‘अर्चनाकृत रामायण’ केर विमोचन विमलेन्द्र निधि द्वारा कयल गेल

ललितपुर, १४ फरवरी २०२४ । मैथिली जिन्दाबाद!!

नेपाल मे पहिल बेर गद्य शैली मे लिखल गेल मैथिली रामायण जेकरा लेखिका अर्चना झा लिखलनि आ नामकरण सेहो ‘अर्चनाकृत् रामायण’ करैत काल्हि सरस्वती पूजाक सुअवसर पर नेपालक पूर्व उपप्रधानमंत्री विमलेन्द्र निधि द्वारा विमोचन करौलनि अछि। विमोचन कार्यक्रमक प्रमुख अतिथि पूर्व उपप्रधानमन्त्री तथा गृहमन्त्री विमलेन्द्र निधि ‘अर्चनाकृत रामायण’क विमोचन गोदावरी नगरपालिका वार्ड नम्बर १४ बाँडेगाउँ स्थित मामाघर अनाथालय आश्रम सभागार मे कयलनि।

लेखिका अर्चना झाक कहब भेलनि जे एहि रामायण मे रामकथाक संग मानवीय सरोकार सँ जुड़ल विभिन्न तथ्यमूलक बात सब केँ समेटल गेल अछि। मानव ओ मानवता, परोपकारक भावना आ प्रेरणा, साधु-सन्त समाजक रक्षा, धर्मानुकूल आचरण-प्रवृत्ति केँ बढ़ावा, चरित्रहीनता आ एकर दुष्परिणाम, दुष्ट आ दुष्ट मानवक नाश-विनाशक वर्णन, धर्मक अभ्युत्थान आदि अनेकों मानव हितकारी विषयवस्तु एहि रामायण मे समेटल गेल अछि। अर्चना झा कहैत छथि ‘एहि रामायण मे श्री सीतारामक संस्कार, मर्यादा, धर्म, प्रेम, वचनबद्धता, रीति, आदर, सम्बन्ध, परस्पर सहयोग आ आपसी विश्वास आदि केँ सामाजिक उत्थानक दृष्टि सँ लिखल गेल अछि। रामायण ज्ञान केर महासागर तथा बौद्धिकताक खजाना भण्डार थिक। तेँ हम असीमित खजानाक बेसी खोजबीन नहि कय अर्थात् महासागर मन्थन नहि कय वाल्मिकी रामायण आ रामचरितमानस ग्रन्थ केँ आधार मानि संक्षेप मे मैथिली भाषा मे सम्पूर्ण रामायण लिखलहुँ अछि।’

‘अर्चनाकृत रामायण’ लिखय मे चारि वर्ष लगबाक जानकारी दैत एकर विमोचन सम्भव होयबा पर आत्मप्रसन्नता व्यक्त कयलीह लेखिका झा। नेपाल मे मैथिली भाषा मे गद्य मे रामायण नहि लिखल जेबाक कमी केँ पूर्ति करबाक भावना सेहो ओ रखलीह। ‘रामायण सँ सदाचारक अनुसरण करब आ सम्पूर्ण मानव जाति तथा प्रत्येक प्राणी केँ हम सब भगवानक रूप मे देखब से लक्ष्य संग लेखन कयल गेल अछि। आब हमर मिथिला क्षेत्रक लोक आ विशेष रूप सँ श्री सीताराम भक्त लोकनि केँ आन-आन भाषा मे रामायण पढ़बाक बाध्यता नहि रहतनि। आब निज मैथिली भाषा मे सेहो रामायण कथाशैली मे पढ़ि पेता। समयक माँग अनुसार अत्यन्त जरूरी छल एहि तरहक रामायण, से लिखि अपन कर्तव्य पूरा करबाक बोध भ’ रहल अछि।’ लेखिका अपन उद्गार एहि तरहें व्यक्त कयलीह।

एहि रामायण मे लगभग ६४ हजार शब्द आर ३०० पृष्ठ संग रंगीन आवरण पृष्ठ राखल गेल अछि। बाल काण्ड, अयोध्या काण्ड, अरण्य काण्ड, किष्किन्धा काण्ड, सुन्दर काण्ड, लंका काण्ड (युद्धकाण्ड), उत्तर काण्ड, आर उत्तर लभ कुश काण्ड सहित कुल आठ गोट काण्ड समाहित कयल गेल अछि। प्रत्येक काण्ड केर संछिप्त सारतत्त्व सरल ढंग सँ वर्णन कयल गेल अछि। रामायण मे मैथिली लोकगीत तथा मिथिला पेन्टिङ सेहो समावेश करैत एकर शोभा बढायल जेबाक बात लेखिका जानकारी देलीह।

आदिकवि वाल्मिकी द्वारा रचना कयल गेल ‘वाल्मिकी रामायण’ त्रेता युग केर घटित कथा मानल जाइछ। पवित्र धार्मिक ग्रन्थ रूप मे रामायणक मुख्य पात्र लोकनि मे दशरथ, जनक, राम, सीता, कैकेयी, गुरु वशिष्ठ, भरत, शत्रुघन, लक्ष्मण, हनुमान, रावण, विभीषण, बालि, सुग्रीभ, जटायु आदि छथि। सनातन हिन्दू धर्मावलम्बी सभक लेल एखन वैश्विक दबाव आ स्वयं नेपालदेश मे पर्यन्त दुरुहकाल देखैत प्राचीन मिथिला क्षेत्र सहितक ई देश आ विदेश मे राम भक्त सभक लेल ई किताब सादा जीवन आ उच्च विचारक सन्देश देत से विश्वास राखल गेल अछि। त्रेतायुगक सीतामाताक सहनशीलता केर महिमाक वर्णन करैत आधुनिक युगक महिला सबकेँ सेहो सीता जेकाँ निष्ठावान, समर्पित, हिम्मती आ कठिन सँ कठिन परिस्थितिक सामना करबाक अदम्य साहस रखबाक प्रेरणा भेटय, लेखन ताहि तरहें कयल गेल अछि। एहि रामायणक सम्पादन कार्य बिनित ठाकुर कयलनि अछि। प्रकाशन मे सहयोग महेन्द्र नारायण निधि स्मृति प्रतिष्ठान, अर्थकोण मल्टीपर्पोज प्रा. लि. आ नेपाल म्युजिक फाउन्डेसन कयलक अछि। एकर समीक्षा राष्ट्रिय समाचार समितिक अध्यक्ष धर्मेन्द्र झा जे मैथिली भाषा-साहित्य सृजन मे धर्मेन्द्र विह्वल नाम सँ सुपरिचित छथि, ओ कयलनि। तहिना बेपत्ता आयोगक पूर्व सदस्य डा. मञ्चला झा सेहो एहि अवसर पर उपस्थित छलीह। सांस्कृतिक कार्यक्रम सेहो आयोजित कयल गेल छल। रामभक्त अनेकों आमंत्रित व्यक्तित्व व अतिथिगण सहित सुरक्षाकर्मी, पत्रकार, बुद्धिजीवी आ मिथिलाबासी महिला सभक उल्लेखनीय सहभागिता मे विमोचन समारोह सम्पन्न भेल।