विराटनगर, २२ फरवरी २०२५ । मैथिली जिन्दाबाद!!
अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर मैथिली गतिविधि
काल्हि २१ फरवरी ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ पर विराटनगरक गोटेक मैथिली भाषासेवी संस्थाक प्रतिनिधित्व मे नुक्कड़ सभा आ नगर परिक्रमा करैत मातृभाषा जिन्दाबाद संगहि कोशी प्रदेश मे सरकारी कामकाजी भाषा (राजभाषा) रूप मे भाषा आयोगक सिफारिश अनुरूप मैथिली ओ लिम्बू केँ शीघ्रताशीघ्र लागू करबाक मांग सहितक नारा लगायल गेल । जनचेतना प्रसार संगहि कोशी सरकार धरि सन्देश पहुँचेबाक निमित्त ई आयोजन काफी महत्वपूर्ण छल ।
वरिष्ठ भाषा अभियानी ‘मिथिला टाइम्स’ केर प्रकाशक-सम्पादक रामरिझन यादवक संयोजन मे आयोजित अन्तर्राष्ट्रिय मातृभाषा दिवस विशेष कार्यक्रम मे मैथिली एसोसिएशन नेपाल, विराट मैथिल नाट्यकला परिषद्, मैथिली सेवा समिति आदिक सहभागिता छल ।
अत्यन्त कम समय मे घोषित एहि कार्यक्रम मे समयाभावक कारण जनसहभागिताक कमी रहल, परञ्च रजत महोत्सव रूप मे २०२५ सालो भरि मातृभाषाक संरक्षण, संवर्धन आ प्रवर्धन निमित्त कार्यक्रम सब आयोजित होइत रहत आ अलग सँ बेर-बेर आयोजन कयल जायत से जनतब संयोजक यादव करौलनि । कोशी प्रदेश सरकार केँ चेतावनी दैत ओ कहलनि जे यदि दुइ महिनाक भीतर भाषा आयोगक सिफारिश अनुरूप मैथिली आ लिम्बू भाषा केँ प्रदेशक कामकाजी भाषाक रूप मे मान्यता नहि देत त चरणबद्ध आन्दोलन, धरना-प्रदर्शन सँ आमरण अनशन धरिक कार्यक्रम जनआन्दोलन चौक व रोडशेष चौक सँ एकसाथ आरम्भ करब ।
विराटनगरक पर्यावरण आ वातावरण प्रति साकांक्ष अभियन्ता उद्धव केसी संगहि मैथिली-नेपाली भाषाक कवि-साहित्यकार लोकनिक उपस्थिति छल । बिमला देव, शिवनारायण पंडित सिंगल, प्रेम नारायण झाक संगहि विराट मैथिल नाट्यकला परिषदक अध्यक्ष डोमी कामत, मैथिली एसोसिएशन नेपालक अध्यक्ष प्रवीण नारायण चौधरी, महासचिव राकेश देव, समन्वयक इं. विवेक देव, मैथिली सेवा समितिक महासचिव मृत्युञ्जय मिश्र संगहि लिम्बू भाषाक प्रतिनिधित्व कयनिहार दुइ स्रष्टाक सहभागिता मे काल्हिक आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न भेल ।
संसारीमाई स्थान सँ आरम्भ करैत ट्राफिक चौक, जनआन्दोलन चौक, बसअड्डा आ रोडशेष चौक मे नुक्कड़ सभाक आयोजन कयल गेल । मातृभाषाक महत्व, भाषा आयोगक प्रतिवेदन आ नेपालक नव संविधान मे भेटल समस्त मातृभाषा केँ ‘राष्ट्रीय भाषा’क दर्जा पर केन्द्रित चर्चाक संगहि भाषा आयोगक सिफारिशक बादहु ५ वर्ष बिति गेलाक बावजूद प्रदेश सरकार सब द्वारा ‘एकल भाषा’ मे ओझरायल रहब कतहु न कतहु मातृभाषा प्रति शत्रुताक भाव विद्यमान देखबैत अछि आर एहि विरूद्ध आन्दोलनक आवश्यकता अछि । काल्हिक आयोजनक यैह विशेष सन्देश रहल ।