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रोजगार के कमी के कारण शहर मे रहब मजबूरी छै

लेखविचार
प्रेषित: रनिता झा
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
# लेखनी के धार साप्ताहिक गतिविधि

आजुक विषय अछि – आइ काइल्ह लोक गांव में किया नै रह’ चाहैत छथि । एकर की कारण।

1.गांव में रोजगार के कमी , आर्थिक तंगी।
2. खेती के लेल पर्याप्त जगह नै कारण एकल परिवार हेबाक बाद जगहक बंटवारा।
3.शिक्षा – व्यवस्थाक कमी,आइ स दस साल पहिने गांव में शिक्षा प्राप्त करबाक उपयुक्त साधन नहि रहबाक कारण लोक शहर दिस भागय लगलाह।

4.हीनताक भावना – गांव में रहनिहार लोक के आन त आन, अपनो घरक लोक हीन भावना स देखल करैत छैक। अपनहि भाई भैयारीक बीच मे लोक गरीब बनि के रहि जाइत अछि।ओकरा पत्नी आओर बच्चा तक म भेदभाव कायल जाइत अछि। एकर दुष्परिणाम सबहक सामने अछि। गांव में रहनिहार के मेहनत आओर समर्पण ककरो नै देखायत अछि, शहर वाला के चकाचौंध देखि के सबहक आंखि चौंधिया जाइत अछि।

5. पांचम कारण इ जे लड़की गांव वाला लड़का स विवाह नै कर चाहैत छथि। लेकिन लड़की किया नै चाहैत छथि से सुनु हमरा हिसाबे – घरेलू महिला दिन स राति धरि खटैत रहति त ओकर कोनो मोल नै।वैह कतौ नौकरी पकरि लेती त हुनका सम्मान भाव स देखल जाइत अछि। कोनो महिला अगर दसो हजार क महिना सैलरी उठबै छथि त हुनकर वाहवाही आओर घर म जे सब विभाग के काज करै छैथ हुनका सुनै ल भेटै छनि जे घर म कोन काज छै – बनाउ आओर खाव।

एकर परिणाम जे आब लोक बेटा सं बढि चढि के बेटी के शिक्षा द रहल छैक । आओर बेटियों सब बढ़िया -बढिया पोस्ट ल रहल य ।हम किसी से कम नहीं वाला लोकोक्ति चरितार्थ क रहल य लड़की सब।
कोसी नदी जकां वेग पकरने य ,आब एकरा समेटब कठिन ।

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