स्वाध्याय
– प्रवीण नारायण चौधरी
रामचरितमानस मोती
अयोध्याकाण्ड विषय सूची
१. अयोध्याकाण्ड – दोसर सोपानक आरम्भ “मंगलाचरण”
२. राम राज्याभिषेकक तैयारी आ देवता लोकनिक व्याकुलता
३. सरस्वती द्वारा मन्थराक बुद्धि फेरब आ तदोपरान्त…
५. दशरथ सँ कैकेइ द्वारा दुइ वरदानक मांग आ तेकर बाद…
७. श्री राम दशरथ संवाद (प्रसंग वनवास)
८. श्री राम द्वारा माता कौसल्या सँ वनगमन लेल आशीर्वाद माँगब
९. श्री सीताजी एवं श्री रामजी बीच वनगमन पूर्वक अद्भुत संवाद
११. श्री लक्ष्मण सुमित्रा संवाद
१२. वनगमन लेल श्री रामजी द्वारा सीताजी एवं लक्ष्मणजी सहित पिता दशरथ सँ भेंट
१३. श्री राम-सीता-लक्ष्मणजीक वनगमन प्रसंग
१४. श्री रामक श्रृंगवेरपुर प्रवेश आ निषाद द्वारा सेवाक प्रसंग
१५. केवटक प्रेम आ गंगा पार उतरबाक रोचक-प्रेरक प्रसंग
१६. प्रयाग पहुँचब, भरद्वाज संग संवाद, यमुनातीरक निवासी लोकनिक प्रेम
१७. तापस प्रकरण
१८. यमुना केँ प्रणाम, वनवासी लोकनिक प्रेम
२०. चित्रकूट मे निवास, कोल-भील द्वारा सेवा
२१. सुमंत्रजीक अयोध्या वापसी आ जहिं-तहिं शोकक नजारा
२२. दशरथ-सुमंत्र संवाद, दशरथ मरण
२३. गुरु वशिष्ठजी द्वारा भरत केँ बजेबाक लेल दूत पठायब
२५. भरत-कौसल्या संवाद, दशरथजीक अन्त्येष्टि क्रिया
२६. वशिष्ठ-भरत संवाद, श्री रामजी केँ घुरा अनबाक लेल चित्रकुट जेबाक तैयारी
२७. अयोध्यावासी सहित श्री भरत-शत्रुघ्नक वनगमन
२९. भरत-निषाद संवाद आ मिलन, भरतजी एवं नगरवासी लोकनिक प्रेम
३०. भरतजीक प्रयाग जायब आ भरत-भरद्वाज संवाद
३१. भरद्वाज द्वारा भरतजीक सत्कार
३५. श्री रामजीक लक्ष्मणजी केँ बुझेनाय, भरतजीक महिमा कहनाय
३६. भरतजीक मन्दाकिनी स्नान, चित्रकुट पहुँचनाय, भरतादि सभक परस्पर मिलान, पिताक शोक आर श्राद्ध
३७. वनवासी द्वारा भरतजीक मंडली केर स्वागत, कैकेइ केर पश्चाताप
३८. वन मे राम-भरत केँ वशिष्ठजी द्वारा सम्बोधन
४०. जनकजीक पहुँचब, कोल-किरातादिक भेंट, सभक परस्पर मिलन
४१. कौसल्या-सुनयना संवाद, श्री सीताजीक शील
४२. सुनयना-जनक संवाद
४३. जनक-वशिष्ठादि संवाद, इन्द्रक चिन्ता आ सरस्वती द्वारा सीख
४५. भरतजी द्वारा तीर्थजल स्थापन संग चित्रकूट वन भ्रमण
४६. राम-भरत संवाद, पादुका प्रदानक संग भरतजीक बिदाइ
४७. भरतजीक अयोध्या लौटब, भरतजी द्वारा पादुकाक स्थापना, नन्दिग्राम मे निवास, भरतजीक चरित्र श्रवणक महिमा