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विश्व खुशहाली सूचकांक मे भारत नीचाँ केना ?

विश्व खुशहाली सूचकांक

औक्सफोर्ड विश्वविद्यालय बेलायतक अर्थशास्त्री प्रोफेसर लोकनि एकटा सर्वेक्षण (सर्वे) प्रकाशित कयलनि अछि ‘विश्व खुशहाली रिपोर्ट’ । खुशहालीक किछु निश्चित मापदंड पर कोन देश मे कतेक खुशहाली अछि, सम्भवतः ताहि गुणे ‘सूचकांक’ तय कयलनि अछि । सांख्यिकीय पद्धति पर विश्लेषण करैत ई सूचकांक निर्धारित कयल जेबाक तथ्य सब अध्ययन उपरान्त ज्ञात भेल ।

एहि सूचकांक अनुसार फिनलैन्ड विश्वक सर्वाधिक खुशहाल देश कहल गेल अछि, सब सँ कमजोर देश अफगानिस्तान केँ कहल गेल अछि । भारत ११८ नम्बर पर अछि । नेपाल ९२ पर । पाकिस्तान १०९ पर । सब सँ अन्तिम मे १४७ पर अफगानिस्तान अछि ।

एक बेर लेल एनडीटीवी द्वारा प्रकाशित समाचार पर एहि तरहक रिसर्च केँ विस्मय भरल दृष्टि सँ देखैत भारत जेहेन शक्तिशाली राष्ट्र आ एकर वर्तमान आर्थिक नीति केर सुधार सँ नित्य सुधरि रहल जीडीपी आदिक आधार पर हम नकारबाक हिसाब सँ खारिज करयवला प्रतिक्रिया लिखलहुँ । एहि प्रतिक्रिया पर भारतीय राजनीति मे मोदी विरोधी, विशेष कय केँ धर्म विशेषक लोक द्वारा काफी टीका-टिप्पणी झेलय पड़ल । तथापि, विमर्श मे जँ भाग ली त पूरा जानकारी जुटाकय अपन स्टैन्ड राखी, सैह भेल ।

सूचकांक निर्धारणक विभिन्न मापक (कारक) कि छैक आ एहि तरहक रिपोर्ट कोना जारी कयल जाइछ से पढ़ल-बुझल, बुझबाक कोशिश कयल, आरो कइये रहल छी ।

विश्व खुशहाली रिपोर्ट दुनिया भरिक देश मे खुशहाली मापन लेल एक सर्वेक्षणक उपयोग करैत अछि । सर्वेक्षण मे लोक सँ ० सँ १० केर पैमाना पर अपन जीवनक मूल्यांकन करबाक लेल कहल जाइत छैक, जाहि मे १० सबसँ नीक संभव जीवन होइत छैक । एकरा बाद रिपोर्ट सबसँ खुशहाल देशक निर्धारण करबाक लेल परिणामक विश्लेषण करैत अछि ।

नीचाँ ओ प्रश्नावली पढ़ू आर १ सँ १० केर पैमाना पर स्वयं मूल्यांकन करू जे अपन जीवन मे अहाँक अनुभव कि कहि रहल अछि ।

१. सामाजिक समर्थन: लोक अपन दोस्त आर परिवार सँ कतेक संतुष्ट अछि ?

२. स्वास्थ्य: लोक कतेक ऊर्जावान अछि आ ओ दैनिक गतिविधि कतेक नीक जेकाँ कय सकैत अछि ?

३. समय संतुलन: लोक अपन समयक कतेक आनन्द लैत अछि, ओ कतेक व्यस्त अनुभव करैत अछि, आर ओकरा लग कतेक खाली समय छैक ?

४. समुदाय: लोक अपन समुदाय सँ कतेक जुड़ाव अनुभव करैत अछि, ओ कतेक स्वयंसेवा करैत अछि, आर ओ कतेक सुरक्षित महसूस करैत अछि ?

५. स्वतंत्रता: लोक अपन जीवनक विकल्प चुनय मे कतेक स्वतंत्र अनुभव करैत अछि ?

६. उदारता: लोक कतेक उदार अछि ?

७. आय: लोक लग कतेक पैसा छैक ?

८. भ्रष्टाचार: लोक अपन देश केँ कतेक भ्रष्ट मानैत अछि ?

सामान्य अध्ययन मे हम कि देखलहुँ जे राजनीतिक स्थिरता आ रोजी-रोजगार संग आवश्यक खर्च जुटेबाक सामर्थ्य, लोक-व्यवहार आ पाबनि-उत्सव आदिक व्यवहारिक खर्चा आदि करबाक सामर्थ्य, भोजन-पानी आ आवास संग पहिरबाक लेल कपड़ा-लत्ता, ओछाइन-बिछाउन आ पाहुन सभक स्वागत आदि लेल समुचित साधन जुटा लैत अछि लोक, त बस एतबे मे प्रसन्नताक ठेकान नहि रहि जाइत छैक ।

भारतवर्षीय संस्कृति मे कबीरक ओ दोहा –

साईं इतना दीजिये जामे कुटुम्ब समाय
मैं भी भूखा ना रहूँ साधू न भूखा जाय

यैह टा सर्वोपरि छैक । आत्मसन्तोष सब सँ पैघ मानल गेल छैक । तथापि एकटा सामान्य भाष्य एहि सब तरहक सर्वेक्षण सँ ठाढ़ होइत छैक तेकरा नहि खण्डित कय सकैत छी ।

लगे हाथ एकटा सर्वेक्षण अपनहुँ सब कय ली । उपरोक्त मापदंड मे अहाँ अपन देश केँ कतेक मार्क्स देब – मैथिलजन जे नेपाल व भारत मे रहि रहल छी, कृपया सर्वेक्षण मे निर्धारित सवालक जवाब ताकी ।

हरिः हरः!!

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