दिल्ली, जुलाई २ अगस्त, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली साहित्य महासभा दिल्ली द्वारा आयोजित प्रथम विद्यापति स्मृति व्याख्यानमाला मे ‘मिथिलाक नारी नहि छथि बेचारी’ विषय पर पद्मश्री डा. उषा किरण खान द्वारा व्याख्यान कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न भेल। एहि कार्यक्रम मे डा. खान द्वारा मिथिलाक नारी कोना अपन सुखायल छाती जाहि मे दूधक एको कतरा नहियो रहला पर अपन बच्चा केँ देशक उच्चतम् पद धरि पहुँचाबैत छथि ताहि बातक उदाहरण दैत वर्तमान मिथिला नारी समाजक अन्तर्शक्तिकेँ सभाक सोझाँ रखैत पुरुष समाज केँ ललकारा देली जे आब अहीं सब पर अछि जे एहि मातृशक्तिकेँ कोना ‘बेचारीपना’ सँ ऊपर लऽ जाइत वर्तमान समयक प्रगतिशीलता केँ नारी-पुरुष एक समान बनैत बढा सकैत छी। एहि कार्यक्रम मे विशिष्ट अतिथि नेपाली मिथिलाक राजविराज सँ दिल्ली पहुँचल करुणा झा मिथिलाक नारीक यथार्थ स्थिति पर आलोचनात्मक संबोधन करैत फेर सँ पुरुष समाजहि पर भार देली जे मिथिलाक नारी ताबत धरि बेचारीपन सँ ऊपर नहि जा सकैत छथि जाबत धरि अहाँ सब अपन कोनो आयोजन मे हुनका पर अग्रभूमिका निर्वहन हेतु भार देबाक संग-संग पूर्ण सहयोग नहि करबन्हि। ओ अपन संबोधन मे पौराणिक इतिहासक संग मिथिला समाजक परंपरागत पिछड़पण पर प्रहार करैत संबोधन केली जे मिथिलाक नारी मे सब सामर्थ्य रहितो सहभागिता न्यून होयबाक कारणे बेचारीपना खत्म भऽ गेल से नहि कहल जा सकैत छैक। संपूर्ण दिल्ली सँ यदि सभागार मे ३०० सँ ऊपर पुरुषक सहभागिता हो आ नारी समाजक सहभागिता मात्र २० सँ ३० रहय तऽ ई बेचारीपना स्वत: अपन विपन्नताक गान अपनहि करबाक उद्धरण रखलीह करुणा झा।
सभाध्यक्ष आ आजुक कार्यक्रम मे अपन अनमोल समय देनिहाइर गोआ केर राज्यपाल महामहिम डा. मृदुला सिन्हा मिथिला समाज मे नारीक भूमिका पर लोकगीत आ लोक-परंपराक अमूल्य स्वरूपक रक्षा केनिहाइर नारीक ओहि रूपक चर्चा केली जाहि मे नारी गीतहि केर माध्यम सँ अपना सहित संपूर्ण पुरुषसमाज पर्यन्त केँ एकटा सद्मार्ग केर उपदेश करैत आइयो सीता समान पतिव्रता आ शक्तिशाली देवी बनि पोषण कय रहली अछि ताहि बात सँ आत्मसात करौली। वास्तव मे प्रमुख अतिथि डा. मृदुला सिन्हा आइ अपन जीवनक प्रखरतम् प्रदर्शन सँ अपनहि प्रिय विषय मिथिलाक लोकगीत आ तेकर स्वरूप सँ कोना मानव समाज केँ सुसभ्य बनेबा मे नारीक योगदान अछि तेकर खुलेआम संबोधन करैत समस्त सभा-सहभागी केँ धन्य-धन्य कय देलीह, ई प्रतिक्रिया समस्त दर्शक द्वारा देल गेल।
सभा मे मैथिलीभाषी प्रशासक सँ लैत अन्य व्यवसायी व सामान्यवर्गक जनसमुदायक भव्यतम् उपस्थिति देखल जा सकैत छल। मुख्य वक्त डा. उषा किरण खान सहित सभा मे आयोजनकर्ताक तरफ सँ अमर नाथ झा आ हेमन्त झा केर संबोधन केर भरपूर सराहना कैल गेल। दिल्ली मे उपस्थित लाखों मैथिल समाज आजुक दिन केँ इतिहास मे स्वर्णाक्षर मे लिखय जाय योग्य कहैत आगामी समय मे नारी समाजक भूमिका महत्वपूर्ण होयत से आश्वासन दैत देखेला। इन्दौर सँ आयल पत्रकार, विद्वान् तथा मैथिली अभियानी पंकज झा कहलनि जे विषय संबोधन सँ लैत मुख्य अतिथिक संबोधन आह्लादकारी छल। निश्चित रूप सँ एकर प्रभाव भविष्य मे कोनो मैथिली कार्यक्रम मे नारी सहित पुरुषक आरो सार्थक सहभागिता सँ स्पष्ट होयत।
कार्यक्रमक आयोजक तथा मैथिली साहित्य महासभा दिल्लीक संस्थापक संजीव सिन्हा आजुक कार्यक्रम सफलताक श्रेय उपस्थित विशाल जनमानस केँ दैत सब किछु मैथिली यानि सीताक विशेष अनुकम्पा केँ देलनि। ओ कहलनि जे ईमानदारिताक संग हमरा लोकनि अपन मातृभाषा आ संस्कृति प्रति समर्पित रहैत एहि तरहक आयोजन करैत रहब। आगामी मातृभाषा दिवस २१ फरबरी २०१६ केँ जतय फेर सँ भव्यतम् आयोजन कैल जायत, तहिना युवा साहित्यकार केँ मैथिली भाषाक संवर्धन-प्रवर्धन हेतु एक लाख रुपयाक नगद पुरस्कार सहित सम्मानित कैल जेबाक शुभ समाचार ओ उपस्थित जनमानस केँ देलनि, सेहो जानकारी मैथिली जिन्दाबाद केँ करौलनि। सभाक संचालन किसलय कृष्ण द्वारा आ स्वागत अभिभाषण हेमन्त झा द्वारा कैल गेल छल। तहिना धन्यवाद ज्ञापन संजीव सिन्हा आ विषय पर विस्तार सँ संबोधन सह-संस्थापक अमर नाथ झा द्वारा कैल गेल।
ज्ञात हो जे एहि कार्यक्रमक आयोजन मिथिलाक नारी केँ अपन आत्मशक्ति सँ परिचित होयबाक लेल कैल गेल छल। एहि मे महिषी (सहरसा) केर दुइ प्रमुख संयोजक अमित आनन्द एवं अमित चौधरी केर योगदान अकाट्य छल। विषय चुनाव, वक्ताक निर्णय आ कार्यक्रमक संपूर्ण प्रारूप आदिक निर्णय अमित द्वय द्वारा कैल गेल छल। आगामी समय मे सेहो हिनका लोकनिक सक्रियता सँ मैथिली समाज विश्वभरि मे एकताक सूत्र मे बन्हेता एहि भावनाक प्रकटीकरण वयोवृद्ध अभिमन्यु खाँ द्वारा कैल गेल।
कार्यक्रम मे उपस्थिति सुप्रसिद्ध मैथिली तथा हिन्दी साहित्यकार गंगेश गुंजन सहित दहेज मुक्त मिथिला केर संरक्षक एवं मैथिली-मिथिलाक विभिन्न अभियान केर जन्मदाता तथा संरक्षक कृपानन्द झा सहित अनेकानेक विभूति लोकनिक रहल। एहिमे हितेन्द्र गुप्ता, श्रीचन्द्र कामत, विनय झा, कौशल कुमार आदिक उपस्थिति महत्वपूर्ण छल। तहिना कतेको रास आइएएस – आइपीएस मैथिल केर उपस्थिति सँ कार्यक्रमक भव्यताक वर्णन शब्द मे नहि कैल जा सकैत अछि, ई उद्गार अमर नाथ झा अपन प्रतिक्रिया मे व्यक्त कएलनि।