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मधुमेह रोग: भारत मे मधुमेह रोगीक बढ़ैत संख्या पर डा. ए. कुमार केर महत्वपूर्ण आलेख

आलेख

भारत मे मधुमेह : एकटा बढ़ैत चिन्ता

– डॉ ए कुमार (एमबीबीएस, एमडी, एमपीएच)

भारत मे मधुमेह रोग (डायबिटीज मेलिटस) बड पैघ स्वास्थ्य चुनौतीक रूप मे विकसित भ’ गेल अछि, एतय १३० करोड़ सँ बेसी लोक एहि रुग्ण अवस्थाक (chronic condition) बोझ सँ बोझिल भेल अछि । अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (आईडीएफ) मुताबिक २०१९ मे भारत मे अनुमानित ७,७०,००,००० (७ करोड़ ७० लाख) संक्रमित मधुमेह रोगीक संग विश्व मे दोसर स्थान पर छल । २०३० धरि ई संख्या बढ़िकय लगभग १०,१०,००,००० (१० करोड़ १० लाख) पहुँचबाक चिन्ताजनक अनुमान लगायल जा रहल अछि । एहेन बढ़ोत्तरी देखैत जनस्वास्थ्य मुद्दा सँ निपटबाक लेल व्यापक रणनीति केर तत्काल आवश्यकता उपर ध्यान देल जा रहल अछि ।

भारत मे मधुमेह रोगक एहेन बेतरतीब प्रसारक सम्बंध अनेकों कारक तत्त्व संग ओझरायल अवस्था मे जुड़ल अछि । शहरीकरण आ बदलैत जीवनशैलीक चलते सब सँ बेसी, संगहि आहार शैली मे संशोधित खाद्य परिकार दिश लोकरुचिक झुकाव, गतिहीन दिनचर्याक बढ़ैत प्रचलन, आ शारीरिक गतिविधि सब क्रमशः घटैत गेनाय एकर मुख्य कारण थिक । आनुवंशिक प्रवृत्तिक (genetic predisposition) सेहो पैघ भूमिका होइत छैक, खास कय केँ दक्षिण एशियाई समुदाय मे जे मधुमेह प्रति बेस संवेदनशील मानल गेल अछि । एहि सब कारकक चौतर्फी प्रभाव (प्रतिच्छेदनक मध्य) स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली (healthcare system) मे विद्यमान समस्या (चुनौती), जाहि मे अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा (inadequate infrastructure), सीमित जागरूकता (limited awareness), स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर (healthcare professional) केर कमी, रोग-संक्रमणक स्थिति आर बेसी जटिल बना रहल छैक ।

वैश्विक स्तर पर सेहो मधुमेह बीमारी एहि तरहक चिन्ताजनक तस्वीर उकेरैत अछि । आईडीएफ केर प्रतिवेदन अनुसार २०१९ मे ४६.३ करोड़ सँ बेसी वयस्क एहि रोग सँ प्रभावित रहैक। आईडीएफ केर अनुमान बतबैत अछि जे ८ मे सँ १ वयस्क संक्रमित होयत, यानि २०४५ तक मधुमेह रोगीक संख्या लगभग ७८.३ करोड़ भ’ जायत । ई व्यापक प्रभाव विकसित आ विकासशील राष्ट्र सौंसे पसरल छैक जे बढ़ैत जनस्वास्थ्य संकटक समाधान लेल एकजुट वैश्विक प्रयास (united global response) केर अनिवार्यता केँ रेखांकित करैत अछि ।

भारत मे मधुमेह रोगक संक्रमणक समग्र परिदृश्यक गहिराइ मे गेलापर क्षेत्रीय असमानता केँ उल्लेख महत्वपूर्ण अछि । दक्षिणी आ उत्तरी राज्य मे पूर्वी आ पश्चिमी राज्यक तुलना मे एकर प्रसार दर बेसी छैक । तहिना ई समस्या मात्र शहरी क्षेत्र धरि सीमित नहि छैक, ग्रामीण क्षेत्र मे मधुमेह रोगीक बढ़ैत संख्या स्पष्ट छैक, जे विविध-जनसांख्यिकीय (diverse demographics) मे लक्षित हस्तक्षेप (targeted interventions) केर आवश्यकता उजागर करैत अछि ।

भारत मे मधुमेह महामारीक समाधान लेल बहुआयामी दृष्टिकोणक आवश्यकता अछि । लक्षित जनस्वास्थ्य अभियान (targeted public health campaigns) केर माध्यम सँ स्वस्थ जीवनशैली केँ बढ़ावा देनाय, निवारक उपाय (preventive measures) सभक बारे मे जागरूकता बढ़ेनाय, आ स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढाँचा (healthcare infrastructure) कें बढ़ावा देनाय – एकटा व्यापक रणनीति (comprehensive strategies) केर महत्वपूर्ण पहल जरूरी छैक । सरकारी पहल, सामुदायिक भागीदारी, आ सार्वजनिक-निजी साझेदारी (public private partnerships) प्रभावी निवारक उपाय (effective preventive measures) केँ लागू करय मे आ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवा (quality healthcare services) केर व्यापक पहुंच सुनिश्चित करय मे अहम भूमिका निभबैत छैक ।

निष्कर्षतः भारत मे मधुमेह पर तत्काल ध्यान आ सहयोगात्मक प्रयास केर बहुत पैघ आवश्यकता अछि । योगदान करयवला कारक सभक समझ आ निवारक रणनीति लागू करय सँ भारत अपन आबादी पर एहि रुग्ण अवस्थाक प्रभाव केँ कम करबाक दिशा मे काज कय सकैत अछि । मधुमेह महामारी केर वैश्विक प्रकृति गैर-संक्रामक बीमारी सभक बढ़ैत बोझ सँ निपटय लेल समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाक महत्व पर जोर दैत छैक आर सक्रिय स्वास्थ्य देखभाल उपाय (proactive healthcare measures) पर निवेश करबाक तात्कालिकता पर जोर दैत छैक ।

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