Search

विध कम आ आडम्बर बेसी एहि पर अंकुश कोना लगाओल जाय।

#लेखनी_के_धार#

आइ भोरे सs फिरन बाबा बेचैन छथि! कारण हुकर पोतीक बियाह छिएन।ओ सब बातमे अप्पन मुँह बन्द कैने छलाह आ मनेमन सोचैत छलाह नहि हम नहि किछु बाजब! बाजि अप्पन उपहास नहि करायब ।🤫
हुनकर पोती “अन्नु” सरकारी बिभाग मे कार्यरत छथिन।देखवा सुनवामे वरदिव्य।ओ आइ चारि बरख सँ नौकरी करैत छथि मुदा बियाह माय बापक पसंद सँ करवाक निर्णय लेलनि ओना ऑफिसक स्टाप सेहो कयक बेर अपन पुत्र बधु बनेबाक आफर देलकनि मुदा सब बेर डिसिज़न अपन गार्जियन पर छोडलनि। बहुत संस्कारी लड़की छथि।जे किछु आइ ओकर बियाह छियै।आइ काल्हि तँ आब उकटन नहि हल्दी लगैत छै स्टेज सजै छै सब पियर नुआ आ पियर सूटमे रहै छै आमक पात तँ गालमे हरैद लगाओल जाइत छै ,किनको शृंगार खराब नहि भऽ जाइन ई बातकेँ विषेश ध्यान राखल जाइत छै।एहिना हलदी,मेहंदी, लाबा भूजनाइ सम्पन्न भेलै।
आइ बियाहक दिन छिऐ बाबाक मोन जे वैदिक रीति रिवाज सँ कम सँ कम बियाह हो ओ अपने प्रकांड पंडित छलाह।आब हुनका लेल चुप रहनाइ असहज भेल जा रहल छलनि।बेदी बनेबाक लेल नाइ आबि गेल छल केराक कोशा लऽ कए आर जे सब वस्तु लगतै सब किछु ओकर लग मोजूद छलै।
मुदा! ई की लड़कीक भाइ इंस्ट्रक्शन दए रहल छलखिन येना नहि येना करू आ ओहि मे पिताक सहमति सेहो लैत छला बीच-बीचमे। जयमालक स्टेज सजि कऽ तैयार भ गेल छल ओहिमे लाखोक खर्च भऽ चुकल छलइ ताइयो किछु कमीए नजर आबि रहल छलनि।बरियाती यैबामे आब किछुए बिलम छल सब स्त्रीगण सब अपन शृंगार दुरुस्त करैमे लागल छली। अन्नु केँ सजेबा लऽ कोनो फेमस पार्लर बाली आयल छली हुनको मेकअप फाइनल टच पर छलनि।
दलान पर जाइत देरी ‘फिरन बाबा ‘क क्रोध सातम आसमान पर पहुँच गेलनि! पैर धोइ लेल ने पानि ने चौकी कहाँ अछि अड़हिया आ झाड़ कहां अछि,पोछे लेल तौलिया किछु तँ व्यवस्था नहि अछि।ओ सब चीज लेल हल्ला करैत रहला मुदा किछु पूरा नहि भेलनि,ई आधुनिकताक होर मे हाय रे पश्चातिय संस्कृति ओ हमर सब सँ सिखैत अछि पूर्वांकृत रीति -रिवाज हम सब ‘सब चीज छोडने जाइत छी’।
बाबा के हल्ला कयलाक बादो किछु फैदा नहि भेलनि।ओ चुप्पी तोड़ि पश्चातापक अग्नि मे जरैत रहला आ’ यतै पण्डित जी एक सँ दू घंटा मे बियाह करा निश्चिंत भऽ गेला ।

अर्चना मिश्रा “अर्शी”
पूर्णिया बिहार
1.12.23

Related Articles