द्र मोदी छलिया छी, झूठा छी, फरेबी छी, हमरा सबकेँ गरियेलक, राजनैतिक तौर पर सेहो हमरा सबहक मैन-मद्दी केँ नहि जानि कतय फेक देलक…. आबो जँ नहि चेतब तऽ ओकर मोन आरो बढि जेतैक… बिहारक स्वाभिमान एना खतरा मे पड़ि जायत… हमरा सबकेँ अपन आत्मसम्मान अहिना जात-पात मे बँटल समाज राखि नामक लेल नेताजीकेँ वोट दैत जितबैत रहू आ हुनका सब केँ घोटाला पर घोटाला करैत अपने भोगय दियौन, फेर धिया-पुता केँ भोगय दियौन, फेर साइर-सरहोजिनी-समधिनी सबकेँ भोगय दियौन। अहाँ सब बस मुंह देखनिहार बनल रहू, पंचायत आ प्रखण्ड स्तर पर तऽ जे जिला स्तर पर छी से जिला स्तर पर ऊपर सँ मिलिकय लूट मचेने रहू, आम जनताकेँ खाली जातिक नाम पर वोट कतय खसायत ताहि लेल शसने रहू। कि यैह भेल स्वाभिमान? ताकू एकर समाधान!!