चिनियाबदामी (टाइमपास) युगसँ आगू बढ़ैत साहित्य अकादेमीमे मैथिली

किसलय कृष्ण, मधेपुरा । ३० सितम्बर २०२४, मैथिली जिन्दाबाद!!

चिनियाबदामी (टाइमपास) युगसँ आगू बढ़ैत साहित्य अकादेमीमे मैथिली
संदर्भ : फणीश्वरनाथ रेणु आ मैथिली – परिसंवाद
साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली आ मधेपुरा कॉलेज मधेपुराक संयुक्त तत्वावधानमे काल्हि सम्पन्न परिसंवादक परिप्रेक्ष्यमे विगत पन्द्रहियासँ बिहारक भाषायी राजनीतिमे हिलकोर उठल छल आ तें काल्हि आयोजन स्थल पर मिथिले नहि बिहारक आनो क्षेत्रसँ जिज्ञासु सभक जमावड़ा लागल छल ! परिसंवाद सुनि सभकें चुप्पी आ चकबिदोर लागि गेलनि ।
उद्घाटन सत्रमे संस्थापक प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार यादवक अध्यक्षतामे हम अपन संक्षिप्त स्वागत भाषण दैत बीज भाषण रखबाक लेल प्रसिद्ध लेखक आ पत्रकार, इण्डिया टूडेक बिहार प्रभारी अग्रज श्री पुष्यमित्र (निवासी – धमदाहा, पुर्णिया) कें आमंत्रित केलियनि आ ओ अपन शोधपरक भाषणसँ परिसंवादक सकारात्मक आरम्भ केलनि ।
पुन: प्रसिद्ध साहित्यकार, बिहार प्रशासनिक सेवाक अधिकारी आ मैथिली परामर्श मंडल (साअ)क सदस्य डॉ. तारानन्द वियोगी (निवासी- महिषी, सहरसा) विषय प्रवर्तन करैत करीब चालीस मिनटक अपन सम्बोधनसँ रेणु आ मैथिलीक अन्तर्सम्बन्ध सुनबैत उपस्थित तीन सय लेखक, प्राध्यापक, शोधार्थी आ छात्र-छात्राकें सम्मोहित जेना क’ लेलनि । सभागारमे नहि कनफुस्की आ नहि मोबाइलक रिंगटोन । सार्थकताक नव अध्याय लिखि देलनि वियोगी सर…. मुदा ई तँ परिसंवादक आरम्भ छल, एखन विषयक विकासगाथा बाँकी छल ! डा. अभय कुमारक धन्यवाद ज्ञापनक संग उद्घाटन सत्र पर विराम दैत परिसंवाद पहिल सत्र दिस बढ़ल…
एहि सत्रक अध्यक्षता लेल मंचस्थ भेलाह विद्वान आ यशस्वी प्राचार्य, एल. एन. जे. कालेज झंझारपुर डा. नारायण झा सर आ हुनक संगे वक्ता लोकनि मैथिलीक सहायक प्राध्यापक डा. उपेन्द्र प्र. यादव (निवासी- समस्तीपुर), हिन्दीक सहायक प्राध्यापक डा. कुमार सौरभ (निवासी- सुपौल) आ लेखक-कवि, सब रजिस्ट्रार डा. भास्कर ज्योति (निवासी- पुर्णिया) । डा. उपेन्द्र प्र. यादव निर्धारित विषय पर शोधपरक आलेखपाठ केलनि आ तकरा बाद…… ! तकरा बाद तँ दुनू युवा वक्ता चमत्कृत क’ देलनि । डा. कुमार सौरभ आ डा. भास्कर ज्योतिक आलेख सँ स्वयं वियोगी भैया हर्षातिरेक मे !!! भास्कर जाहि ढंगे रेणुजीक कैक दर्जन मैथिली गीत आ कविताकें समेटिकय एकठाम प्रस्तुत केलनि से ऐतिहासिक आ तहिना सौरभ तँ युवा पीढ़ीक श्रेष्ठ आलोक-समीक्षकक पाँतिमे ठाढ़ भ’ गेलाह अपन पहिले कार्यक्रमसँ…. अद्भुत आ आश्चर्यजनक !!! डा. नारायण सरक सारगर्भित अध्यक्षीय उद्बोधनक संग सत्रविराम…
दोसर सत्र मैथिलीक प्राध्यापक डा. रंजीत कुमार सिंह (निवासी-जोगियारा, दरभंगा)क अध्यक्षता आ कवि कुमार विक्रमादित्यक संचालनमे आरम्भ भेल आ वक्ताक रूपमे मंचस्थ रहथि प्रसिद्ध उपन्यासकार, समदिया मिथिलाक सम्पादक श्री सच्चिदानन्द सच्चू (निवासी-रूपौली, मधुबनी), सहायक प्राध्यापक , हिन्दी, बींएन.एम.यू. डा. धर्मव्रत चौधरी (निवासी- बरदाहा, मधेपुरा) आ हम किसलय कृष्ण (निवासी-सहरसा) । सच्चू जी निर्धारित विषय पर आलेखपाठ करैत रेणुक मैथिली कथा नेपथ्यक अभिनेताक महत्वकें रेखांकित केलनि आ कथाकें मैथिलीक शीर्षकथामे सँ एक कहलनि आ पुन: हमर बेर छल, समापनक समयसँ आगू बढ़ि गेल छल घड़ीक सूइया आ तें हम मैथिली फिल्म कन्यादान आ रेणुक प्रसंग आलेखक महत्वपूर्ण पंक्ति सभ पढ़ैत स्किप क’ गेलहुँ शेष समय मित्र धर्मव्रत लेल आ ओ सेहो सौरभ, भास्करक वैचारिकी कें आगू बढ़बैत कतेको रहस्योद्घाटन केलनि । रंजीत बाबूक अध्यक्षीय भाषण आ हमर धन्यवाद ज्ञापन संग परिसंवाद सम्पन्न भेल आ एकटा माइलस्टोन सिद्ध भेल । पत्रकार रोशन कुमार झा पटनासँ आबि डेली लाइव बिहार पर सम्पूर्ण परिसंवादक लाइव केलनि , जे कहियो-कखनहुं आ कतहु सुनल जा सकैत अछि ।
मैथिली परामर्श मंडलक संयोजक आदरणीय नचिकेता सर संग सभ सदस्य प्रति परिवर्तनक बिगुल फूंकैत आयोजन करबा लेल आभार…. एखन एतबे….. शीघ्रे सहरसाक ईस्ट एन वेस्ट टीचर्स ट्रेनिंग कालेजक दूदिना सेमिनारक कथा सुनाएब…!