#लेखनीक_धार#
दहेज प्रथा आदिकालसँ चलि रहल अछि!
ई भावनात्मक रूप सँ छल कुप्रथा नहि। कन्या पक्षक लोक अपन बेटीकेँ सामर्थक अनुसार आ सौख सँ वस्तु दैत छलखिन।जाहिसँ नव घर बसेवा मे कोनो दिक्कत नहि होइ।मांग रूपी किछु नहि रहैत छलनि बेटा बलाकेँ एतैक तक की ओ सब अप्पन कुलशीलक रक्षाक लेल गरीब घरक उच्य कुलक लड़की सँ अपन पाइ दऽ विवाह करैत छलाह, लेकिन कहियो नहि मुँह सँ निकलैत छलनि हिनकर नैहर दरिद्र छनि।
एकड़ा बढ़ावा देबामे बेटी पक्षक लोकक बेसी हाथ छनि।कारण ओ अप्पन मनमे बहुत मनोरथ पोसि रखैत छथि।बेटी राजकुमार सँ वियाहल जैति सरकारीए नौकरी बला जमाय करब! प्राइवेट वलाकेँ पूछैत छैक,बेटी लेल तँ ऐतैक रुपया रखनै छी तखन बेटी क्याक कष्टमे रहत।यैहन सन मनोभाव रहैत छनि बजार लागल छै बरक जा कीन आनब जेहन पाइ तेहन बर।
यैह भावना बेटा बला के मजगूत करैत छै दहेज रूपी दलदलमे धसवा लेल।अगर कियो पाइ नहियो लैत छथि तँ हुनकामे किछु दुर्गुण छनि। कन्या पक्षक लोक अप्पन मनोरथ पूरा करै लेल आ समाजमे वर्चस्व कायम रखै लेल कहैत छथि यैतैक लाख रुपया दऽ अनने छियनि।नीक -नीक कपड़ा आ सुन्दर -सुन्दर गहना लऽ अयल छथि ओ सब देखा समाजमे अलग मैसेज दैत छथि सबसँ नीक कथा कयनै छी।यैह दहेज मानवकेँ दानव बनबैत अछि और सुंदर सुशील बेटी बिन अपराधे जराओल जाइत छथि ई सोचमे हिनकासँ छुटकारा भेटत तँ फेर कोनो पाइ बलाक बेटीसँ लाल पाग पहिर बियाह रचायब मुदा ओ पागक रक्षा कयनाइ नहि जनैत छथि।
दहेजक विकराल रूप देखि सरकार 2018मे मानव श्रृंखला बना एकटा मुहिम चलौलक नै दहेज देब ने लेब।पहिने पंचायत स्तरसँ आमसभा कऽ लोककें जागरूक कयल गेल प्रखण्ड,जिला आ पूरा बिहार मे मानव श्रृंखला बना मैसेज देल गेल पढ़ल बेटियों आ पढ़ल बेटों तखन दहेज कोन बातक।मुदा लड़की बला दहेज नहि उपहार,गोरलगाइ कहि दऽ दैत छथिन ओ ई कुप्रथा के समाप्त नै हुए दैत छथिन।
जा तक ई भावना दुनू पक्षक लोकमे नहि अयत! आहाँकेँ जे सामर्थ अछि से अहाँ लऽ कऽ अयब आ हमरा जे उपाय रहत से बेटीकेँ देब।आबक लोक देखावा करैमे अप्पन अस्तित्व बिसरि गेल अछि।
जय माँ जानकी जय मिथिला।
अर्चना मिश्रा “अर्शी”
पूर्णिया बिहार
2.11.23