लेख विचार
प्रेषित: प्रिया झा
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
विषय :- “वर्तमान समय मे पारिवारिक, सामाजिक वा आर्थिक क्षेत्र मे महिला केर भूमिका
आब के समय मे महिला के कार्य गृहे मात्र मे नैय अछि।हर स्तर पर महिला के कार्यक्षेत्र विस्तृत भेल अछि ।
चाहे ओ पारिवारिक होय अथवा सामाजिक वा आर्थिक होय । महिला व्यापकस्तर पर अपन सहयोग दऽ रहल छथिन ।शैक्षणिकस्तर पर सेहो महिला सभ अपन शिक्षा के विस्तृत कएलैथ । कियो शिक्षिका ,प्रोफेसर ,डाॅक्टर इंजिनियर ,लेखिका ,खेलकुद सभ क्षेत्र मे आगु बढ़ि रहलि महिला वर्ग ।
घरक ध्यान रखैत समाजिक आ आर्थिक रुप सँ सशक्त भऽ रहल छैक । अपना पर ध्यान रखैत आर्थिक रूप सँ सेहो मजबुत भऽ रहल छैक। आत्मनिर्भरता लेल सजग भऽ रहल छैक । उद्योग के रूप मे हाथक बनल तिलौरी, चरौरि, कुम्हरौरि, तिसियौरि ,अचार आदिमे अपन सहयोग दऽ अपन स्थान बना रहल छैक ।कला क्षेत्र मे मधुबनी चित्रकला के मेहनत सँ विदेश तक मे पहचान बनेलैथ । आई के समय मे सभ महिला अपन पहचान बनबैय लेल सजग रहैय छैक । सामाजिकस्तर पर सेहो समाज के कार्य मे सहयोग कऽ रहल छैक । अपन सोच के विकसित कएलैथ आ सबल बनबैय लेल सदिखन तत्पर रहैय छैक । आब महिला लेल कोनो क्षेत्र अपरिचित नैय अछि। अपन लुरि व्यवहार सँ परिवार के सेहो सहयोग करैय छैक आ अपन कार्यकुशलता सऽ समाज मे सेहो अपन स्थान बनेलैथ ,आब के महिला बदलि गेलैथ ।
सक्षम ,आत्मनिर्भर आ कर्मठ भऽ गेलैथ । वर्तमान समय मे अपन मेहनत के बलबुते महिला सभ एकटा नीक आ सशक्त स्थान बना लेलैथ । आब तऽ एकटा महिला परिवार के एसगरे भरण-पोषण कऽ रहल छैक । सभ तरहें आत्मनिर्भर आ सक्षम भऽ आब महिला पारिवारिक सामाजिक आ आर्थिक जिम्मेदारी उठबैय मे अहम भुमिका निभा रहल छैक । हर चुनौती स्वीकार करैत हर क्षेत्र मे सक्षम छथि आजुक महिला।