विनती
– नैना झा
बाबुल मोरे! सोइच समैझ पग धरियौ
पाइ के बदला पाइ न गनियौ
नीक कुटुम्ब कनी देखियौ!
बाबुल मोरे! सोइच समैझ पग धरियौ….
लोभी शैतान भरल अछि जग मे
हुनका छोड़ि आगू बढियौ
नीक हृदय सुशील कुटुम्ब करू
गरीब घृणा नहि करियौ
बाबुल मोरे! सोइच समैझ पग धरियौ….
बड़े जतन सँ बेटी के पोसलहुँ
लोभीक संगे नहि जोड़ियौ
भले श्रमिक हो अहाँके जमायो
बेटी ओतहि पठबियौ…
बाबुल मोरे! सोइच समैझ पग धरियौ…
हमहुँ पढल छी, रोटी कमेबय
पति संग मिलिकेँ बढियौ
सत मेहनतिके कमाय सँ देखू
बाल बच्चा केँ पोसियौ…
बाबु मोरे! सोइच समैझ पग धरियौ….