मिथिला समागम – २९ आ ३० अगस्त मधुबनी मे: प्रश्न अछि केकर मिथिला

मधुबनी, अगस्त २७, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

kaushal kumarयैह २९-३० अगस्त यानि शनि आ रवि दिन मधुबनीक महंथी लाल चौक स्थित फ्रीडम भवन मे ‘मिथिला समागम’ कार्यक्रम केर आयोजन कैल जा रहल अछि। एकर संयोजक उमाकान्त झा बक्शी एहि लेल निरंतर फेसबुक आ व्हाट्सअप आदिक मार्फत आयोजन-परिकल्पना सँ आम जनमानस केँ अवगत करा रहला अछि। एहि लेल आयोजनकर्ता सबहक सम्पर्क नंबर दैत ओ उद्घोषणा कय रहला अछि जे मिथिलाक चौमुखी विकास लेल मिथिलावादी राजनीतिकर्मी मे सचेतना आ एकजुटताक आवश्यकता अछि। वर्चस्वक लड़ाई आ अहं केर प्रश्न सँ ऊपर जाय सार्वभौम मिथिला आ संप्रभु मिथिला लेल समर्पित कार्य करबाक आवश्यकता अछि। ताहि वास्ते ओ सब पक्ष सँ अपील कएलनि अछि जे अहाँ सब गोटा एहि समागम मे सहभागी बनि आगामी समय लेल योजनाबद्ध तरीका सँ कार्य करबाक संकल्प लेल जाउ। आब देखबाक अछि जे एहि उद्घोषणा पर कतेक तथाकथित मिथिलावादी राजनीतिकर्मी एक ठाम आबि पबैत छथि।

आइ कार्यक्रम संयोजक उमाकान्त झा बक्शी एकटा महत्वपूर्ण अवधारणा शेयर केलनि अछि। एहि मे ओ सवाल उठेलनि अछि, उत्तर हुनका अपनहु नहि ज्ञात छन्हि ताहि तरहें ओ आम जनमानस मे विभिन्न वैकल्पिक संभावनाक संग ई मिथिला केकर थीक ताहि पर विचार रखलैन अछि। निश्चित रूप सँ समागम लेल एजेन्डा आ कार्यक्रमक रूपरेखा पर पूर्ण प्रकाश अयबाक लेल एखन बाकिये अछि, मुदा जेना छैन-छैन कय बात सब सोझाँ आबि रहल अछि एहि सँ स्पष्ट अछि जे एकजुटताक रूपरेखा बनेबाक लेल एकटा सुनिश्चित परिकल्पना आ अवधारणा पर आम सहमति बनेबाक लेल ई कार्यक्रमक आयोजन कैल जा रहल अछि। श्री बक्शी अपन विचार निम्न रूप मे रखैत पूछलनि अछि – केकर मिथिला, आउ देखी, हुनकर विचार आ ताकी एकर समुचित समाधान।

umakant jha bakshi“मिथिला सगागम २९-३० अगस्त फ्रीडम भवन, महंथी लाल चौक। मधुबनी के पूर्व आइ अपन भावना व्यक्त करैत छी।

प्रश्न अछि ककर मिथिला ——– मिथिला में रहि कय दुःख सुख भोगनिहारक मिथिला।
———————————- मिथिला सँ बहार रहनिहार मिथिलाक उपेक्षा पर चिन्तित लोकक मिथिला।
———————————- मिथिलाक उपेक्षा पर निःस्वार्थ भाव सँ आंदोलन करैत लोकक मिथिला।
———————————- रोजी रोटीक लेल पलायन करय बाला आ गाम पर आबि घर परिबार के व्यवस्थित करैत लोकक मिथिला।
———————————- मिथिलाक दुःख दर्द व्यथा कथा के उद्घोष करैत साहित्यकारक मिथिला।
———————————- मिथिलाक माटी पानिक प्रति कर्ज़दारक मिथिला।
———————————- मिथिलाक दुख दर्दक उपघोषक कलाकारक मिथिला.
आर ककर मिथिला ?————- अपन स्वार्थ लीन मिथिला आंदोलन में मिथिलावासीक एकता के तोड़निहारक क मिथिला केना ?
———————————- मौज़ मस्ती में रहनिहार कहियो घुमी के मिथिला नहि अयनिहारक मिथिला केना?
———————————- मिथिलाक वर्तमान उपेक्षा पर पर्दा दैत, केवल गौरव गाथा गबैत लोकक मिथिला कोना?
———————————- झूठ फुइसि बाजि मिथिलावासी के ठकैत लोकक मिथिला केना।
———————————- जाती धर्म हज़हबी उन्माद पर राजनीति, अपन उल्लू सीधा केनिहारक मिथिला केना ?

के लड़त मिथिलाक लड़ाई। सोचू मैथिल – मैथिल भाई। भावना व्यक्त कयल। यदि किनको भावना केँ ठेस पहुंचय से नहि चाहैत छी। आउ सब मिलिकय मिथिलाक उपेक्षा सँ मिथिला केँ बचाउ। मिथिलाबासी एकता जिंदाबाद। आर कोनो विकल्प नहि।”

निवेदक –उमा कांत झा “बक्शी”