किछु कहबाक अछि!
बस तुरन्ते बाबाधाम सँ आबि घर मे झोरा-झपटा राखिकय ई समाद अपने समस्त शुभेच्छु-इष्टमित्र लोकनि लेल लिखि रहल छी, पिछला एक सप्ताह केर तीर्थयात्रा मे व्यस्त रहबाक कारण बस यदा-कदा फोटो अपडेटक संग कुशल-क्षेम कहैत रहल रही… मुदा अपने सबहक आबि रहल जबाबी क्रिया-प्रतिक्रिया केवल बाबाक ‘बोलबम’ मंत्र मे समाहित कय देबाक चलते एहि पोस्टक मार्फत एकमुष्टे ‘धन्यवाद’ ज्ञापन कय रहल छी। देवाधिदेव महादेवक कृपा हमरा सब गोटा पर सदिखन बनल रहय।
यात्रा मे बहुत किछु नव सिखबाक लेल पूर्ववत् अहु बेर भेटल। दिनानुदिन कम समय मे बेसी नीक परिणामोन्मुखी कामर यात्रा केर अभ्यासक क्रम मे एहि बेर प्रगति भेल। सुल्तानगंज मे सरकार केर व्यवस्था काफी नीक छल। बिहार सरकार एहि बेर काफी सजग आ सम्हरल देखायल, निश्चिते चुनावी वर्ष मे एहि तरहक खुशनुमा माहौल जनता केँ सुखी बनबैत छैक।
गंगा घाट तक जयबा लेल बैरिकेडिंग सँ चुस्त-दुरुस्त प्रशासन सजग बुझायल, गाड़ी पार्किंग सँ लैत भीड़ नियंत्रणक समस्त उपाय दुरुस्त छल। स्वच्छता आ सड़क निर्माण सेहो चौकस छल सुल्तानगंज मे। गंगाक किनारा मे कामरियाक स्नान करबाक लेल सेहो बाँसक घेरा मजबूती सँ देल गेल छल। ताहि पर सँ मोटर बोट द्वारा सुरक्षा प्रहरी जबान निरंतर पेट्रोलिंग कय रहल छल। कोनो प्रकारक अप्रिय घटना कतहु नहि घटय एहि बात नीक ध्यान राखल गेल छल।
रास्ता मे यात्री ठहराव व शौचालय आदि नव रूप मे निर्माण कैल गेल छल। रौशनीक इन्तजाम सेहो जगह-जगह देखायल। बाट सब सेहो सुन्दर महीन बालू सँ आच्छादित कय देल गेल छल। मुंगेर आ बाँका जिला प्रशासन द्वारा सेहो अपन-अपन क्षेत्र मे सूचना केन्द्र, सहायता केन्द्र, स्वास्थ्य सेवा आदिक बेहतरीन इन्तजाम कैल गेल छल। नितीश सरकार केँ एहि सब लेल धन्यवाद देबय पड़त। अपेक्षा आ आशा एना करी जे चुनावी वर्ष जेना चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था हरेक वर्ष हर सत्तासीन सरकार द्वारा जनहित मे कैल जाय।
ओना तऽ बाबाधामक रास्ता मे स्वस्फूर्त खेबाक, ठहरबाक, विश्राम करबाक, पेयजल, आदिक भरपूर सुविधा स्थानीय लोक वा बाहरी लोक द्वारा लगायल गेल बड़का-बड़का दोकान द्वारा पूरा कैले जाइत रहल अछि, अनेको संस्था द्वारा सेहो नि:शुल्क सेवा शिविर सब लगायल जाइते रहल अछि, एहि बेर नव बात ई देखायल जे भोजपुरी-छपरिया व विभिन्न स्थानीय भाषाक फूहर भक्ति गीत जाहि मे ‘भौजी, सैंयाँ, सजना, सजनियाँ, आदि’ शब्दक संग ‘ड्राइवर’ शब्दक विशेष प्रयोग रहैत अछि ताहि पर बाहर-बाहर सँ ‘नाचयवाली’ सब केँ बजाय मंच सजाय नचायल जा रहल छल आ ताहू नाचक आनन्द लेनिहार सैकड़ों गँजेरी-मनचला भक्त कामरिया सब खूब उछल-कूद कय रहल छल आ ‘मुम्बइया डान्स बार’ सब जेकाँ एतहु रुपया ओहि नाचयवाली पर लूटायल जा रहल छल। पता नहि, ई ‘धक-धक करत करेज’ आ ‘कैसे देवघर जाइब हे भौजी’ आदि गीतक प्रदूषण संग ई नया थिरकी-गर्ल केर प्रयोग कोन तरहें ‘२०-२० क्रिकेट’ जेकाँ नव परिणाम सब देखायत, मुदा एतेक तऽ तय अछि जे महादेव केँ सेहो तेसर आँखि खोलबाक जरुरत पड़ि जाइन तऽ अतिश्योक्ति नहि मानि सकब।
एहि बीच मे मैथिली आ मिथिला अपन स्वच्छ छवि केँ एहि बाट मे आइयो ओतबे महत्त्वक संग निर्वाह करैत अछि से विश्वास बढि गेल। कारण मिथिलाक्षेत्रक कामरिया बंधु अहु महिना मे पवित्र गंगाजलक भार (कामर) लय बड़ा नियम-निष्ठा सँ चलबाक लेल प्रतिबद्ध रहैत छथि। एतेक चिकरब-भोकरब गीतक संग मैथिलीक मिठास भले रुचि रखनिहारे टा केँ सुनाइत हेतैक, मुदा ई तय अछि जे मैथिली-मिथिला अपन चौजुगी झंडा एतय गाड़ि देने अछि आ सच पूछी तऽ एहि बाटक राजभाषा मैथिली मात्र रहैत अछि। दोकानदार सँ लैत सेवा देनिहार वर्गक भाषा मैथिली – प्रियगर व्यवहार कएनिहारक भाषा मैथिली – सहिष्णुता आ भक्तिक सुन्दर संयोग सँ दर्शन करौनिहारक भाषा मैथिली – हमरा गर्व अछि जे एहि परंपरा केँ मिथिला बहुत उच्च दर्जाक मानिकय रक्षा करैत रहल अछि, करैत रहत।
पुन: बाद मे….
हरि: हर:!!