जुलाई २१, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली जिन्दाबाद केर परम सहयोगी आ साहित्यसेवी युवा अभियानी गिरिन्द्रनाथ झा केर पूज्य पिता पंडित गौरी नाथ झा केर देहावसान समाचार
घटक बाबुक नाम सँ प्रसिद्ध पंडित गौरी नाथ झा मात्र ६५ वर्ष केर आयू मे एहि मर्त्यभूमि केँ छोड़ि देलाह – विगत किछु मास सँ अस्वस्थ छलाह आ डाक्टरी सल्लाह अनुसार आराम मे छलाह। हुनक एकमात्र पुत्र आ प्रसिद्ध युवा साहित्यकार – स्वतंत्र पत्रकार तथा अभियानी गिरिन्द्रनाथ झा निरंतर अपन पिताक सेवा मे आर सब दुनियाकेँ छोड़िकय लागि गेल छलाह। पुत्रधर्म सँ पिताक सेवा आ पिताक समस्त कार्यकेँ अपन कार्य मानिकय गिरिन्द्रनाथ शहरक आलीशान सुविधापूर्ण जीवन छोड़ि अपन पिताक कर्मस्थली ‘चनका, पुर्णियां’ लौटि आयल छथि आ पिता समान कृषि केँ सर्वोपरि धर्म मानि अपन जीवन केँ किसानी लेल समर्पित कय देने छथि।
घटक बाबुक जीवन-परिचय
मूल नाम गौरी नाथ झा, मूल गाम इसहपुर (सरिसव पाही, मधुबनी), स्वयं एक समर्पित साहित्यसेवी, मैथिली तथा हिन्दी भाषा केर सेवा मे निरंतर कार्यरत, और पुर्णिया मे बीएमटी लॉ कॉलेज केर संस्थापक सचिव सेहो छलाह घटक बाबु। ओ 65 वर्ष केर छलाह। पुर्णिया जिला केर प्रगतिशील किसान मे एक प्रमुख नाम गौरी नाथ झा केर छल। किसानीक संग-संग साहित्य व समाज सेवा मे सक्रिय रहैथ।
पूर्णिया जिलाक श्रीनगर प्रखंड स्थित चनका गाम हिनक कार्यस्थल बनल छल। एहि गाम केँ ओ अपन किसानीक प्रयोगशाला बनौलनि। एतय ओ अपन तेरह वर्षक किशोरावस्था सँ आधुनिक प्रणाली आधारित कृषि प्रारंभ केलनि। ज्योतिष विद्या मे पारंगत स्व. झा केँ ‘घटक बाबु’ केर उपनाम सँ पूर्वी आ पश्चिमी मिथिला मे लोकप्रियता भेटल छल। हिनक तीन बेटी आर एक बेटा छथि। हिनक एकमात्र बेटा गिरीन्द्र नाथ झा साहित्य और आंचलिक पत्रकारिता मे सक्रिय छथि, संगहि राजकमल प्रकाशन सँ हिनक पहली पुस्तक लघु प्रेम कथा (लप्रेक) प्रकाशनार्थ प्रतीक्षित अछि। स्व. झा किसानी केर क्षेत्र मे कतेको रास उल्लेखनीय काज केलनि। मक्कइ आ केराक खेती मे हिनक प्रयोग जिला भरि मे प्रसिद्ध भेल।
मैथिली जिन्दाबादक तरफ सँ श्रद्धाञ्जलि-सुमन
मैथिली जिन्दाबाद केर समस्त कार्यसमूह द्वारा गिरिन्द्र जी केर दिवंगत पिता हेतु अश्रुपूर्ण श्रद्धाञ्जलि सुमन अर्पित करैत हुनक आत्माक चीर शान्ति लेल प्रार्थना करैत छी।