घुरि आउ मान्या – श्याम दरिहरेक नव मैथिली उपन्यास

बाल मुकुन्द पाठक, पटना। अगस्त २१, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

ghuri aau manyaकथा संग्रह ‘सरसों मे भूत’ आ ‘बड़की काकी एट हाॅटमेल डाॅट काॅम’ सँ मैथिली साहित्य मे बेस चर्चित आ प्रशंसित कथाकार श्याम दरिहरे केर पहिल उपन्यास ‘घुरि आउ मान्या’ बहुत शीघ्र पाठकक हाथ मे होयत.

‘घुरि आउ मान्या’ एकटा ग्रामीण परिवेश मे पलल-बढ़ल, उच्च शिक्षा प्राप्त युवती केर संघर्षमय जीवन यात्राक सजीव चित्रण अछि. एहि उपन्यास मे भारतीय आध्यात्मक संग साइंस केँ, से मनोरंजक आ युक्तीसंगत ढंग सँ समन्वय कयल गेल छैक, जे की अपना-आप मे एकटा विलक्षण प्रयोग छैक. विषयक नवीनता, मनोरंजक शैली आ पोथीक संग अंत धरि बान्हले राख’ बला कथागोयिता एहि उपन्यासक विशेषता अछि.

मैथिली मे बिल्कुल नव आ टटका विषय पर लिखल एहि पोथीक प्रकाशन, शेखर प्रकाशन पटना द्वारा कयल गेल अछि. इच्छुक पाठकवृन्द पोथी कीनबाक लेल 9934666988 वा शेखर प्रकाशन पटना सँ संपर्क क’ सकैत छी. एहि ठाम कमेंट बाॅक्स सँ सेहो पुस्तकक प्रति बुक कराओल जा सकैछ. कुल 286 पृष्ठक एहि पोथीक मूल्य 300 टाका राखल गेल छैक, मुदा जे गोटे एहि ठाम कमेंटक द्वारा वा उपरोक्त नंबर पर फोन क’ अपन प्रति बुक करायब हुनका ई पोथी डिस्काउंटेड रेट 200 टाका मे, उपलब्ध कराओल जायत. प्रकाशक केर तरफ सँ ई ऑफर सीमित समय लेल मान्य अछि।