दोहा-कतार मे संपन्न भेल ‘अकास तर बैसकी: साँझक चौपारि पर’ मैथिली साहित्यिक सभा

विन्देश्वर ठाकुर, दोहा/कतार। अगस्त २९, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

qatar maithil“मातृभाषाक जगेर्णा हमरासबहक प्रेरणा” मूल नाराक संग कतारमे रहनिहार मैथिल सर्जक लोकनि द्वारा काल्हि 28 अगस्त, 2015 शुक्र दिन दोहा केर मुन्ताजा पार्क मे खुल्ला मैथिली साहित्यिक कार्यक्रम – “साँझक चौपारि पर” केर पहिल मासक बैसार सम्पन्न भेल।

एहि कार्यक्रम मे ओहिठामक मैथिल सर्जक लगायत अन्तर्राष्ट्रीय नेपाली साहित्य समाज, कतार च्यापटरक अध्यक्ष, रेगिस्तानी कवि श्री तीर्थ संगम राई जी तथा नबोदित साहित्यिक वाचनालय, दोहा – कतारक अध्यक्ष श्री रवीन्द्र श्रेष्ठ जी सेहो उपस्थित छलाह। तहिना अतिथिएक रूप मे नबोदितक उपाध्यक्ष श्री राजेश्वर ढकाल जी केर सेहो उपस्थिती रहल छल। मैथिली साहित्य केर विकास लेल कतार मे चालल गेल ई कदम सबसँ पैघ आ पुनित रहल हुनका सबहक कहब छलनि।

कार्यक्रम कतारक समय 5 बजेसँ शुरु भ’ 7 बजेधरि चलल। कार्यक्रम केर संयोजन उच्च कोटिक मैथिल स्रष्टा श्री प्रणव कान्त झा जी द्वारा कएल गेल। तहिना पहिल चरण मे सबगोटे केँ एक-दोसर सँ परिचय-पात भ’ कार्यक्रम शुरु कएल गेल। तकरा उपरान्त एखनुक मधेश आन्दोलन मे शहादत प्राप्त वीर शहीद राजीव राउत प्रति 10 सेकेन्ड मौन धारण सेहो कएल गेल। विदित हो जे शहीदक परिवार केँ आर्थिक सहयोग करबाक अभियान सेहो हाल कतार प्रवासी मैथिल लोकनि द्वारा संचालित कैल जा रहल अछि, जाहि मे उल्लेखनीय प्रगति निरंतरता मे अछि।

तत्पश्चात् कार्यक्रमक तेसर चरण मे अपन-अपन रचना सुनाएल गेलैक। सबसँ पहिने मैथिल गीतकार श्री रवीन्द्र उदासी द्वारा प्रेम-स्नेहसँ भरल गीतक शुरुवात कएल गेल। तहिना बेचन महतो जी देशसँ बाहर रहि प्रवासमे रहल पीडाक समेटि डायस्पोरिक कविता सुनौलनि। कवि अब्दुल रजाक जी द्वारा एखनुक समयमे मधेश आन्दोलनमे सहादत प्राप्त केनिहार वीर शहीद सब प्रति श्रद्धाञ्जली स्वरुप कारुणिक कविता प्रस्तुत कएल गेल। तहिना श्रृंगार रससँ भरल गजल पढि युवा गजलकार मो. असरफ राइन जी खूब वाह-वाही लुटलनि। कार्यक्रम मे श्री प्रणव कान्त झा जी द्वारा कर्मशीलता मे अधारित कर्मप्रभुता कविता जोरदार रहल। हिनकाद्वारा कहल गेल चरिपतिया सेहो उच्च कोटिक छल। तहिना रचनेक क्रममे विन्देश्वर ठाकुर जी सेहो “बस अहीँ त छी” शीर्षक केर कवितासँ सबकेँ मन्त्रमुग्ध कएलनि।

कार्यक्रममे बीच-बीचमे कतार बाहेकके सर्जक लोकनिक रचनासब सेहो वाचन कएल गेल। एहि क्रममे प्रयास प्रेमी मैथिल जी केर लिखल दहेज प्रथाक विरोध पर आधारित रचनाक वाचन कएल गेल छल। तहिना प्रवीण नारायण चौधरी केर पठाओल ‘दरभंगिया हिन्दी – एकांकी नाटक’ केर वाचन सेहो कैल गेल छल, मैथिलीभाषीक जबरदस्ती हिन्दी बाजबाक फैशन पर व्यंग्य केर श्रोता लोकनि काफी सराहना केलनि। देशक अबस्था चित्रण करैत गजेन्द्र गजुर जी केर गजल सेहो वाचन कएल गेल जेकरा मर्मस्पर्शी कहैत काफी सराहल गेल। तहिना रचनेक क्रममे नेपाले सँ नारायण मधुशाला जी केर “साहित्य” शीर्षकक कविताक वाचन भेल। मुम्बई सँ पठाओल गेल मित्र एस.के. मैथिल (सुजित साह) जी केर गजल सेहो वाचन भेल। तहिना अमित कुमार मण्डल, विद्यानन्द बेदर्दी (नेपालसँ) रवीन्द्र यादव (मलेसियासँ) – हिनका लोकनि विभिन्न रचना सबहक वाचन कएल गेल छल। एहि क्रममे मैथिल गीतकार सुरज भारती द्वारा पठाओल गेल रचना- ‘मैथिली वेदना’ सेहो एकटा अलगे छाप छोडलक।

कार्यक्रममे नबोदित केर अध्यक्ष श्री रवीन्द्र कुमार श्रेष्ठ जी नेपाली भाषाक गजल सुनौने छलाह। समग्रमे कही त मैथिल स्रष्टा कम रहितो कार्यक्रम भव्य तथा सभ्य तरीकासँ सम्पन्न भेल।

कोलकाता, दिल्ली आ पटनाक बाद अकास तर बैसकी प्रारूप पर मैथिली साहित्यिक सम्मेलन सँ मैथिली भाषाक जीवन मे अमृतदान होयबाक चर्चा फेसबुक पर वायरल भेल अछि। मैथिली जिन्दाबाद एहि प्रकारक जागरुकताक भरपूर स्वागत करैत अछि।