विशेष संपादकीय
अखिल भारतीय मिथिला संघ – अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति – मिथिला राज्य निर्माण सेना आ आब ‘मैथिली साहित्य महासभा दिल्ली’ – ई सब संस्था आ समूह अपन विशिष्ट उद्देश्यक संग दिल्लीक मैथिली-मिथिला परिवेश केर पोषण एहि तरहें केलक अछि जाहि सँ मैथिल केर भविष्य दिल्ली मे उज्ज्वल बनि गेल अछि।
राजनैतिक अधिकार मजबूत भेने बिना आन कोनो सम्मान ओतेक गणनीय नहि होइत अछि। वर्तमान परिवेश मे विधानसभा आ सांसद दुनू मे दिल्ली मैथिल केँ सम्मान देबाक कीर्तिमान् स्थापि कय चुकल अछि। आगामी समय मे आरो एकजुटता बढत आ ई सम्मानक दायरा निश्चित तौर पर बेसी होयत।
सामाजिक संस्कार मे दिल्लीक पहिचान मैथिलीभाषी सँ परिभाषित होमय लागल अछि। एहि सँ पूर्वो कोलकाता जखन देशक राजधानी रहल तहियो मैथिल अपन मड़ौसी सँ दूर जाय देशक सेवा लेल राजधानीक्षेत्र केर मूल योगदानकर्ता बनबाक कीर्तिमान बनेलनि। तहिना वर्तमान समय मे समस्त भारतक राजधानी दिल्ली मे मैथिल केर उपस्थिति लगभग हरेक क्षेत्र मे देशसेवा लेल नव-नव कीर्तिमान बना रहल अछि।
मैथिल नारी नहि छथि बेचारी – ई विषय डा. उषा किरण खान द्वारा चुनल गेल छल। अमित आनन्द केर संयोजन मे व्याख्यानमालाक प्रारंभ करबाक निर्णय केर ई पहिल आगाज एतेक मूल्यवान् विषय केँ छूलक जाहि सँ नारीशक्ति केर मातृशक्ति होयबाक स्वयंसिद्ध तथ्यक आदर भेल। स्वयं डा. उषा किरण खान केर व्याख्यान आ ताहि कार्यक्रम मे गोआक राज्यपाल मैथिल नारी डा. मृदुला सिन्हाक आगमन आ ओत्तहि प्रकृति-निर्मित परिस्थिति सँ तेसर नारी राजविराज (नेपालक सप्तरी जिला मिथिलाक्षेत्र) सँ एहि कार्यक्रम मे सहभागिता देबाक निर्णय कय मानू जेना सरस्वती, लक्ष्मी आ पार्वती तिनू देवी एकठाम पहुँचि दिल्लीक मैथिल नारीशक्ति केँ आशीर्वाद देलीह जाहि सँ निकट भविष्य मे मैथिल नारीशक्ति सेहो अपन पहिचान केँ आरो सुदृढ बनेबाक लेल किछु न किछु उत्कृष्ट प्रदर्शनी सँ प्रारंभ कय किछुए समय मे दिल्लीक रामलीला मैदान सन विस्तृत स्थान पर विशाल मैथिल महासम्मेलनक सूचना केँ आरो पुष्ट कय देलक अछि।
मैथिल पहिचान केँ पुनर्स्थापित करबाक लेल आब सौराठ सभा या ससौला सभा या कोनो ऐतिहासिक सभा मिथिलाक कोनो स्थान पर ओतेक प्रभावकारी नहि अछि जतेक हस्तिनापुर मे स्थापित जनकवंशीय परिवारक अधिपत्य सँ दिल्ली मे अछि। २०१३ केर ओ कवि एकान्तक चारि-दिवसीय उपवास मे लेल गेल निर्णय जे मैथिल अपन सामूहिक शक्ति प्रदर्शन दिल्लीक रामलीला मैदान मे करैथ, से आब लगभग बारह आना पूरा भऽ चुकल अछि। बस किछुए समय आर बाकी अछि जखन दिल्लीक टोले-टोले दुर्गा पूजाक ढोलिया सँ ढोल पीटैत घरे-घर माताजीक मन्दिर मे आबि दीवारी लेसबाक सूचना देनाय तक लेल देरी अछि। ई जागरण एहेन अछि जे मैथिल केर पहिचान केँ भारतीय संविधान मे ससम्मान सहित स्थापित करत।
मैथिली जिन्दाबाद!!