मिथिला राज्य निर्माण सेना कतय हेरा गेल?

आलेख

– प्रवीण नारायण चौधरी

mrns logo1हालहि एकटा रेडियो साक्षात्कार मे मिथिला राज्य निर्माण सेनाक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर नाथ झा सँ सुप्रसिद्ध मैथिली-मिथिला अभियानी एवं सी एफएम ९४.७ मेगाहर्ज राजविराजक स्वामिनी साक्षात्कार लैत समय प्रश्न पूछलखिन जे ई संस्थाक वर्तमान एहेन करगर जरुरतक समय चुप कियैक अछि। ई प्रश्न दिनहु विभिन्न स्रोत द्वारा पूछल जाइत अछि जे आखिर एतेक कम समय मे ओतेब रास उपलब्धि समेटयवला संस्था एना शिथिल या सुसुप्त या मृत कोना भऽ गेल। कतय गेल ओ जोश आ उर्जा जाहि सँ हर सप्ताह – हर दिन कोनो न कोनो उपलब्धिमूलक कार्य होइत छल। आ कि किछु गंभीर आरोप लगौनिहारक आरोप सही मे सच सिद्ध होइत एहि संस्थाकेँ जानि-बुझिकय मृत्युक दान मे दऽ देल गेल। एहेन अनेको रास प्रश्न मिथिला राज्य निर्माण सेना लेल आइ उठि रहल अछि।

विदित हो जे २०१३ केर अप्रील मास मे जन्म लेल ई संस्था बहुत कम्मे समय मे ठोस आ मजबूत कार्य सब करैत अपन एकटा अलगे पहिचान स्थापित कएलक। एहि मे सौंसे भारत आ विश्वक विभिन्न कोण मे पसरल मैथिल सब स्वस्फूर्त रूप मे जुड़लाह। स्वैच्छिक अंशदान सँ एहि संस्था द्वारा विभिन्न कार्यक्रम संचालित कैल गेल। सैकड़ों समर्पित अभियानी अपन मातृभूमि आ मातृभाषाक संग आर्थिक उपेक्षा, लोक-पलायन, बाढि, सुखाड़, आ मिथिलाक विभिन्न कमजोरी पर चिन्तन करय लागल छलाह। ई लगभग सब सजग मैथिल मे राज्यक औचित्य केँ स्थापित कय देने छल। भारत सरकार आ विपक्षक राजनीतिक दल आदि तक एकर पहुँच बनि गेल छल।

कतेको रास धरना, प्रदर्शन, पुतला दहन, सड़क जाम, रेल रोको, रथयात्रा आदि जनजागरणमूलक कार्यक्रम कैल गेल छल। सरकार आ सरोकारवालाकेँ विभिन्न ज्ञापन पत्र आदि सेहो देल गेल छल। उपेक्षाक विरुद्ध ध्यानाकर्षणक सब सँ सहज जरिया बनि गेल छल मिथिला राज्य निर्माण सेना। एहि संस्थाक सबसँ पैघ खासियत छल जे अपन नेतागिरी कम आ दोसर सब नेताकेँ संग दैत एकमात्र लक्ष्य हासिल करब, ओ यैह जे मिथिलाक जनमानस मे ‘मिथिला राज्य’ केर मुद्दाक प्रासंगिकता प्रमाणित करैत जनभावना केँ प्रेरित कय अपन राज्य हासिल करब। एहि लेल गूटबाजीकेँ अन्त करैत सबहक संग लैत अभियान संचालन करब।

परञ्च, मैथिलक दुर्भाग्य कहि सकैत छी, कोनो नीक काज होमय लगैत अछि तऽ ओहि मे गूटबाजीक मसल्ला छीटकय एकता भंग कय देल जाइछ। तहिना मिथिला राज्य निर्माण सेनाक एकता केँ बामोस्किल एकहु साल नहि चलय देल गेल आ मात्र किछु भीतरघाती आ किछु षड्यन्त्रकारी स्वार्थी शक्ति द्वारा एकर समर्पित सदस्य लोकनिकेँ गाइर-माइर सब धमकी दैत – मनमाफिक कार्यक्रमक घोषणा करैत आन्दोलनक मजाक उड़बैत अपन नाम चमकेबाक दुष्प्रवृत्ति सँ एहि सुन्दर संस्थाकेँ लगभग ध्वस्त कय देल गेल। ढेर जोगी मठ उजाड़! जाहि संस्थाक नींब डा. लक्ष्मण झा समान तपस्वी-संतक दूरदृष्टि आ सिद्धान्त अनुरूप तैयार कैल गेल, तेकरा मे स्वार्थी-ढोंगीक योगदान सँ संस्था एहेन लुढकल जे आइ मात्र राष्ट्रीय स्तरक सामाजिक संस्था बनि कागज मे सिमैट गेल अछि आ कतेको मास सँ एकर न एकहु टा मिटींग भेल, न योजना बनल आ न कतहु कोनो तरहक प्रस्तुति, ज्ञापन आदि देल गेल।

संयोग एक्कहि टा नीक भेल जे संस्थाक पंजियन सम्भ्रान्त आ सुशील व्यक्तित्वक संग सुरक्षित रहल, ताहू पर कौआलोल मारल जा रहल छल, मुदा एकरा कोनाहू ओहि ठाम सुरक्षित राखल जा सकल। धरि कागजक सुरक्षा सँ मुद्दाक रक्षा केना हेतैक? ई चिन्ता स्वाभाविके होइत छैक जनमानस मे। लेकिन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर नाथ झा अपन प्रखर संदेश सँ उचित समय पर आरो नीक जेकाँ मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा काज कैल जेबाक वचन देलनि जनमानसकेँ, एहि भरोसा पर हम सब इन्तजार करी जे ई संस्था पुन: जीवित होतय आ पहिने जेकाँ सब संस्थाक संग कन्हा सँ कन्हा मिलाकय कार्य करत। हमरा बुझने बिहार चुनाव सँ पूर्वे ई संस्था अपन पावन उद्देश्य संग पुनर्जीवन पाओत, एहि लेल काफी रास सक्षम आ सामर्थ्यवान् नेतृत्वकर्ता आपस मे वार्ता कय रहला अछि। शुभ समाचार शीघ्रे भेटय – यैह हमरो कामना अछि

आउ, एतय एकटा पुरान लेख एहि क्रम मे राखी जे मिथिला राज्य निर्माण सेनाक बहुत रास कार्यक लेखा-जोखा कएने अछि:

व्यक्ति आ संस्थामे फरक

मार्च २२, २०१४/विराटनगर

मिथिला राज्य निर्माण सेना एक नवनिर्मित संस्था रहितो लक्ष्यप्राप्ति लेल प्रतिबद्ध आ दीर्घजीवी संस्था थिकैक। एहिमे समयक अन्तरालसँ बहुत तरहक नेतृत्वकर्ताक प्रवेश भेलैक अछि आ आपसी तानातानीमे जरुर किछु ठमकल, किछु सहमल, किछु अनर्गल, किछु भडकल, किछु गडकल आ किछु सरकल क्रियाकलाप सब भेलैक अछि। लेकिन याद रहय, संक्रमणकालीन अवस्थामे एहि परिस्थितिक प्रवेश अस्वाभाविक नहि बल्कि वांछित सेहो छैक।

अप्रील २०१३ सँ निरन्तर एकमात्र लक्ष्य ‘मिथिला राज्य लेल जन-जागृति’ केर उद्देश्यसँ कार्यरत मिथिला राज्य निर्माण सेना बहुतो तरहक चरणसँ गुजरलैक।

पहिले रथयात्रा १: सीतामढी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, मधेपुरा तथा सहरसा।

फेर यात्रा २: सुल्तानगंज (भागलपुर) सँ असरगंज-तारापुर (मुंगेर), रामपुर, कुमरसार, जिलेबिया, सुइया, अभ्रक्खा, कमरिया (बाँका), इनारावरण, गोरियारी होइत बाबाधामक कामरिया पथ पर लाखों श्रद्धालू भक्तक बीच मुद्दा-स्थापित करबाक उद्देश्यसँ देवघर तथा वासुकीनाथधाम (दुमका) धरिक ६ दिवसीय यात्रा।

फेर यात्रा ३: अहिल्यास्थानसँ शुरु करैत दरभंगा व मधुबनीक भितरी ग्रामीण भेगमे दुर्गा-पूजा समान शुभ अवसर पर विशाल जनमानसक ध्यानाकर्षण करैत उच्चैठ भगवतीस्थान धरिक १० दिवसीय यात्रा – मुद्दा स्थापित करबाक उद्देश्यसँ।

बिठौली, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुरकेर विभिन्न जनसभा।

राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक वरिष्ठ नेतृत्वकर्ता सबहक संग सहकार्य।

मैथिली भाषाक प्रचार-प्रसार लेल विश्वविद्यालय सहित दरभंगाक सिनेमा हल मे मैथिलीकेँ प्राथमिकता देबाक लेल अनशन-प्रदर्शन।

नेताक घेराव कार्यक्रम, मुख्यमंत्रीक विरोध, सामाजिक जुल्म प्रति आक्रोश व अनेको मुद्दा पर सजगतापूर्ण प्रदर्शन।

क्षेत्रीय समिति निर्माण तथा आपसी सहकार्य लेल कोर-कमिटी गठन।

वेबसाइट निर्माण।

संगोष्ठी कार्यक्रम।

मैथिली मे प्राथमिक शिक्षा लेल अनशन।

भैर वर्ष कार्य भेल, आब चुनावक समय सेहो संपूर्ण मिथिला क्षेत्रमे एक पैघ सत्याग्रहक आवश्यकता देखाइत अछि।

लेकिन एहि बीच संस्थासँ ऊपर व्यक्ति हेबाक आरोप सेहो मिरानिसे पर लागि रहल अछि। यैह अवस्था कहियो बनल छल, प्रवीण किनको सँ पूछिकय काज नहि करैत छथि, अपना मोने बैद्यनाथ चौधरी बैजुकेँ सर्वमान्य नेता घोषित करैत छथि, आदि-इत्यादि। चलू! प्रवीण तुरन्त अपन नेतृत्वसँ अपनाकेँ किनार करैत आगामी पीढीकेँ संचालन लेल समस्त पद त्याग कय देलाह। तखन वर्तमानमे संस्था कतय अछि? के थिकाह नेतृत्वकर्ता आ ओ जिम्मेवारीपूर्वक संस्थाकेँ किऐक नहि गति प्रदान करैत छथि? प्रश्न छैक लेकिन समाधान साधारण छैक।

आइ मिथिला राज्य निर्माण सेनाक अध्यक्ष श्याम सुन्दर मैथिल अपन नीति बेर-बेर स्पष्ट कय देने छथि। मिथिला राज्य केर माँग पर कोनो दलक घोषणा पत्रमे किछु नहि कहल गेल अछि, ताहि हेतु दलीय समर्थन किनको नहि देल जायत। लेकिन जे व्यक्ति एहि माँगकेर समर्थन मे रहल छथि तिनका सबकेँ समर्थन देबाक अपन वचन पूरा करत संस्था। एहि सूचीमे कीर्ति आजाद पडैत छथि, समर्थन हुनका भेटतनि। हुकुमदेव नहि पडैत छथि, समर्थनसँ वंचित रहता। हलाँकि ज्ञात हो जे ताहि दिन संयुक्त अभियानमे प्रो. उदय शंकर मिश्र संग हुकुमदेवक बयानकेर प्रतिकार कैल गेल छलैक आ एहि लेल नेताजी व हुनक आधिकारिक उत्तराधिकारी तथा सचिव सब कियो ओहि बयान प्रति खेद प्रकट करैत आगामी समयमे एहेन नहि दोहरेबाक वचन देने छथि, तदापि संस्थाक नजरिमे जँ ओ बात नहि आयल तऽ विरोध जारी अछि। हालहि संपन्न संगोष्ठी कार्यक्रममे सहरसासँ संजीव झा, मधेपुरासँ पप्पु यादव तहिना मैथिली लेल अनशनमे काँग्रेस प्रवक्ता प्रेम चन्द्र मिश्र सेहो सहयोग केलैन आ संस्था हुनका सबहक समर्थनमे नतमस्तक रहबाक लेल वचनवद्ध अछि। भाजपाक अध्यक्ष राजनाथ सिंह सेहो सकारात्मक छी कहने छथि, काँग्रेसक हरिश रावत सेहो समर्थन देलनि, जदयू नेता इजहार अहमद समर्थन देलनि, राम विलास पासवान सेहो समर्थन देलनि, संस्था जतहि गेल ओतहि समर्थन भेटलैक। आ विश्वास इहो अछि जे जतहि जायत ओतहि समर्थन भेटतैक।

तखन यदि कतहु कियो मिरानिसे सदस्य संस्थाक सीमा नांघि कतहु अपन व्यक्तिगत घोषणा करैत छथि तऽ आपसी मतान्तर एना सार्वजनिक रूपमे नहि एबाक चाही। संस्था सदा व्यक्तिसँ पैघ होइत छैक। एहि साधारण समझकेँ यदि सेनानी सब आपसेमे उल्लंघन करैत छथि तऽ ई हास्यास्पद आ दुखद सेहो अछि। आन्दोलन व आन्दोलनी लेल विवेक तथा स्व-अनुशासन सेहो बड पैघ परिधि छैक, एहिमे मिथिला माय लेल सब कियो एकजुट रही हम यैह निवेदन करय लेल चाहब। हमर भाजपा प्रेम या अहाँक काँग्रेस प्रेम या केकरो कोनो व्यक्तिगत प्रेमकेँ विरह संस्थापर नहि देल जाय।

(ई आलेख बस किछु पुरान बात संग स्मृति ताजा करबाक लेल राखल गेल अछि।)