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संस्मरण आलेख
– प्रवीण नारायण चौधरी
५ दिसम्बर, २०१३ संसदक शीकालीन सत्र जहिया कीर्ति आजाद सांसद द्वारा राखल गेल प्राइवेट मेम्बर बिल मिथिला राज्यक पुनर्गठन हेतु राखल गेला पर बहस हेबाक छल….. एकजुटताक अन्तिम दिवस!
हाल मिथिला राज्य निर्माणक माँग पर सक्रियता सामाजिक संजाल पर फुरसतिया लोक मे बढब चुनावक कारण स्वाभाविके लागल। आर किछु करी नहि करी, एकजुटताक नारा लगाकय अपन दायित्व पूरा भेल बुझनिहार लेल मिथिला प्रेम एहि घड़ी किछु बेसिये देखाय लागल अछि। काजक घड़ी निपत्ता हैब, बाजक घड़ी मे आगुए ऐब! यैह प्रवृत्ति हम मिथिलावासीक सक्षम-समर्थवर्ग मे बेसी देखल गेल अछि। एकटा मेहनत-मजूरी पर चलनिहार वर्ग केँ एहि सबसँ कोनो लेना-देना कहियो नहि रहल, चाहे ओ सामंती युग हो वा आधुनिक समाजवादी-साम्यवादी-पूँजीवादी युग, श्रमजीवी जनमानस केँ मात्र अपन जीविकोपार्जन आ स्वाभिमानक रक्षा टा सर्वोपरि रहल बात हम सब कियो देखैत आबि रहलहुँ अछि।
चर्चाक क्रम मे किछु नव फुरसतियाक अतिशय मिथिला प्रेम हमरा एक बेर फेर सँ लिखय लेल मजबूर केलक अछि, कारण सच्चाई सेहो निरंतर नहि कहैत रहला सँ झूठ बात स्थापित होयबाक खतरा बनि जाइत छैक। हलांकि ई लिखला सँ कोनो उपलब्धि भेटत तेकर गुंजाइश कम्मे बुझाइत अछि, तैयो, हमर अपन अनुभव सँ लिखबाक असैर आजुक समय मे महत्त्वपूर्ण क्रान्ति अनबाक कार्य कय रहल अछि आ एकटा विशाल पढाकू जनमानस निरपेक्ष सत्य टा केँ आइयो सबसँ बेसी सम्मान दैत अछि, ई हमर आत्मविश्वास रूप मे सब दिन स्थापित रहल अछि।
मिथिला आन्दोलन लेल नेता के?
एकटा बैजु बाबु छोड़ि केकरो कोनो तरहक जनाधारो नहि… ताहि हेतु नेता बिन्देसर बाजैथ, कविकाठी सुनैथ – चैत-चैत होइत रहय… एकर अतिरिक्त ई सब केला सऽ कहियो न किछु भेल आ नहिये आगाँ होयत।
सृजनशीलता एकमात्र मैथिल केर धर्म जाहि बले आइ धरि सनातनकाल तक मिथिला जीबित अछि। बस अपन रचनाशीलता सँ छोटो-छोटो डेग उठबैत यदि समाज केँ आ लोकमानस केर हित मे कार्य नहि करब, तऽ बाबाजीक ठुल्लू वला हाल होयत।
राष्ट्रीय दलक वर्चस्व एहि घोपापंथी आ चोंगाचंठी सँ नहि होयत। प्रवीण अहाँ सब केँ जानकारी कराबय जे २०१० ई. सँ लैत २०१२ केर दिसम्बर धरि सबकेँ एक करैते एहि आन्दोलन मे प्रवेश केने अछि। मुदा लोक ततेक घाघ आ टेढ अछि जे कि कहू… ऊपर सँ पापाचारी…. अपन छिद्र केँ भरत नहि दोसरक भूर गानैत रहत।धनाकर ठाकुर मिथिला आन्दोलनक भितरिया दुश्मन?
ई बात जँ हम सीधा कहब तऽ बहुते लोक जे अत्यल्प जानकारी रखैत छथि, हुनका सबकेँ डा. धनाकर ठाकुर प्रति जे सहानुभूति छन्हि ताहि पर चोट पड़ैत बुझेतैन। ताहि हेतु हम बड़ा निर्भीकताक संग ढेर रास तथ्यक आधार पर ई कहि सकैत छी जे डा. धनाकर ठाकुर मे जे गुण छन्हि तेकरा ओ सही दिशा मे नहि लगाय, समर्पण केँ निश्छल आ निष्कपट भाव सँ नहि लगाय, अपन हरमूठाई सँ लगबैत छथि आ यैह कारण ई मिथिला आन्दोलन लेल जाहि तरहक प्रयास होमक चाही ताहि मे बड पैघ बाधा ठाढ करैत छथि। हिनका जखन नकारि देल जाइत छन्हि तखन ई फोन पर अपना केँ एकादशी व्रत सँ लैत प्रदोष आदिक व्रतधारी आ मानू जेना कतेक पैघ संत होइथ ततेक पैघ ब्रह्मचारी बनबाक ढोंग करैत छथि। जखन कि असलियत किछु आर छैक।
मिथिला आन्दोलन मे हमर तीत अनुभव
एहि ठाम हम उमा बाबु जेकाँ उमेरगर आ अनुभवी आदरणीय B.n. Jha (मधुबनी) सर केर उपस्थिति सेहो देखि रहल छी। ओहो लगातार एहि सब प्रयास आ अभियान सब सँ परिचित होइत रहला अछि। एतबा नहि, ओहो धनाकरजी केँ कतेको बेर संग दैत अभियान संचालनक अपन करारा अनुभव सँ साक्षात्कार तक करा देलनि। मुदा फरक ओतय पड़ैत छैक जतय स्पष्ट आ पारदर्शी विचारधारा रहैत छैक।
आइ यदि धनाकरजीक मोन मे मिथिला राज्य केर माँग रहैत तऽ ओ धिया-पुता जेकाँ हमरा धमकी नहि दितैथ जे आब ओ मिथिला छोड़ि कोसी राज्य अलग बनेबाक माँग करता। कहियो कानिकय, कहियो हँसिकय, कहियो तामशमे – एकटा संत पुरुषक लक्षण केर ठीक बिपरीत अनेको रूप-रंग मे ओ कतेको भाव-भंगिमा हमरा सहित कतेको लोक जे हुनकर काफी इज्जत करैत रहल तेकरा देखा चुकल छथि।
हुनकर मानसिक अवस्था ठीक अपनहि नहि छन्हि, मुदा ओ दोसर केँ मानसिक रोगक शिकार तक कहबा मे लाज नहि मानैत छथि….एहि बातक भुक्तभोगी हम स्वयं छी। कतेक कहू…. हम तऽ खुलेआम हुनकर सब सियारी रंग पर इतिहास लिखिकय राखि देने छी अही फेसबुक पर… कतेक लोक केँ खराबो लागल हेतैन… लगबे केलैन…. मुदा ताहि सब सँ प्रवीणक अपन समर्पणक धार पर कोनो असैर नहि पड़ल आ नहिये पड़त।
निरंतर काज होइते रहल अछि आ पहिले सऽ आबे नीक भऽ रहल अछि। हमरा मुद्दा जिबैत चाही आ जनमानसक मस्तिष्क मे बात पहुँचबाक लेल प्रयत्नरत रहबाक अछि। से भऽ रहल अछि। हमरा तऽ हमरे… हमरा संगो देनिहार केँ कि सब कहल गेल आ कोना जेल पठेबाक धमकी देल गेल से बहुतो केँ ज्ञात अछि, उमा बाबु स्वयं केँ हमरा बारे मे ‘देशद्रोही’ तक कहिकय मानहानि कैल गेल। आब बताउ, जे ओहेन लोक मिथिलाक कतेक पैघ हितक बात कय सकैत छथि जे हमर समर्पण केँ गारि पढता? स्वयं बताउ!!
डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजु मे सर्वमान्य नेताक सब गुण विद्यमान्
अपार अनुभव आ कर्मठताक अनेको रेकर्ड बनेनिहार पाइ कमेनाय आ राजनीति केनाय लेल विभिन्न दाव-पेंच केँ हुनक व्यक्तिगत कला-कौशल मानि, आन सब बात मे पूर्ण संत रूप मे जानैत आदरणीय डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजु टा केँ हम सर्वोपरि नेता मानैत छी। हुनका मे सर्वगुणसम्पन्नता छन्हि आ वैह टा मिथिला राज्य केर माँग लेल सही नेतृत्व दय रहला अछि। हम हुनकहि पदचिह्न पर चलबाक प्रण लेने छी। ओ अपन व्यक्तिगत लगानी सँ एहि मुद्दा केँ राष्ट्रस्तर पर जीबित रखने छथि। फूसिये नोर बहेनिहार बहुते देखलहुँ, मुदा किछु अंशदान दैत सफलता दिशि उन्मुख आन्दोलन केँ जियौनिहार कियो कत्तहु नहि अछि।
मिथिला राज्य निर्माण सेना युवा केँ सक्रिय करबाक लेल बनल छल: उद्देश्य सबकेँ एक मंच पर जोड़ि राज्यक आवश्यकता लेल जन-जागरण मात्र
मिथिला राज्य निर्माण सेना नामक युवाक संङ्गोर सबकेँ जोड़िकय एक सँ बढिकय एक काज शुरु केनहिये छल आ कि एहि मे समर्पित एक युवा अनुप मैथिल केँ कोलकाताक कमलेश किशोर झा सँ लैत डा. धनाकर ठाकुर केर चमचइ कएनिहार आरो किछु लोक कान फूकिकय ततेक बड़का नेता बना देलनि आ डा. बैजुक सोझाँ लऽ जाइत कहला कि आब अगुआई ई युवा करता, अपने पाछाँ सऽ संग दियौन… आब बिना दृष्टिकोण आ बिना कोनो अनुभव संङ्गोरल लोक केँ एना कोनो वरिष्ठ योगदान कएनिहारक सोझाँ लऽ जाइत सीधे नेता बना देल जायत तऽ स्वाभाविके कुकूर केँ घी नहि पचबा समान प्रतिक्रिया होयत। आइ न अनुप कोनो जोगरक रहि गेला आ नहिये ओ मिरानिसे…. अति महात्त्वाकांक्षा अनुप मे डाक्टर धनाकर ठाकुरो सँ सौ गुना बढता देखल गेल आ अनुशासनहीनताक पराकाष्ठाक कारणे जतेक समर्पित आ अपन स्वयंसेवा कि सर्वस्व दान करनिहार युवातुर सब छलाह ओ सब चुप भऽ गेलाह आ अगत्ती सबहक हाथे मिथिला राज्य निर्माणक मुद्दा छोड़ि देलनि।मिथिला राज्य निर्माण सेना टूटिकय बनल मिथिला स्टुडेन्ट युनियन
देखिये रहल छी, कहियो विकास केर बात करत, कहियो किछु आ कहियो किछु…. २१ जुलाई अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति द्वारा जन्तर-मन्तर दिल्ली मे पूर्व नियोजित संसद सत्रक प्रथम दिवस अनुसार धरना राखल गेल छल, ओहि मे मजबूती सँ संग नहि दय, एकटा अलगे अपन नाम आ वर्चस्व लेल २४ जुलाई केँ ‘विकासक विभिन्न माँग’ लेल जन्तर-मन्तर पर धरना मे बैसल जेबाक निर्णय भेल। बुजुर्ग २१ केँ तऽ छौंआँ-पौआँ २४ केँ जन्तर-मन्तर तक पर घिनाकय राखि देलक मिथिला आन्दोलन केँ…. ‘बाबु २१ बेटा २४, दु कान दु, दु दहैं बीस’ – यैह हाल अछि। आ अहू छौंआँ-पौआँ केँ मात्र अपन अहं केर पूर्ति लेल डा. धनाकर ठाकुर अपन किछु खास चुगलानन्द-चेला केँ विशेष पैकेज पर काज कराय ध्वस्त कय देलनि मिरानिसे…. । बाजी लगबैत घूरैत छलाह जे देख लेब १ साल मे ई संस्था टूटि जायत… आइयो मुम्बई सँ हुनक एहि उक्ति केँ कोट कएनिहार कतेको युवा ओहि कारी क्षण केँ याद करैत मिरानिसे समान सौंसे भारत मे एकजुट करयवला संस्थाक मृत्यु लेल कानि उठैत अछि। एहेन डनियाह लोक अपनो मिथिला राज्य निर्माण समिति केर नाम ठाढ कय एक बेर मिरानिसे केर नाम चोरी करबाक कूकृत्य सेहो केलनि। कि कहू! ई सब सार्वजनिक लिखितो लाज लगैत अछि… मुदा एतय सब कियो मैथिल छी, बुझियौक सब बात।
एकताक कतेको प्रयास पहिनहु भेल, लेकिन अहं आ स्वार्थक सपना एहि मे सबसँ पैघ बाधा अछि
२०१३ मे जखन एकता बनेबाक सब बाट पूरा भऽ गेल छल तऽ ‘मिथिला राज्य संघर्ष समिति’ जाहि पर डा. धनाकर ठाकुर अपन कब्जा हेबाक दाबा करैत छलाह तेकर अध्यक्ष डा. सत्यनारायण महतो आ महासचिव प्रो. उदय शंकर मिश्र, सदस्य लोकनि डा. बुचरू पासवान, आदि केँ अनुरोध करैत एकटा मंच बनेबाक काज दरभंगा मे १९ अगस्त २०१३ केँ भेल। अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति आ मिथिला राज्य संघर्ष समिति केँ जोड़िकय ‘मिथिला राज्य संयुक्त संघर्ष समिति’ केर पुनरुत्थान भेल। ई पहिनहु भेल छल, मुदा डा. धनाकर ठाकुर अपन जिद्द सँ एकरा तोड़ि देने छलाह। महा-मौगियाह आ चुगलखोरीक आदति सँ मजबूर लोक कहियो नीक काज हेबाक पक्ष मे नहि अछि। हमरा लग डा. धनाकर ठाकुर संग भेल वार्ताक एतेक लंबा पत्राचार अछि जे कहियो आ कोनो सार्वजनिक मंच पर हम प्रकाशित कय सकैत छी। एहि मे हिनकर बेईमान मनसाय स्वत: सब लग स्पष्ट होयत।
उमा बाबु आ बहुत लोक एकता आ एकजुटता लेल नेप चुआ रहला अछि… जखन कि यथार्थ ई छैक जे १९ अगस्त २०१३ दरभंगा मे ऐतिहासिक गठबंधन बनि गेल छल। मिथिला राज्य संयुक्त संघर्ष समिति आ डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजु केँ मिथिला राज्य केर माँग आ आन्दोलन लेल अगुआई करय लेल सर्वमान्य नेता एकटा सर्वदलीय बैसार द्वारा चुनल गेल छल। ओहि ऐतिहासिक फैसलाक सबसँ पैघ गवाह काँग्रेस पार्टीक वरिष्ठ नेता रामनारायण झा एखनहु मौजूद छथि। वैह संयोजन केने छलाह। नीति-निर्माणक प्रो. उदय शंकर मिश्र आ प्रवीण नारायण चौधरी अपन समर्पणभाव सँ मिथिला लेल प्रयास केने छल। मुदा परिणाम – २० तारीख सँ हिनका सब दोकानदारी आ स्वार्थक पराकाष्ठा पर मिथिलाक मुद्दा संग अपन मुह चमकेबाक बर्तन छिनाइत देखि डा. बैजु सहित सबहक चरित्रहत्या करबाक कुत्सित प्रयास होमय लागल।
डा. धनाकर ठाकुर, रत्नेश्वर झा, कवि एकान्त, मिरानिसे केर किछु सदस्य लोकनि…. ई सब गोटा ओहि समय विद्रोह मचा देला। मिरानिसे सँ अनुप मैथिल केँ ओहि वृहत् समिति मे राखल गेल छल, आरो लोक सबकेँ जोड़बाक प्रक्रिया चलि रहल छल। एकटा विशाल सम्मेलन लेल तारीख सेहो निर्धारित भऽ चुकल छल। मो. रियाज खान, दिनेशचन्द्र यादव, मिथिलेश पासवान, आदि केँ विभिन्न प्रकोष्ठक जिम्मेदारी दैत रामनारायण बाबुक नेतृत्व मे बात कतय सँ कतय बढि गेल छल।
लेकिन डा. बैजु केँ हुनकर अपनो सिपहसलार (दिल्ली) एहि संयुक्त संघर्ष समिति सँ बाहर करबाक लेल सब उपाय कयलाह आ बात खत्म!! ५ दिसम्बर २०१३ केर धरना पर अनुशासनहीनताक पराकाष्ठा पर पहुँचैत देखि आदरणीय डा. बैजु ‘जे जतय छी ओतहि सँ काज करू’ कहि सब फेर तितर-बितर भऽ गेल।
प्रवीण ना. चौधरी कान पर हाथ देलक जे एहि बूरित्व आ अपाटक खेल मे पैसा, समय आ उर्जा सब नष्ट कय देब तैयो किछु नहि होयत। बरु अपन प्राकृतिक प्रेम सँ मातृभाषा आ मातृभूमि केर सेवा करू, जनमानस केँ जगाउ, ओ जहिया जागत तहिया स्वत: राज्य आ विकास आ सब किछु उपलब्धिये-उपलब्धि भेटत।
मिथिला राज्य निर्माण सेना केर कार्यशैली स्वस्फूर्त एकता निर्माण करैत छल
- विदित अछि जे मिथिला क्षेत्र मे रथयात्रा सँ जनजागरण करबाक अत्यन्त-महत्त्वपूर्ण कार्य पंडित ताराकान्त झा केर १००० गामक यात्रा उपरान्त शायद मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा मात्र भेल। एहि कार्यक्रम मे कार्यकर्ता, केन्द्र, कोष, क्रियान्वयन लेल सब कियो एक संग रहल। डा. बैजु अपन चीर-परिचित अन्दाज मे ‘दुनू हाथ उठाकय संग छी’ कहि आर्थिक, सामरिक आ भावनात्मक सब तरहक सहयोग केलनि। डा. धनाकर ठाकुर सेहो लाज बचाबय लेल आर्थिक आ सामरिक सहयोग तऽ केलनि, लेकिन कतहु न कतहु मन सँ चोर नहि हँटल छलन्हि ताहि हेतु घड़ी-घड़ीक रिपोर्ट लेबाक लेल जासूस सेहो लगौने रहलाह। प्रवीण नारायण सब महादेव पर सौंपिकय कोनो कार्य केँ यज्ञ समान बुझिकय करैत छैक, बाकी जनैत छथि ओ त्रिशूलधारी स्वयं। हम हिनका पहिनहि चुनौती देने रहियैन जे चोपाह तौर-तरीका सँ हम सब अपन पहिचानक रक्षा नहि कय सकब। एहि लेल किछु नव शैलीकेँ अपनायब जरुरी छैक। मुदा सफलताक समाचार हिनका भेटिते १० जुन केर रात्रि हम घर वापसी करबाक समय मे सुरेन्द्रनाथ बाबुक मोबाइल सँ हमरो संग बात भेलाक तुरन्त बादे सँ ई जे पुन: चुगली-चापरी शुरु केलनि तेकर परावार नहि।
- यात्रा दुइ सेहो ५ जिलाक बोलबम यात्राक संग जोड़ैत भेल छल। लाखों लोक ओहु समय मिथिला राज्यक माँग आ ताहि लेल समर्पित अभियान सँ आत्मसात केने छल। देवघर धरिक माँग आ देवघर केर कोनो कोण मे सभा करबाक शैली केँ हम सरेआम जमीन पर उतारबाक प्रयास टा केने रही। देवघर प्रवेश करिते ओहि ठामक पूलिस प्रशासन सँ आवाज निकलल जे ‘बनाबह मिथिला राज्य, हमहुँ सब मिथिले मे रहब’। लेकिन डा. धनाकर ठाकुर अपन ईर्ष्या आ द्वेष सँ मिरानिसे केर सदस्य बीच ‘बुढियाक फूइस’वला मंत्र पढि अन्त-अन्त मे किछु सदस्यक बीच मतान्तर बना देलनि आ तेकर बाद सँ मिरानिसे लड़ैत-जूझैत अपन अस्तित्व बस एकटा प्रमाणपत्र मे बचाकय रखने अछि। जानि ओ प्रमाणपत्र फेर सँ कहियो हाड़-माँसक मनुष्य तक पहुँचैत जीवन्त हेबो करत कि नहि, ई हमरा विश्वास खत्म भऽ गेल अछि। तथापि, नीक लोक सब छथि जे एकर वर्तमान केँ सुरक्षा केने छथि, तांइ ओतेक नाउम्मीद हम नहि भेल छी।
मिथिला राज्य आ प्रवीणक यात्रा: संस्मरण
