सावन आयल साजन यौ – हरिआयल हमर तन-मन यौ

मैथिली दोहा

– शान्तिलक्ष्मी चौधरी, महिषीधाम, सहरसा

सावन

sawan

सावन आयल साजन यौ
हरियाअल हमर तन-मन यौ

झम झम बरखा
छुप छुप राग
दारूर लय संगीत सुनि
छम छम छमकै
हमर उमकल यौवन
गत्तर-गात
डगमग डोलय नख-शिख यौ

हरियर गाछ
हरियर पात
हरियरे सगर जगत लगै छै
खन खन खन
कोनो सुमधुर धुन पर
हाथक दुनू कंगन खनकै छै
सुमधुर भाष लए
झन झन बाजै
अहाँक नाम धs पहिरल
हरियर हरियर चूड़ी यौ

सिंदुर लगेलहुँ
अहीँक सुहाग नाम केर
हरियर साड़ी
लहलह चुनरी
छुन छुन कबदाबै
सीथफुलक झुनरी
घुमि आऊ पीतम बहुत सतेलौ
मनुहारय छथि गौरी
सुरचि हाथ
अहीँ नामक मेंहदी यौ

छी बड़ भागवंत जे
हम बनलहु
अहाँक सुहागिनी
अर्धांगिनी
सातो जनम बनाकेँ राखब
अहिना
अपन सद्जीवन धरमक
कर्मयोगिनी
हृदय रनिवासक
पद पद सहचरी संगिनी यौ