लेख विचार
प्रेषित: संजू शोभना
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
विषय :- चोरचन पावन के महत्व
“उगह चान की लपकब पुआ” समस्त मिथिलावासी आ तीज के चौठचन पावैन आओर गणेश चतुर्थी के बहुत बहुत शुभकामना आ बधाई #विशेष : ‘चौरचन’ मिथिलाक खास पावैन अछि।
चौरचन पावैन, भादव शुक्ल चतुर्थी के मिथिलाक गाम गाम मे चौठचन्द्र पावैन श्रद्धा सौं मनायल जाई अछि।
जे ई पूजा करै छथि सदा धनवान पुत्रवान आ प्रसन्न रहै छथि। कहल जाई अछि आई चंद्रमा जे कियो खाली हाथ देखै छथि हुनका मिथ्या कलंक लगै छनि। जखन भगवान श्रीकृष्ण पर स्यमन्तक मणि चोरीक मिथ्या कलंक लागि गेलनि त हम आहाँ कि छी। कृष्ण नारदजीक प्रेरणा सौ आहि तिति के गणेश आ चन्द्रमाक पूजा कयलन्हि त हुनक कलंक छुटलनि। तें अपना मिथिला मे ई पूजा कय फल मिठाई लय चन्द्रदेवक दर्शन कयल जाई छनि।
मिथिलानि दिन भरि निराहार रहि पवित्रता सौं नीक नीक पूरी पकवान जेना छनुआ सोहारी, चीनीक फूईट वला पूरी, रंग विरंगक पुरिकिया, टिकरी बना रंग विरंगक फल खासकय सामयिक, मधुर-मिठाई,नारियल, दहीक छाँछी सबसौं डाली कोनियाँ सजा पहिल साँझखन पूर्व सौं ठाँऊ अरिपन देल स्थान पर राखि कलशस्थापन कय चानन रक्त चानन सिनूर यज्ञोपवित अक्षत फूल फूलमाला दूईव वेलपत्र अर्घा पंचपात सौं सुसज्जित भय गणपत्यादि पंचदेवता भगवान विष्णु गौरी आ चौठीचानक पूजा कय बेराबेरी सबटा पुरी पकवान फल सौं सजल डाली हाथ मे लय चन्द्रदेव के दर्शन करै छथि। ओकर बाद आरती कय विसर्जन करै छथि, मरर पर चढाओल खीर पूरी के भांगि सबके प्रसाद वितरण करै छथि। फेर से सबके बहुत बहुत बधाई चोरचन पावनिक ।
जय मिथिला, जय मैथिल, जय मैथिली ।।