लेख विचार
प्रेषित: आशा चौधरी
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
विषय :- “ लघु कथा— उचित निर्णय (स्वैक्षिक)
(सत्य घटल घटना)
सुषमा अपन माय बापक बड दुलारू धिया रहै ।
जेहने देखै मे सुन्नैरि तेहने पढ़ै मे तेज। सुषमा के पिताजी बैंक मैनेजर रहथिन घर मे कोनो तरहक असुविधा नै छलैक बड नीक सँ लालन पालन भेल छलैक। सुषमा जखन बीटेक कय क’ नोकरी करै लागल तखन ओकर ब्याह बड धूमधाम स भेलैक मधुबनी जिला मे । लड़का सेहो इंजीनियर छलै आ विदेश मे नोकरी करैत छलैक। पूर्ण रूप सँ दहेज युक्त छलै लेकिन ई नै जानि जे कतेक दहेज लेलकै।
लड़का एक नम्बर के कंजूस आ बदमाश छलै । जाबत सुषमा के वीजा बनलै आ ओहो विदेश एलै ताबत फोन पर सेहो खूब कहा सुनी होइ। देबलेब लै सासु ससुर स सेहो कहा सुनी होइत छलैक। पर बेसी विचार नइ कऽ सकल ।
फेर बाद मे जखन सुषमा अपन पति संग रहल तऽ ओकरा बड दुख दै छलै । रहै त’ बड बुधियारि एतय विदेश केर सब तरी घटी, प्रशासन के नियम कानून सबटा पता कय लेलक आ एक बेर भारत आबि सबटा दुख सुख अपन माँ बाप सँ बात विचार कय क कऽ आयल दोसर बेर। सुषमा के संतान होबऽ वला छलैक तैयो ओकर घर वला बड दुख दै छलै ।एक दिन के बात छै सुषमा सेहो नै छोड़लक खूब झगड़ा भेलै । पति मारलकै त’ सुषमा पुलिस के फोन कय देलकै । तुरंत पुलिस आबिकय ओकरा पकड़ि लेलकै । आ बाद मे तलाक भेलै। दूनू अलग रहै छै सुषमा के बहुत मदद भेटै छै ओतय आन सँ। जेना बेटी जन्म लेलकै ओहि मे जतेक खर्च भेलै से एन जी ओ सँ मदद भेटलै । सरकार सेहो ओहि बच्ची के नामे हर महिना नीक पाइ दै छै ।आब सुषमा अपने नोकरी करैत अछि । आ पति स सेहो कोर्ट के द्वारा भरण पोषण के देनदारी भेटै छै। बहुत आराम सँ दिन काटैयै । आब समय बदलि गेलै बहुत सुखी स रहि रहल अछि।
सुषमा अपन सुझबुझ स अपन दिन सुदिन कय लेलक । ओहन खराब पति सँ तऽ एसगरे रहब नीक। ओकर उचित निर्णय सँ जीवन बांचि गेलै।
(सत्य घटना पर आधारित कथा)