१ जुलाई २०२४ । मैथिली जिन्दाबाद!!
मधेश प्रदेशक लालगढ़ मे मधेश प्रज्ञा प्रतिष्ठान द्वारा ‘समावेशी शब्दकोश’ निर्माणार्थ आषाढ़ १५ आ १६ गते २०८१ (२९-३० जून २०२४) शनि आ रवि दिन दुइ-दिवसीय कार्यशाला गोष्ठीक आयोजन कयल गेल । प्रतिष्ठानक प्रमुख राम भरोस कापड़ि ‘भ्रमर’ मैथिली जिन्दाबाद संग बातचीत मे कहलनि जे ई कार्यशाला गोष्ठी मे मधेश प्रदेशक सब प्रमुख भाषा जेना मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका, नेपाली, उर्दू, थारू, हिन्दी, मगही सहित कुल ८ भाषाक विद्वान् एवं भाषाविद् सभक संयुक्त सहभागिता मे प्रदेशक विभिन्न भाषाक शब्दकोश निर्माण सम्बन्धी विषय पर विशद् चर्चा कयलक । समस्त सहभागी विज्ञजनक राय-सुझाव केँ बाकायदा रेकर्डिंग करैत कार्यशाला गोष्ठी सफलतापूर्वक सम्पन्न कयल गेल ।
प्रथम चरण मे मैथिली शब्दकोश निर्माणक निर्णय लेल गेल
उपरोक्त कार्यशाला गोष्ठी मे सहभागी सर्वभाषाभाषी विद्वान् एकमत सँ निर्णय कयलनि जे मधेश प्रदेशक भाषा मध्य मैथिली भाषाक सर्वाधिक जनसंख्या अछि तथा एकर प्राचीनता आन भाषाक तुलना मे बेसी अछि, ताहि सँ पहिल चरण मे मैथिली शब्दकोश केर निर्माण कयल जेबाक चाही । मधेश प्रज्ञा प्रतिष्ठान द्वारा मैथिली भाषाक संरक्षण, संवर्धन ओ प्रवर्धन लेल ई बड पैघ काज होयबाक सम्भावना बनल अछि । विदित हो जे मैथिली भाषाक पूर्व प्रकाशित शब्दकोश मे एखनहुँ बहुते क्षेत्र मे प्रयोग कयल जायवला शब्द सभक समावेश सम्भव नहि भ’ सकल अछि । एहि तरहक समावेशी शब्दकोशक परिकल्पना सँ मैथिलीक विविध बोली सभक शब्द समावेशित शब्दकोशक वृहत् लाभ होयब सुनिश्चित अछि । ई शब्दकोश मैथिली-मैथिली-नेपाली-अंग्रेजी मे बनायल जायत से जानकारी प्रतिष्ठान प्रमुख राम भरोस कापड़ि भ्रमर देलनि अछि ।
कार्यशाला गोष्ठी मे के-के विज्ञजन सहभागी रहथि –
विद्वान भाषाविद् सह राष्ट्रिय भाषा आयोगक अध्यक्ष गोपाल ठाकुर केर प्रमुख आतिथ्य एवं मधेश प्रज्ञा प्रतिष्ठानक प्रमुख श्री राम भरोस कापड़ि भ्रमर केर अध्यक्षता मे सम्पन्न एहि दुइ दिवसीय आयोजन मे सुप्रसिद्ध भाषा-वैज्ञानिक डा. राम अवतार यादव संग पूर्व भाषाविज्ञानक विभागाध्यक्ष श्री दान राज रेग्मी, भाषाविद् एवं पूर्व प्राध्यापक श्री देव नारायण यादव, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी श्री राम नारायण मंडल, भोजपुरी भाषाक विज्ञ श्री विजय किशोर पाण्डे, उर्दू भाषाक विज्ञ मो. अब्दुल सलाम, हिन्दी भाषाक विज्ञ श्री विनोदकुमार विश्वकर्मा, थारू भाषाक विज्ञ श्री गुडसेन चौधरी, मैथिली भाषाक विज्ञ डा. सूर्य यादव, परमेश्वर कापड़ि व अयोध्यानाथ चौधरी सहित अन्यान्य विद्वान् लोकनि, मगही भाषाक विज्ञ डा. वीर बहादुर महतो आ बज्जिका भाषाक विज्ञ श्री राम आधार पासवान सहित कुल आठ भाषाक विज्ञ सभक उपस्थिति छल ।
मैथिली जिन्दाबाद संग बातचीत मे के कि कहलनि –
डा. राम अवतार यादव बतेलनि जे शब्दकोश मे समावेशिकताक परिकल्पना भाषा विज्ञान द्वारा नहि कयल गेल छैक । परञ्च मधेश प्रज्ञा प्रतिष्ठानक प्रमुख श्री कापड़ि जीक मनसायक प्रशंसा हेबाक चाही जे ओ सब भाषाभाषी केँ एक मंच पर आनि एहि तरहक ‘समावेशी शब्दकोश’ केर परिकल्पना सोझाँ रखलनि । भाषाविज्ञान सँ सुपरिचित प्रत्येक विद्वद्जन हुनक एहि मनसाय केँ भावनात्मक रूप सँ ग्रहण करितो विभिन्न भाषाक लेल अलग-अलग शब्दकोश निर्माणक सुझाव देलखिन्ह । संगहि मैथिली भाषा नेपालक सर्वथा प्राचीन भाषा मानल जेबाक आ मधेश प्रदेशक सर्वाधिक जनसंख्याक भाषा होयबाक कारण प्रथम चरण मे एहि भाषाक शब्दकोश निर्माणक निर्णय कयल जेबाक एकटा उपलब्धिमूलक कार्यशाला गोष्ठी सम्पन्न कयल गेल अछि । आब आगाँ मैथिलीक शब्दकोश निर्माण लेल पूर्व प्रकाशित मैथिली शब्दकोश सभक सिंहावलोकन करब आवश्यक अछि । संगहि शब्द संकलन लेल प्रशिक्षित संकलक केँ स्वस्थ प्रश्नावली उपलब्ध करबैत विभिन्न क्षेत्र मे प्रयोग कयल जायवला एक्कहि शब्दक अलग-अलग रूप आ ओकर अर्थ, व्याकरणिक स्वरूप, लिंग, उत्पत्ति, सन्धि आदिक निर्धारण – आर फेर संकलित शब्द सब पर पुनर्समीक्षा व वृहत् विचार-विमर्श करैत मैथिली शब्दकोशक निर्माण कार्य प्रतिष्ठान द्वारा करायल जेबाक चाही ।
प्रतिष्ठान प्रमुख श्री कापड़ि बतेलनि जे मधेश प्रदेशक बहुभाषिक स्वरूप केँ ध्यान मे रखैत प्रदेश प्रतिष्ठान हमेशा सब भाषाभाषी केँ समेटिकय बढ़बाक कोशिश करैत रहल अछि । सब भाषाभाषी लेल क्रमिक रूप मे शब्दकोश निर्माण करबाक लक्ष्य अछि । प्रथम कार्यशाला मे तेँ सब भाषाक भाषाविद् सभक संयुक्त सहभागिता मे दुइ दिनक कार्यशाला गोष्ठीक आयोजन आयोजित कयल गेल । एकर सकारात्मकता आ सार्थकता एहि बात सँ सिद्ध होइत अछि जे कोनो भाषाभाषीक उपेक्षा बिना प्रथम चरणक निर्णय सर्वसम्मति सँ मैथिली शब्दकोश निर्माण हेतु कयल गेल । एहि सँ पहिने ‘मधेशक इतिहास’ लेखनक चुनौतीपूर्ण कार्य केँ सेहो सभक संयुक्त रायशुमारी सँ वगैर कोनो विभेद वा उपेक्षाक मिथिलाक इतिहासक मेरुदण्ड निर्माणक संग मधेशक इतिहास लिखबाक निर्णय कयल गेल छल ।
सोशल मीडिया पर हबड़-दबड़ प्रतिक्रिया सँ बचबाक सुझाव
श्री कापड़ि सोशल मीडिया मे हबड़-दबड़ वाहियात प्रतिक्रिया प्रति असन्तोष जनबैत कहलनि जे ६ दशक सँ हम मैथिली लेल काज करैत आबि रहल छी, मुदा पदक प्रतिष्ठा केना निमाहल जाय तेकर अनुभव सेहो अपन निरपेक्ष भूमिका संग पूर्ण समावेशिकताक सूत्र पर चलयबला हमरा बुझल अछि । तेँ नकारात्मक प्रतिक्रिया देनिहार सँ यैह कहय चाहब जे पहिने अध्ययन करथि, काजक समीक्षा समुचित अध्ययन उपरान्तहि उचित होइत अछि ।
राष्ट्रिय भाषा आयोग प्रमुख गोपाल ठाकुरक सहमति
कार्यक्रमक प्रमुख अतिथि राष्ट्रिय भाषा आयोग प्रमुख श्री गोपाल ठाकुर द्वारा भोजपुरी भाषाक शब्दकोशक निर्माण मे कि-केहेन चुनौती व कठिनाई सभक सामना करय पड़ल ताहि पर प्रकाश देल गेल छल । श्री ठाकुर केँ भाषा-विज्ञान मे पीएचडी करबाक समय शब्द संग्रह करबाक जिम्मेदारी सहितक थिसिस लिखय लेल भेटल छलन्हि । भोजपुरी भाषा मे तत्सम् शब्दक प्रयोग कम भेटबाक बड़ा रोचक अनुभव सेहो ओ सुनौने रहथि । डा. यादव कहैत छथि जे भाषा वैज्ञानिक सभक दृष्टि सँ ई बहुत पैघ शोधक विन्दु भ’ सकैत अछि । मैथिली भाषा मे मधेश प्रज्ञा प्रतिष्ठान द्वारा पहिने काज होयबाक पुरजोर समर्थन करैत श्री ठाकुर क्रमिक रूपे अन्य प्रमुख भाषाक शब्दकोश निर्माणक सिफारिश सहितक सहमति प्रदान कयलनि ।
आगामी कार्ययोजनाक संछिप्त विवरण
आगामी दिन मे मैथिली भाषाक अनेकन शब्दकोशकार यथा डा. जयकान्त मिश्र, पं. गोविन्द झा, नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित डा. योगेन्द्र प्रसाद यादवक मैथिली-नेपाली-अंग्रेजी शब्दकोश आदिक सन्दर्भ सहित कार्य आगू बढ़ेबाक काज कयल जायत । मैथिली भाषाभाषी सँ फील्ड सर्वेक मार्फत शब्द सभक संकलन करैत ई शब्दकोश तैयार कयल जायत । एकटा निश्चित प्रश्नावलीक तैयारी अलग-अलग क्षेत्रक मैथिलीभाषी सँ जवाब मांगि जवाब मे प्राप्त शब्द सब टिपल जायत । ओ शब्द सब कोना लिखता, प्रश्नावली केहेन रहत, एहि सब विन्दु पर संकलक सब केँ समुचित प्रशिक्षण देल जेबाक कार्य होयत ।
मैथिली जिन्दाबाद सम्पादक प्रवीण नारायण चौधरीक जिज्ञासा सहितक सुझाव जाहि पर आधारित अछि उपरोक्त विस्तृत समाचार
एहि सन्दर्भ मैथिली जिन्दाबाद केर सम्पादक प्रवीण नारायण चौधरी ‘समावेशी शब्दकोश’ मादे एक खुल्ला पत्र प्रतिष्ठान प्रमुख केँ लिखने रहथि – उपरोक्त साक्षात्कार व रिपोर्ट लेल एहि पत्रक जवाब प्राप्त भेला सन्ता ई वृहत समाद प्रकाशित कयल गेल अछि –
आदरणीय राम भरोस कापड़ि ‘भ्रमर’ सर,
(मधेश प्रज्ञा प्रतिष्ठान प्रमुख)
अपनेक अगुवाई मधेश प्रज्ञा प्रतिष्ठान बहुत रास बौद्धिक-प्राज्ञिक कार्य मधेश प्रदेश मे कय रहल अछि से बहुत प्रेरणास्पद बात भेल। काल्हि ‘समावेशी शब्दकोश’ निर्माणार्थ दुइ दिवसीय कार्यगोष्ठीक समाद फेसबुक मे देखल।
हमर पूर्ण सम्मानक संग किछु विन्दु पर अपने सभक ध्यानाकर्षण चाहबः
१. शब्दकोश बौद्धिक आ विद्वत् कार्य होइछ।
२. विद्वत् कार्य लेल एकटा स्थापित सिद्धान्त होइत छैक।
३. शब्दकोश मे ‘समावेशी’ शब्दक प्रयोग किछु राजनीतिक मनसाय केर द्योतक मात्र बुझाइत अछि।
४. शब्दकोश सामान्यता ५ प्रकारक होइत अछि – वर्ण्य विषयक आधार पर कोश पाँच प्रकारक कहल गेल अछि – व्यक्तिकोश, पुस्तककोश, विषय – कोश, विश्व-कोश, भाषा-कोश। व्यक्तिकोश – कोनो एक साहित्यकार द्वारा अपन साहित्य मे प्रयुक्त सम्पूर्ण शब्द सभक कोश भेल। पुस्तक कोश – जाहि मे कोनो पुस्तक मे प्रयुक्त शब्दक अर्थ सहित संग्रह कयल गेल हो। ३. विषयकोश – कोनो विषय सँ सम्बन्धित सामग्री केँ अकारादि क्रम मे सजायल गेल हो, ओकर परिभाषा व अन्य विवरणक सेहो उल्लेख कयल गेल हो। विश्वकोश – एहि कोश अन्तर्गत ज्ञानक समस्त महत्वपूर्ण शाखा पर सारगर्भित जानकारी देल जाइत अछि। अंग्रेजी रूपान्तर ‘इन्साइक्लोपीडिया‘ कहल जाइछ। आर, भाषाकोश – जाहि कोश मे कोनो एक भाषाक शब्द, मुहावरा एवं लोकोक्ति (लोककहिनी, वगैरह) केँ अकारादि क्रम सँ राखैत विभिन्न अर्थ देल गेल रहैछ, तेकरा भाषाकोश कहल जाइछ।
५. सामान्य ज्ञान अनुसार सेहो शब्दकोश एकटा खास तरहक पोथी होइछ जेकरा अंग्रेजी मे डिक्शनरी कहल जाइत छैक। शब्दकोश मे शब्द सबकेँ एक के बाद अकारादि क्रम सँ लिखल गेल रहैत छैक, जेना अंक, अंकगणित, अंकुर, अंकुश…, या – अंग, अंगद, अंगारा… या – आगि, आगत, आगम…, या – कक्ष, कक्षा, कगार…, खग, खगोल, खचखच… आदि।
६. शब्दकोश (अन्य वर्तनी: शब्दकोष) एक पैघ सूची या एहेन ग्रन्थ जाहि मे शब्द सभक वर्तनी, ओकर व्युत्पत्ति, व्याकरणनिर्देश, अर्थ, परिभाषा, प्रयोग आर पदार्थ आदिक सन्निवेश होय। शब्दकोश एकभाषीय भ’ सकैत अछि, द्विभाषिक भ’ सकैत अछि या बहुभाषिक भ’ सकैत अछि। अधिकतर शब्दकोश मे शब्द सभक उच्चारण लेल सेहो व्यवस्था रहैत छैक, जेना - अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि मे, देवनागरी मे या आडियो संचिकाक रूप मे। किछु शब्दकोश मे चित्र सभक सहारा सेहो लेल जाइत छैक। अलग-अलग कार्य-क्षेत्रक लेल अलग-अलग शब्दकोश भ’ सकैत अछि; जेना – विज्ञान शब्दकोश, चिकित्सा शब्दकोश, विधिक (कानूनी) शब्दकोश, गणित केर शब्दकोश आदि।
उपरोक्त समस्त बातक अध्ययन कयला सँ ई स्पष्ट भ’ रहल अछि जे ‘मधेश प्रज्ञा प्रतिष्ठान, जनकपुर’ द्वारा एकटा महत्वपूर्ण कार्यक जिम्मेदारी ग्रहण कयल गेल अछि। परञ्च एकर पाछाँ जाहि तरहक राजनीतिक शब्दावली ‘समावेशी’ कहिकय भ्रम पसारबाक काज कयल जा रहल अछि से कतहु सँ आवश्यक नहि बुझाइछ। विद्वत् कार्य मे राजनीतिक मनसाय घुसेड़ला सँ परिणाम गलत भ’ सकैत अछि, स्थापित सिद्धान्तक विपरीत भ’ सकैत अछि।
यदि ई मैथिलीक शब्दकोश लेल प्रयास थिक जाहि मे अनेकों छूटल शब्द सभक समावेश करबाक मनसाय निहित अछि, तखन एहि तरहक कार्यशाला कारगर होयत। भाषाकोश केर रूप मे मैथिली शब्दकोश लेल स्थापित रचना-सिद्धान्तक आधार पर पूर्वक शब्दकोशकार लोकनिक शब्द-संकलन केँ मूल आधार मानिकय आगूक कार्य करबाक जरूरत अछि।
हरिः हरः!!