‘पेयजल केर स्थायी समाधान हेतु जलाशययुक्त आयोजनाक सम्भाव्यता अध्ययन भ’ रहल य’
राष्ट्रिय समाचार समिति (रासस)
काठमाण्डू, ८ चैतः नेपालक पेयजल मन्त्री प्रदीप यादव पेयजल आपूर्तिक स्थायी समाधान लेल पैघ जलाशययुक्त आयोजनाक सम्भाव्यता अध्ययन भ’ रहल जानकारी करौलनि अछि ।
राष्ट्रिय सभाक आजुक बैसारमे सांसद भुवनबहादुर सुनारक मौखिक प्रश्नक उत्तर दैत मन्त्री यादव कहलनि “सुनकोशी आ राप्ती नदी डाइभर्सन क थोक वितरण प्रणाली मार्फत खानेपानी व्यवस्थापन करबाक योजना अछि।” ओ कहलनि जे एकरा संगहि पैघ जलाशययुक्त पेयजल आयोजनाक सम्भाव्यता पर अध्ययन कार्य आगाँ बढ़ाएल जा रहल अछि ।
गर्मीक माह मे सुखाड़ पड़ला आ समुचित वर्षा नहि हेबाक कारण तराई–मधेशमे कल, नदी–पैनी सब सुखा जेबाक कारण पेयजलक अभाव भ’ जाइछ । एहि समस्याक समाधान लेल डिप ट्युबवेल मार्फत आयोजनाक संचालन कय पानि आपूर्ति बढ़ेबाक योजना सेहो रहबाक बात मंत्री यादव बतौलनि ।
तराई–मधेशक विभिन्न जिलामे भूमिगत जलस्तर घटि रहल अछि, एहि चलते तत्काल समाधान लेल डिप बोरिंगसँ सम्बन्धित आयोजनासभ शुरू कएल जा रहल य । लम्बा समयसँ अधूरा रहल तराई–मधेशक ओभरहेड टैंक सहित २८० पेयजल आयोजनाक संचालन ऐगला आर्थिक वर्षमे करबाक योजना अछि । एहि लेल प्रदेश आ स्थानीय तहसँ समन्वय कयल जा रहल य । चालू आर्थिक वर्षमे अर्थ मन्त्रालयसँ बहुवर्षीय स्रोत सहमति लैत ३८ गोट आयोजना निर्माण कार्य ठेक्का मार्फत आगाँ बढ़ाएल गेल अछि। – मंत्री यादव जानकारी देलनि ।
“अन्तर्राष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकाश केन्द्र (इसिमोड)के सहकार्यमे पहाड़ी तथा हिमाली क्षेत्रसभमे पानिक स्रोत आ जलमुहान सभकेँ पुनर्जीवित करबाक लेल अध्ययन–अनुसन्धान आ संरक्षण कार्य शुरू करबाक योजना अछि। सुरक्षित पेयजलक सुनिश्चितता लेल प्रत्येक खानेपानी प्रणालीमे ‘क्लोरिनेसन युनिट’ लगायल जेबाक प्रक्रिया सेहो आगाँ बढ़ाएल गेल अछि।” – मंत्री यादव कहलनि ।