लेख विचार
प्रेषित: आभा झा
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
विषय :- “ आजुक युवा युवती के अधिकारक संग कर्तव्यक बोध भेनाइ कतेक आवश्यक
आधुनिक समाजमे युवा युवती के अधिकार सम्मान आ कर्तव्य बोधकेँ अत्यधिक महत्त्व अछि। आजुक युवा पीढ़ी हर क्षेत्रमे सक्रिय रूपसँ भाग लऽ रहल अछि, चाहे ओ राजनीति, शिक्षा, खेल, या सामाजिक सेवा हो। अधिकार आ कर्तव्य दुनू एक-दोसरक पूरक अछि, आ यैह दुनूकेँ बीच संतुलन बना कऽ ही समाजमे समृद्धि आ प्रगति संभव अछि। एहि कारण, आजुक युवा युवतीकेँ अधिकारक संग कर्तव्य बोध भेनाइ अत्यधिक आवश्यक अछि।
सबसँ पहिने, युवा युवती के अधिकारक चर्चा कएल जाए। हरेक व्यक्तिकेँ जन्म सऽ किछ निश्चित अधिकार प्राप्त होइत अछि, जे संविधान द्वारा संरक्षित होइत अछि। यथासंभव, अधिकारक उपयोगमे समानता, स्वतंत्रता आ न्यायकेँ आदर्श अपनायब आवश्यक अछि। खास कऽ, महिलाक अधिकारमे समानता, शिक्षाक अधिकार, काम काजमे समान अवसर आ स्वास्थ्य सुविधा आदि शामिल अछि। युवा युवतीकेँ लेल एहि अधिकारक जानकारी रखनाइ आ हुनकर सही उपयोग केनाइ जरूरी अछि ताकि ओ अपन जीवनमे आगू बढ़ि सकैथ आ समाजमे सकारात्मक योगदान दऽ सकैथ।
मुदा, केवल अधिकारक उपयोगसँ समाजमे शांति आ समृद्धि नहि आबि सकैत अछि, बल्कि कर्तव्यक पालन सेहो जरूरी अछि। अधिकारक संग-संग कर्तव्यक पालन युवा युवतीकेँ एक जिम्मेदार नागरिक बना दैत अछि। कर्तव्यसँ अभिप्राय केवल व्यक्तिगत नहि, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी सऽ सेहो होइत अछि। समाजक प्रति ई जिम्मेदारी निभबैत, युवा युवती अपन कर्तव्यकेँ पालन करैत समाजमे जागरूकता, परिश्रम आ ईमानदारी के संदेश देता। कर्तव्य आ अधिकारक संतुलन सँ ही समाजमे शांति, समृद्धि आ प्रगति संभव होइत अछि।
- युवा युवतीकेँ कर्तव्य केवल अपना तक सीमित नहि होयबाक चाही। समाजक प्रत्येक वर्गक प्रति अपन कर्तव्य के निभेबाक चाही। अगर एक युवा अपन अधिकारक उपयोग करैत अछि, तऽ ओकर कर्तव्य बनैत अछि जे ओ दोसरक अधिकारकेँ सम्मान करै, कानूनकेँ पालन करै आ समाजक प्रति अपन जिम्मेदारी बुझै। समाजमे भिन्न-भिन्न जाति, धर्म, वर्ग आ समुदायक लोक एक संग रहैत अछि, आ सभक अधिकार समान होइत अछि। ऐहन स्थितिमे, युवा युवतीकेँ लेल ई जरूरी होइत अछि कि ओ अपन अधिकारक संग-संग दोसरक अधिकारकेँ सेहो सम्मान करै।आजुक युवा केँ ई बुझनाइ जरूरी अछि जे ओ अपन स्वतंत्रता आ अधिकारकेँ परिवार आ सामाजिक कर्तव्यानुसार संतुलित रूप सँ प्रयोग करैथ।
एहि तरहें, युवा युवतीकेँ लेल देशक प्रति कर्तव्यकेँ बुझनाइ सेहो महत्त्वपूर्ण अछि। आजुक युवा पीढ़ी केवल अपन अधिकारक बारे में नहि, बल्कि देशक प्रति अपन कर्तव्यक बारेमे सेहो जागरूक हुए, जाहि सँ समाजक विकास आ राष्ट्र निर्माणमे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकैत अछि। युवा जखन अपन कर्तव्यकेँ बुझैत अछि, तखन ओ अपन समाज, परिवार आ देशक लेल एक प्रेरणा स्रोत बनैत अछि।
समाप्ति में, हम कहि सकैत छी कि आजुक युवा युवती के अधिकारक संग कर्तव्य बोध जरूरी अछि। एहि संतुलन सऽ ओ अपन जीवनमे ने केवल सफलता प्राप्त करैत अछि, बल्कि समाजक विकासमे सेहो सक्रिय योगदान दैत अछि। अधिकार आ कर्तव्यक बीच संतुलन रखनाइ समाजक लेल आवश्यक अछि ताकि हम एक समृद्ध, समान आ न्यायपूर्ण समाजक निर्माण करऽ सकी। जय मिथिला, जय मैथिली।