लेख विचार
प्रेषित: रिंकू झा
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
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विषय -#माता -पिता के संतान के प्रति मौलिक कर्तव्य
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माता -पिता के संतान के प्रति मौलिक कर्तव्य एक टा महत्वपूर्ण विषय छय। माता -पिता आर संतान के संबंध दुनिया मे सबसँ अनमोल संबंध होईत अछि। ई संबंध स्नेह, ममता, विश्वास आर सम्मान पर टिकल रहैत अछि। कहय छय जे माता -पिता बच्चा के पहिल गुरु आर मार्गदर्शक होईत छैथ।ओ अपना बच्चा के जीवन मे सही -गलत मे फर्क करब,आर दुनियादारी के ज्ञान सिखा एक टा सभ्य आर जिम्मेदार नागरिक बनय मे मदद करय छैथ। माता -पिता बनब मामुली बात नही होई छय बहुत पैघ आर अपना आप मे एक जिम्मेदारी छिए। माता -पिता के लेल किछु जिम्मेदारी निभेनाई बहुत अनिवार्य होईत छै तखने ओ समाज में एक टा पहचान बना पाबय छैथ।
*एक टा बच्चा के जीवन मे स्नेह, ममता, दुलार बहुत मायने राखय छै, माता -पिता ई सब अपना बच्चा के दय ओकर परवाह करय छैथ कारण माता -पिता स बेशी स्नेह,आर दूलार के दय सकयै।
*एक टा बच्चा लेल स्वस्थ आर सुरक्षित रहब बहुत जरूरी रहय छै। माता -पिता के कर्तव्य बनय छैन्ह कि ओ अपना बच्चा के पौष्टिक आहार दय हर एक परेशानी स दुर राखैथ। बच्चा के सुरक्षित माहौल दैथ। शारीरिक आर मानसिक रूप स सुरक्षित आर स्वस्थ रहय मे मदैति करैथ।
*बच्चा के भविष्य लेल शिक्षा बहुत जरूरी होई छै। माता -पिता के चाहियनि कि बच्चा के समय सँ स्कूल पठाउ हुनकर पढाई मे मदद करी।नीक शिक्षा ग्रहण करय मे मदैति करी।
*माता -पिता के कर्तव्य छैन्हि कि बच्चा के सब तरहक जिम्मेदारी सिखाबी।हरेक काज के लेल जबावदेही लेब सिखाबी। अपना निर्णय के लेल नीक -बेजाए परिणाम भुगतय लेल तैयार रहब सिखाबी।
*किछु फैसला के लेल बच्चा के समर्थन करी। बच्चा के सपना आर लक्ष्य पूरा करय मे हुनकर संग दी। बच्चा के पसंद -नापसंद के ध्यान राखैत कोनो फैसला ली।
*अपना बच्चा के लेल माता -पिता के रुप मे एक टा नीक उदाहरण बनी। बच्चा अपना माता -पिता स बहुत किछु सिखय छै। माता -पिता बच्चाक लेल आदर्श होईत छैथि।नीक आचरण राखी। बच्चा के अपना आचरण स ईमानदार, दयालु,आर जिम्मेदार बनब सिखाबी।
निष्कर्ष यैह अछि कि माता -पिता के अपना बच्चा के खानपान, पौष्टिक आहार व स्वस्थ वातावरण, शारीरिक आर मानसिक विकास के संग -संग व्यावहारिक ज्ञान, सकारात्मक माहौल, भावना के कद्र,नीक शिक्षा आर संस्कार के ध्यान राखैत परवरिश करबाक चाहि। जाहि सँ कि बच्चा पैघ भय समाज मे एक टा जिम्मेदार नागरिक बनय। सामाजिक मान, प्रतिष्ठा आर मर्यादा के ध्यान राखैथ।
माय बाप संतान केर पहिल गुरु आ मार्गदर्शक होई छथि
