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आब सफलता दूर नहि छै !


आब सफलता दूर नहि छै,
ओ दूर भने देखाय,
भोर आब दूर नहि छै,
थकि कs बैसि नै जाउ भाई,
आब सफलता दूर नहि छै I
प्रेरणा बनि गेल लहू केर बूंद, खसल जे पग-पग में,
चमकि रहल,पाछू मुड़ि कs तs देखू पद-चिन्ह जगमग छै,
त्यागलौं नहि हम धैर्य केर भूमि
हारलौं नहि कखनो,पाँव रहल निरंतर चलिते,
बाकी रहैछ होश तखन तक,जखन तक जरैत तूर नहि छै,
थकि कs बैसि नै जाउ भाई,
आब सफलता दूर नहि छै I
अप्पन साँस केर मशाल सँ,अहाँ हृदय चीरलौं तम के,
कतेक राति चललौं अहाँ, दुःख झेलैत कुलिश निर्मम के,
एक राति छै शेष,कोनो विध पार उतरि जाउ,
ओ देखू, ओहि पार जे टिमटिमाईत छै आस अरूण के,
आबि कs एतेक निकट जे ख़सत,ओ पक्का शूर नहि छै,
थकि कs बैसि नै जाउ भाई,
आब सफलता दूर नहि छै I
दिशा दीप्त भs रह ल, प्रातः के धैर्य-प्रकाश छै अहाँक,
लिखल जा चुकल छै अमिट-अक्षर में, इतिहास अहाँक,
जेहि माटि अहाँ सँ छीनलक,वैह फूल खिलाएत,
आकाश पर घन बनि छाय त विश्वास अहाँक,
आर कतेक लेत जाँच,नियति एतेक क्रूर नहि छै,
थकि कs बैसि नै जाउ भाई,
आब सफलता दूर नहि छै I

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