मुंबई, अगस्त १६, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
हालहि ल्युकोमिया रोग सँ ग्रस्त एक मैथिल बालक केर मुंबईक टाटा कैन्सर अस्पताल मे इलाज हेतु सामूहिक सहयोग संकलन हेतु कैल गेल पहल – दहेज मुक्त मिथिला समान पुरान-प्रतिष्ठित संस्थाक आगू बढि प्रयास केँ आगू बढायब – आ मैथिल केर विद्यमान् दुर्गुण जे कोनो-न-कोनो बात पर नाक मे खूट्टी गड़त आ फेर जन्म होयत एक नव संस्थाक; एहि तरहें मुंबई केर मस्तानी धरती पर सेहो दिल्लिये दिलवाली भूमि समान नव हावा बहल आ बनि गेल अछि एकटा नव संस्था ‘मैथिल सेवा संस्थान’।
फेसबुक आर व्हाट्सअप पर अपडेट देल गेल मुताबिक कोनो विपत्ति मे घिरल मैथिल केँ सहयोग करबाक लेल एहि संस्थाक स्थापना कैल गेल अछि। एकर संस्थापक सदस्य सगुन मिश्र जानकारी दैत बतौलनि अछि जे ‘हम सब नवतुरिया एकटा मैथिल सेवा संस्थान नामक संस्था केर निर्माण केलहुँ अछि। एकर उद्देश्य मात्र मैथिल केर सेवा केनाइ अछि।’ एहि संस्थाक लगभग चारि पानाक संविधान केँ सार्वजनिक करैत ओ एकरा पढलाक बाद इच्छूक व्यक्ति सब सँ एहि मे जुड़बाक अपील सेहो केलनि अछि।
स्रोत सँ भेटल जानकारी मुताबिक उपरोक्त चिराग सहयोग प्रसंग मे दहेज मुक्त मिथिलाक संरक्षक पंडित धर्मानन्द झा द्वारा नवतुरिया सदस्य सब केँ धरफरा कय कोनो निर्णय नहि करबाक अभिभावकत्व सँ नियंत्रित करबाक प्रतिक्रिया एहि नव संस्थाक उत्पत्तिक कारण मानल जा सकैत अछि। तहिना, दहेज मुक्त मिथिला मुम्बई ईकाइ जाहि मे काफी रास गंभीर, अनुभवी आ अनुशासित सदस्य लोकनि सेहो जुड़ल छथि; हुनका सबहक मतानुसार कोनो निर्णय आपसी विमर्श सँ हेबाक चाही, नहि कि जोश-जोश मे आ भावना मे बहिकय जेहो-न-सेहो निर्णय करैत बाद मे विवाद उत्पन्न होयबाक अवस्था बनाबी। किछु एहि तरहक द्वंद्व आ नवतुरिया सदस्य लोकनिक जोश आपस मे टकरायल जेकर फलस्वरूप एहि नव संस्थाक उत्पत्ति भेल मानल जाइत अछि। उद्देश्य सदिखन पवित्र रहैत छैक, मुदा संगठन मे जाबत अनुशासन नहि होयत, ओकर संचालन सब दिन टूटपूंजिया जेकाँ होइत छैक। अत: मैथिल केँ सदिखन ई ध्यान मे राखिकय नव संस्थाक निर्माण करबाक चाही जाहि सँ ओकर आयू सेहो दीर्घ होयत आ परिणाम सेहो सार्थक।