जनकपुरधाम, 27 जून 2024 । मैथिली जिन्दाबाद!!
जनकपुर मे दुइ दिवसीय मैथिली अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल सम्पन्न
– प्रवीण नारायण चौधरी, जनकपुरधाम । १३ आषाढ़ २०८१ ।
‘लोकसंचार’ आ ‘जनकपुर उपमहानगरपालिका’क संयुक्त तत्त्वावधान मे जनकपुरधामक गिरिजा सिनेमाघर मे दुइ दिवसीय मैथिली अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल सम्पन्न भेल अछि। एकर सूत्रधार नेपालक जानल-मानल फिल्मी हस्ती एवं मैथिली भाषा-साहित्यक वरिष्ठ साहित्यकार व अनेकों नाटकक रचनाकार संग नाटक व फिल्म, डक्युमेन्ट्री फिल्म्स सभक निर्देशक प्राज्ञ रमेश रंजन झा कयलनि। संगहि एकरा अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करय मे उल्लेख्य भूमिका मैथिली फिल्म जगत संग साहित्य एवं मंच उद्घोषणाक क्षेत्र मे यश प्राप्त व्यक्तित्व किसलय कृष्ण द्वारा कयल गेल। भारत ओ नेपाल सँ अनेकों फिल्मी हस्ती सभक जुटान जनकपुरधाम मे एहि फेस्टिवलक मुख्य आकर्षण छल। अनेकों त’र-उप’र आ आयोजनक तारीख मे फेर-बदल होइतो आखिरकार ई चुनौतीपूर्ण काज भव्यता सँ सम्पन्न होयबाक धारणा रमेश रंजन झा व्यक्त कयलनि।
मैथिली सिनेमाक अपन ५० वर्ष सँ बेसीक इतिहास मे आइ धरि दुनू पारक फिल्म सभक संयुक्त प्रदर्शनक ई पहिल अवसर सेहो छल। आयोजना मे संयोजकीय भूमिका निर्वाह कयनिहार किसलय कृष्ण जनतब देलनि जे विगत ११ आ १२ आषाढ़ २०८१ केँ मधेश प्रदेशक राजधानी जनकपुरधाम मे लोक संचार आ जनकपुर उपमहानगरपालिकाक संयुक्त तत्त्वावधान मे पहिल मैथिली अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवलक आयोजन कयल गेल छल।
एकर समुद्घाटन मधेश प्रदेशक मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह, डा. रजनीश रंजन, फिल्म निर्देशक नीर शाह, जनकपुर उपमहानगरपालिकाक उपमेयर किशोरी साह एवं अन्य गणमान्यक उपस्थिति मे भेल।” उद्घाटन सत्रक अध्यक्षता आयोजक संस्था लोक संचारक अध्यक्षा प्रियंका झा द्वारा कयल गेल, तहिना एकर संचालन संचारकर्मी घनश्याम मिश्रा कयलनि।
एहि फिल्म फेस्टिवल मे बहुते रास फिल्म सभक प्रदर्शन शामिल छल। फिल्म स्क्रीनिंग केर दौड़ मे पहिल फिल्म प्रतीक शर्मा निर्देशित ‘लोटस ब्लूम्स’ देखायल गेल छल।
गिरिजा सिनेमाघर मे लगभग ५०० दर्शक-सहभागी केँ मैथिली मे एहेन उत्कृष्ट सिनेमा पहिने देखय लेल नहि भेटल छल, किछु एहि तरहक टिप्पणी सेहो कतेको लोक बजलाह। फिल्म प्रदर्शनक अतिरिक्त मैथिली फिल्म निर्माण, बाजार, प्रदर्शन आ व्यवसाय संग राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर सम्मान आदि विषय पर केन्द्रित कतेको रास विमर्श-चर्चा सेहो आयोजित भेल छल। ई जनतब फ़िल्म निर्देशक सह संयोजक पूर्णेन्दु के झा देलनि।
“मैथिली सिनेमाक व्यवसायिक सम्भावना” विषयक सत्र मे विभिन्न व्यक्तित्व यथा डा. अरविन्द कुमार सिंह, डा. रजनीश रंजन, मनोज शर्मा, विभा विमर्श आदि विमर्शीक रूप मे सम्मिलित रहथि। हिनका लोकनि द्वारा मैथिली फिल्मक वर्तमान सँ निराशाक अबस्था रहितो आगू एकर स्वर्णिम भविष्य सुनिश्चित होयबाक बात कहलनि। एहि सत्रक संचालन प्रसिद्ध फिल्मकर्मी एवं भाषा-संस्कृति अभियन्ता किसलय कृष्ण द्वारा कयल गेल।
प्रशान्त नागेन्द्र निर्देशित फिल्म ‘ललका पाग’ केर प्रदर्शन एहि फेस्टिवलक अद्भुत भाग सिद्ध भेल। विदित हो जे ललका पाग करीब १२ वर्ष सँ बनिकय तैयार अछि, मुदा गोटेक अनावश्यक कानूनी विवादक कारण पब्लिक मे एखन धरि रिलीज नहि कयल जा सकल अछि। एहि फिल्म केँ देखिकय दर्शक दीर्घा सँ मैथिली सिनेमाक भविष्य सच मे बहुते स्वर्णिम अछि, लेकिन निर्माता आ निर्देशक जँ चाहथि तखनहि टा ई सम्भव होयत, किछु एहि तरहक टिप्पणी आयल छल।
पुनः एक गोट विमर्शक सत्र नित्यानन्द मंडल ‘निश्चल’क संचालन मे “फिल्म निर्देशक संग संवाद” आयोजित भेल। एहि सत्र मे मैथिली फिल्मक अनेकों गणमान्य निर्देशक लोकनि जेना झा विकास, प्रतीक शर्मा, प्रशान्त नागेन्द्र, नीरज मिश्रा, पूर्णेन्दु के. झा आदिक सहभागिता छल। एकर बाद विकास साह निर्देशित ‘गुमकी’ डक्युमेन्ट्री फिल्म केर प्रदर्शन कयल गेल। एहि तरहें फेस्टिवलक पहिल दिन पूरा भेल छल। जनकपुरधाम मे आयोजित एकर धमक राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर धरि मैथिलीभाषी मे एकटा नव ऊर्जाक संचरण कयलक।
फिल्म फेस्टिवलक दोसर दिन – राष्ट्रीय पुरस्कार सँ सम्मानित फिल्मक प्रदर्शन तथा दुइ गोट महत्वपूर्ण विमर्शक सत्र
दोसर दिनक आयोजन बरखाक कारण कनेक विलम्ब सँ आरम्भ होइतो मनोज श्रीपतिक निर्देशित लघुफिल्म ‘रक्ततिलक’ केर प्रदर्शन सँ शुभारम्भ कयल गेल। दोसर फिल्म भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड २०२३ सँ सम्मानित ‘समानान्तर’ केर प्रदर्शन सेहो कयल गेल छल। रक्ततिलक मे बलिप्रथा सँ हिन्साक प्रसार भेल अछि, निर्देशकक कोशिश मात्र ३० मिनट केर फिल्म द्वारा सफलतापूर्वक सन्देशक प्रक्षेपण भेल अछि, दर्शकक टिप्पणी एहि तरहक आयल। तहिना समानान्तर मे मनुष्यक कर्म आ एकर फल केना एक-दोसर सँ जुड़ल अछि ताहि पर आधारित कुल ४ गोट कथाक संग्रह फिल्म मे देखायल गेल अछि। एहि फिल्मक निर्माण आ प्रयोग भेल साउन्ड-लाइट्स इफेक्ट्स आदिक तकनीक सँ दर्शक दीर्घा मे अलगे उत्साहक प्रसार देखल गेल।
फिल्म केर डायलौग मे हिन्दीभाषाक बहुल्य प्रयोग मैथिलीभाषी क्षेत्रक यथार्थता केँ दर्शक फिल्म मे देखि पचा नहि सकलाह, आत्मालोचना लेल बाध्य करय मे कतहु न कतहु बचैत बुझेलाह। परञ्च सीमित साधन सँ निर्मित कुल डेढ घन्टाक ‘समानान्तर’ अपना स्थान पर महान काज कय केँ मात्र राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय फलक पर सम्मानित-प्रशंसित भ सकल अछि, एहि यथार्थ सत्य केँ सब कियो स्वीकार करय लेल बाध्य जरूर भेलाह।
एकर बाद ‘मैथिली फिल्मक स्वरूप आ संभावना’ विषय पर विमर्शक सत्र छल। एकर संचालन प्रा. श्यामसुन्दर शशि कयलनि। एहि सत्र मे विमर्शीक तौरपर वरिष्ठ साहित्यकार रोशन जनकपुरी, प्रवीण नारायण चौधरी, सुमित सुमन, ऋषि वशिष्ठ एवं पुष्पा यादव भाग लेलनि।
संचालक श्यामसुन्दर शशि द्वारा मैथिली फिल्मक पूर्वकालीन स्वरूप सँ वर्तमान स्वरूप आ फेर डिजिटल क्रान्ति उपरान्त भविष्यक स्वरूप, ताहि मे सेहो व्यवसायिक (कमर्सियल) फिल्म पर फोकस्ड अनेकों प्रश्न उत्तर दैत विमर्शी लोकनि मैथिली स्वतंत्र भाषा रूप मे फिल्म क्षेत्र मे आर बहुत दूरगामी उपलब्धि हासिल करत से सम्भावना देखौलनि।
एहि सत्रक बाद पूर्णेन्दु झा निर्देशित लघुफिल्म ‘अफवाह’ केर प्रदर्शन सहित रमेश रंजन कृत् विदापत नाच जेहेन ऐतिहासिक-पारम्परिक रंग-विधापर केन्द्रित ‘विदापत’ डक्यूमेन्ट्री फिल्म केर प्रदर्शन सेहो कयल गेल छल। तहिना मैथिली फिल्म आ एकर भविष्य मे युवा दृष्टि जेहेन जरूरी विषय पर विकास वत्सनाभ द्वारा संचालित सत्र मे महत्वपूर्ण विमर्श कयल गेल छल। युवा वक्ता सब मे प्रवेश मल्लिक जेहेन चर्चित संगीतकार, उत्पल झा जेहेन युवा फिल्म अभिनेता, युवा लेखक अनुवादक विमर्श झा, आदिक सहभागिता महत्वपूर्ण छल। मैथिली फिल्म केर भविष्य पर सब कियो सन्तोषजनक प्रतिक्रिया दैत आलोचना सँ चिन्ता नहि अपितु चिन्तन करैत सुधारात्मक उपाय सब अपनेबाक वकालत कयलनि।
एहि सत्र उपरांत मिथिला क्षेत्र के प्रचलित लोककला बिदापत नाच पर आधारित रमेश रंजन झाक डाक्यूमेंट्री फ़िल्म आर झा विकास निर्देशित अति चर्चित कवि कल्पना लघुफिल्म केर प्रदर्शन भेल छल। विदित हो जे कवि कल्पना केर प्रदर्शन पूर्वहु मे दर्शक केँ काफी प्रभावित करैत रहल अछि। लघुफिल्म आ मैथिली भाषा पर नव आशा केँ जन्म दयवला फ़िल्म कवि कल्पना केँ मानल जाइछ।
एकर बाद समापन सत्रक आयोजन कयल गेल छल जाहि मे मैथिली भाषाक भविष्य सँ जुड़ल हरेक सवालक जवाब मैथिली फिल्म सँ भेटबाक निष्कर्ष निकालैत एहि कार्यक्रम केँ समाप्त नहि, अल्पविराम घोषित मात्र कयल गेल। पुनः एकर ऐगला भाग आ ताहि मे आर वृहत् विमर्शक आवश्यकता पर जोर दैत दुइ दिनक विहंगम समागम केँ विराम देल गेल छल।
कार्यक्रमक मूल परिकल्पक, योजनाकार आ संयोजक रमेश रंजन झा एहि महत्वपूर्ण फ़िल्म फेस्टिवल मैथिली भाषा केर संरक्षण मे मील के पाथर सिद्ध होयबाक आशा जतेलनि। संगहि एकर सफलता मे सहयोगी नेपाल टुरिज्म बोर्ड, नेपाल चलचित्र विकास बोर्ड, जनकपुर उपमहानगर पालिका आ प्राइवेट स्पॉन्सर नेपोविट टाइल्स सहित हर स्तर पर सहभागिता देनिहार आ संग सहयोग देनिहार प्रति कृतज्ञता व्यक्त कयलनि। भविष्य मे एहि तरहक फेस्टिवल आर सुनियोजित ढंग सँ सम्पन्न कयल जेबाक अपेक्षा सेहो जतेलनि।