अमित मिश्रा, मछैता, दरभंगा। १५ अक्टूबर २०२३ । मैथिली जिन्दाबाद!!
ठेंगहा पकड़ी महिनाम पीडब्ल्यूडी सड़कक किनार कुर्सों-नदियामी गाम मे अवस्थित दुर्गा मंदिर एहि इलाका मे बहुते प्रसिद्ध आ विख्यात अछि। दुर्गा मन्दिर श्रद्धालु लोकनिक आस्थाक मुख्य केन्द्र थिक। भव्य मन्दिर, अलौकिक कारी पाथर सँ बनल माता दुर्गा भवानी, लक्ष्मीनारायण भगवान् केर संग विभिन्न देवी-देवता सभक मूर्ति मे भक्त सभक प्रबल आस्था छन्हि। मनोकामना पूर्ण भेला पर मन्दिर मे कुमारि-ब्राह्मण भोजन करेबाक चलन अछि। बलि प्रदानक सेहो परम्परा अछि एहि ठाम। संध्याकालीन आरतीक दौरान प्रतिदिन सैकड़ों के संख्या मे ग्रामीण सब उपस्थित होइत छथि।
इतिहास
मन्दिर केर इतिहास लगभग तीन सौ वर्ष सँ सेहो बेसी पुरान कहल जाइछ। प्रख्यात जमीन्दार अनन्त नारायण चौधरी केँ माता भगवतीक असीम कृपा सँ पुत्ररत्न केर प्राप्ति भेल छलन्हि। ताहि समय गाम मे पोखरि खुनेबाक क्रम मे भगवतीक संग अन्य देवी-देवता सभक अलौकिक मूर्ति भेटल छल। तहिये सँ एतय पूजाक आयोजन होबय लागल। जाहि ठाम मूर्ति प्राप्त भेल छल, ताहि पोखरि केँ आइयो दुर्गा पोखरि केर नाम सँ जानल जाइत अछि।
विशेषता
मन्दिर मे शारदीय नवरात्रि मे नवप्रतिमा बनाकय आ चैत्र नवरात्रिक अवसर नवाह कीर्तनक आयोजन करैत खूब पैघ मेलाक संग महोत्सव रूप मे मनायल जाइत अछि। एतय कुमारि-ब्राह्मण भोज लेल ‘भोज भवन’ केर सेहो निर्माण कयल गेल अछि। मन्दिरक विशेषता ई अछि जे अनन्त नारायण चौधरीक वंशज द्वारा आइ धरि पौराणिक वैदिक पद्धति सँ मां केर पूजा-अर्चना कयल जाइत छन्हि।
भगवतीक परम भक्त प्रवीण नारायण चौधरी (कुर्सों) कहैत छथि जे भक्त सबपर मां केर असीम कृपा बरसैत छन्हि। सच्चा दिल सँ मां केर सुमिरन करयवला लोकक सब मनोकामना पूरा होइत छैक। सत्यमेव जयते केर अद्भुत सन्देश माताक दरबार मे लोक आइयो भेटैत छैक। झूठ, मक्कारी आ आसुरिक प्रवृत्ति रखनिहार पर माताक कोप होयबाक तथ्य एतय बड बेसी प्रसिद्ध छैक। एहि सँ गलत काज करयवला बहुत डराइत अछि। माताक महिमा अपरम्पार छन्हि।
पंडित मुक्ति झा कहैत छथि जे नवरात्र मे मन्दिर मे विशेष पद्धति सँ पूजाक संग पूरे नवरात्र भरि कीर्तन-भजन केर समागम लागल रहैत अछि। दूर-दूर सँ कीर्तन गबैया सब अपने आप पहुँचि गेल करैत छथि। राति भरि कीर्तन चलैत रहैत अछि। युवा टोली, बच्चा टोली, सब कियो अपन-अपन पारी मे कीर्तन गाबि दर्शक सब सँ वाहवाही सेहो लुटल करैत छथि, भक्ति आ शक्ति त मातारानी ओहिना बरसबिते छथिन। परदेश मे रहयवला इलाका भरिक लोक संग सासुर मे बसयवाली बेटी सब सेहो एहि अवसर पर निश्चिते टा आयल करैत छथि। ई भगवती पुत्रदायिनी माताक संग-संग सब मनोकामना केँ पुरबयवाली छथिन।