जुलाई ३०, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
आइ एकटा समाचार मे पढलहुँ जे हिन्दी सिनेमाक लोकप्रिय अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा लोकल ट्रेन मे राति केँ सफर केली। मन मे सोचलहुँ जे देखू कि हिन्दी सिनेमाक हिरोइन आ तिनका सबहक ग्लैमर मे कतेक चार्म होइत छैक जे ओ ट्रेन मे सफर केली ईहो समाचार बनि रहलैक अछि। लेकिन मैथिली जिन्दाबाद पर बामुश्किल एखन धरि ४ या ५ कलाकारक परिचय उपलब्ध भऽ सकल अछि। तकलो पर किछु जानकारी भेटब हमरा सबहक वश मे नहि अछि। कारण मिडियाक समर्पण मैथिली प्रति नगण्य छैक। जे छहियो ओ साधनविहीन छैक।
स्रोतक कमी नहि छैक। हम देख सकैत छी जे कलाकारिताक क्षेत्र मे सक्रिय एक सँ बढिकय एक मैथिल अभिनेता, निर्देशक, गायक, कलाकार, निर्माता आदि सामाजिक संजाल पर काफी सक्रिय छथि। लेकिन मैथिली सिनेमा सँ जुड़ल अत्यधिक जानकारी एक-दोसर सँ शेयर करबाक लेल समुचित मंच केर घोर अकाल देखा रहल छैक। आब बुझैत छी जे कोना नीक-नीक पत्र-पत्रिका कनिये दिन मे दम तोड़ि दैत छैक।
पाठक केर कमी नहि छैक। एकटा छोटो टा समाचार लगाउ, ओकरा पढनिहार सैकड़ो मे मात्र एहि मैथिली जिन्दाबाद पर हम सब देख सकैत छी। लेकिन सामग्रीक अकाल बुझा रहल अछि। जाहि मात्रा मे एक-दोसर तक जानकारी पहुँचबाक चाही से नहि पहुँचि रहल छैक। एहना सन अवस्था मे कि मैथिली सिनेमा, कलाकार आ अभिनय आदिक चर्चा आम जनमानस धरि पहुँचि सकैत छैक कहियो? प्रश्न ई छैक। कलाकार सब मे एतेक सचेतना आयब जरुरी जे ब्रान्डिंग केर कार्य मे कतहु पाछाँ नहि पड़ी।