जनकपुर मे भव्य साहित्य-कला-नाट्य महोत्सवक शुभारम्भ भेल

जनकपुर साहित्य कला तथा नाट्य महोत्सव

पहिल दिनक कार्यक्रम मौसमक प्रभाव मे निर्धारित समय सँ कनेक विलम्ब सँ अवश्य भेल, मुदा भेल सब किछु पूर्व नियोजित ढंग सँ। उद्घाटन सेशन मे राजनेता लोकनि बहुत नीक सँ सम्बन्धित विषय पर अपन-अपन बात रखलनि। मात्र भाषण धरि सीमित राखब यदि हुनका लोकनिक मनसाय रहतनि त एकर जिम्मेदार ओ स्वयं हेताह, आयोजक एहि मामिला मे पूर्ण सफल मानल गेलाह जे प्रदेशक कामकाजी भाषारूप मे मैथिली केँ मान्यता भेटबाक चाही। राष्ट्रीय भाषा आयोग द्वारा कयल गेल सिफारिशक आलोक मे ई काज पूरा करबाक लेल आर बेसी समय लेनाय उचित नहि।

उद्घाटन सत्रक तुरन्त बाद आदरणीय रमेश रंजन झाक संचालन मे दोसर सर्वाधिक महत्वपूर्ण सेशन आयोजित भेल। नाम रहैक – “नव घर उठे, पुरान घर….?” – यानि देशक राजनीतिक माहौल मे नव राजनीतिक शक्ति प्रति जनताक अपेक्षा बढ़ि गेल छैक, पुरान दल सभक अकर्मण्यताक कारण लोक मे नकारबाक प्रवृत्ति देखल जा रहल छैक। जनकपुरक आदर्श भूमि पर नेकपा एमाले मधेश प्रदेश इन्चार्ज योगेश भट्टराई, एकीकृत समाजवादी पार्टीक नेतृ राम कुमारी झाँक्री, नेपाली कांग्रेसक वरिष्ठ नेता महेन्द्र यादव, जनता समाजवादी पार्टीक नेता आ पूर्व मुख्यमंत्री मो. लालबाबू राउत तथा वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक विजयकान्त कर्ण संग नवोदित राजनीतिक दल राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टीक नेतृ शोभिता गौतमक सहभागिता आ बात-विचार राखल गेल। एहि सत्रक भाषा पूर्णरूपेण नेपाली बनि गेल बुझायल, आर सब अपन-अपन राग मात्र अलापलनि। नवकाक हाल सेहो पुरने वला होयत, जँ नेपाली जनताक आकांक्षा पूर्ति करय मे पुरने दल जेकाँ ओहो सब किछु नहि कय सकत तँ – बस, एतबे मैनडेट अबैत बुझायल। विजयकान्त कर्ण निष्पक्ष ढंग सँ पुरान दलक यथास्थितिवादी मानसिकता पर नीक प्रहार कयलनि आ नवका सब केँ अपन मनसा-वाचा-कर्मणा पर अडिग रहि देश केँ आगू बढ़ेबाक लेल प्रतिबद्धता पर ध्यानाकर्षण कयलनि। योगेश भट्टराई व महेन्द्र यादव सहित लालबाबू राउत आ रामकुमारी झाँक्री व शोभिता गौतमक प्रस्तुति नीक रहल। संचालक रमेश रंजन झा केँ कम समय के दबाव मे बहुत वृहत् विमर्श भेटल रहनि, बस सफल सत्र कहि सकैत छी।

तेसर सत्र मे स्नेहा झा द्वारा संचालित विमर्श “सामाजिक संजाल या जंजाल” – एहि सत्र मे सेहो शिव गाउंले, पर्वता चौधरी, धर्मेन्द्र झा, चन्द्रकिशोर झा आ रामभरोस कापड़ि भ्रमरक उपस्थिति-प्रस्तुति बहुत महत्वपूर्ण लागल। सब सँ बेसी ओजपूर्ण बात-विचार हमरा धर्मेन्द्र झा एवं चन्द्रकिशोर झाक बुझि पड़ल।

पुनः कला पक्ष मे काल्हिक सब प्रस्तुति एक सँ बढ़िकय एक रहल। झाँकी जुलूस मे जनसहभागिता आ मिथिलाक अनेकों जाति-समुदायक झाँकी अति विशिष्ट लागल। कतेको मास सँ तैयारी मे लागल मैथिली विकास कोष एवं एकर नेतृत्वकर्ता लोकनि केँ १०० बट्टे १०० अंक भेटि गेलनि। एहेन विशाल सहभागिता पूर्व मे नहि देखि सकल छलहुँ। कि महिला, कि पुरुष, छात्र-छात्रा आ विभिन्न जाति-समुदायक सजायल झाँकी बड़ा अद्भुत लागल। दरभंगा सँ आमंत्रित कलाकारक समूह त गजबे प्रस्तुति सब देखौलक, वाह!! विद्यालय सब दिश सँ सेहो कतेको रास लोकनृत्य सभक प्रस्तुति बड खास लागल।

रंजना झा सन बेजोड़ गायिका – स्वर सम्राज्ञी थिकीह ओ। प्रस्तुतिक मिठास एखनहुँ कान मे अमृत घोरि रहल अछि। धीरेन्द्र प्रेमर्षि सन संगीत मर्मज्ञक संचालन मे रंजना झाक प्रस्तुति आनन्ददायिनी लागल। रूपा झाक उद्घोषणक मिश्रण सेहो ‘हेलो मिथिला’ जेकाँ कर्णप्रिय बुझायल। बाद मे रंजनाजीक सम्मानक दृश्य आ अध्यक्ष जिबनाथ चौधरी संग जनकपुर नगरपालिकाक मेयर साहेब व अन्य युवा लोकनि सभक सङ्गोर बड नीक लागल।

आब आजुक कार्यक्रम सेहो बहुत महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करत। आजुक चर्चा काल्हि करब।

हरिः हरः!!