५ अक्टूबर २०२३, मैथिली जिन्दाबाद!!
साभारः वरिष्ठ कवि-लेखक ‘रमाकान्त राय रमा’
सुपौलमे साहित्य अकादेमी आ किसुन संकल्पलोकक द्विदिवसीय कार्यक्रम सम्पन्न!
साहित्य अकादमी नई दिल्ली आ किसुन संकल्पलोक, सुपौल द्वारा आयोजित द्विदिवसीय सेमिनार 2 अक्टूबरकें भारत सेवक समाज महाविद्यालय, सुपौलक सभागारमे सम्पन्न भ’ गेल।
एहि सेमिनारमे दिवंगत सयवर्षक वा ओहूसं अधिक बयसक तीन गोट साहित्यकार चन्द्रभानु सिंह, योगानन्द झा आ काशीनाथ झाक व्यक्तित्व आ कृतियत्वपर पांच सत्रमे विशेष चर्च-वर्च कयल गेल।
पहिल दिन 1 अक्टूबर के सर्वप्रथम उद्घाटन सत्रक आयोजन वरिष्ठ लेखक डा. सुभाषचन्द्र यादवक अध्यक्षतामे कयल गेल। एहिमे अकादेमीक उपसचिव डा. एन. सुरेशबाबू अकादेमी दिससं समागत प्रतिभागी साहित्यकार आ श्रोतावर्गक स्वागत कयलनि।
अकादमीमे मैथिलीक प्रतिनिधि आ परामर्शमंडलक संयोजक डा. उदनारायण सिंह “नचिकेता” विवेचनीय विषयकें उपस्थापित कयलनि।
प्रसिद्ध साहित्यकार एवं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालयक प्राध्यापक डा. देवशंकर नवीन बीज भाषण देलनि।
भारत सेवक समाज कालेज, सुपौलक प्रधानाचार्य डा. संजीव कुमार महाविद्यालय परिवारक दिससं सभक स्वागत करैत अपना परिसरमे एहन महत्वपूर्ण कार्यक्रमक लेल साहित्य अकादेमी आ किसुन संकल्पलोककें धन्यवाद दैत समागत अतिथिक अभ्यर्थना कयलनि।
“भारती मंडन” पत्रिकाक प्रबंध संपादक श्री तारानंद झा “तरुण” समवेत रूपसं एहि सत्रक आ सम्पूर्ण कार्यक्रममे समुपस्थित विद्वद्वृन्दकें प्रति आभार व्यक्त करैत धन्यवाद ज्ञापित कयलनि।
एहि सत्रक अंतमे सुपौलसं प्रकाशित एवं केदार कानन द्वारा संपादित सुप्रसिद्ध अनियतकालीन पत्रिका “भारती मंडन”क 17म् अंकक विमोचन समवेत रूपमे कयल गेल। सत्रक संचालन कयलन्हि प्रसिद्ध उद्घोषक आ लेखक किसलय कृष्ण ।
चन्द्रभानु सिहकें समर्पित दोसर सत्र विद्वत्परवर डा. भीमनाथ झाक अध्यक्षतामे समारम्भ भेल जाहिमे “हुनक व्यक्त्तित्व ओ कृतित्व” विषयपर श्री शशिबोध मिश्र “शशि”, “चन्द्रभानु सिहक साहित्य” विषयपर डा. अशोक कुमार मेहता एवं “चन्द्रभानु सिहक पर्याय कोइली” विषयपर रमाकान्त राय “रमा” अपन-अपन विचार रखलनि।
भोजनोपरान्त आजुक अन्तिम सत्रमे डा. विभूति आनन्दक अध्यक्षतामे पहिल दिनक तेसर आ अन्तिम सत्र छल योगानन्द झापर केन्द्रित।
एहि सत्रमे श्रीमती सुष्मिता पाठक हुनक चर्चित कथा “आम खयबाक मुंह” पर अपन विशद् आलेख प्रस्तुत कयलनि। डा. अतुलेश्वर झा “योगानन्द झाक उपन्यास पवित्राक कथाभूमि” पर अपन नीक प्रस्तुतिसं सभकें आह्लादित कयलनि।
सुप्रसिद्ध विद्वान आ कथाकार डा. शिवशंकर श्रीनिवास “योगानन्द झाक कथामे सामाजिकता” विषयपर नीक विवेचन प्रस्तुत कयलनि। डा. विभूति आनन्द “योगानन्द झाक नाटकक मंचन” पर गहन विवेचन अपन आलेखमे कयलनि।
दोसर दिन 2 अक्टूबरके पहिल आ समग्रत: चारिम सत्र काशीनाथ झाक जीवन आ साहित्य पर केन्द्रित छल।
कर्नल श्रीकीर्तिनाथ झाक अध्यक्षतामे डा. केदार कानन आ श्री आशीष चमन प्रवक्ता छलाह। “काशीनाथ झाक कथा साहित्य”पर श्री केदार कानन अपन विचार प्रस्तुत कयलनि त’ “हुनक कविता”पर श्री आशीष चमन अपन आलेखक पाठ कयलनि। अध्यक्ष हुनक अल्पजीवी होइतो प्रभूत आ निस्सन साहित्य पर विस्तृत विवेचन प्रस्तुत कयलनि।
आजुक दोसर आ अन्तिम सत्र सेहो काशीनाथ झाजीपर छल। एहि सत्रक अध्यक्ष छलाह साहित्यकार श्री गंगानाथ गंगेश। प्रतिभागी श्री दिलीप कुमार झा “काशीनाथ झाक मैंथिली साहित्य” विषयपर मैंथिली साहित्यमे हुनक अवदानक चर्च कयलनि। श्रीमती रेणु कुमारी “काशीनाथ झाक कवितामे स्त्री विमर्श” पर विचार रखलनि त’ कवि श्री कुमार विक्रमादित्य हुनक प्रकाशित कृति” पर नीक प्रस्तुति उपस्थापित कयलनि।
सम्पूर्ण कार्यक्रमक संचालन श्री किसलय कृष्ण आ श्री कुमार विक्रमादित्य अपन शोधल शब्द विन्यास द्वारा कयलनि।
अंतमे आयोजक श्री केदार कननक कृतज्ञता ज्ञापनक पश्चात् कार्यक्रम सम्पन्न भेल।