स्त्री-पुरुष दुनू आर्थिक रुपे सक्षम भेला सौं समाज समृद्ध हेतैक ।

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लेखनीक धार

“आधुनिक युगमे परिवारक लेल आर्थिक स्थिति सुधारमे महिलाक योगदान कतेक आवश्यक”

आदिकालसँ ई देखना जाइत अछि जे महिला लोकनि कोनो परिवारक सदैव सशक्त आधार रहल छथि। हिनकहि लोकनिक सतत परिश्रम, पूजा-पाठ, व्रत – त्यौहार आ धार्मिक अनुष्ठानक परंपरा सँ अधिकांश परिवार आ समाज सुसंस्कृत रहल अछि। भारतमे इस्लामक प्रवेशसँ पहिने पर्दा – प्रथा नहि छलैक आ ई देखना जाइत अछि जे ताहि तालखंडमे पुरुष आ स्त्री एक संग मिलि उपार्जन करैत परिवारक भरण-पोषण करैत छल जेना माली फूल – फूलवारीक देखभाल करैत छल त’ मालिन माला गुथि गाम घरमे घुमिक’ बेचि अबैत छल।किसान आ खेतिहर अन्न उपजबैत छलाह त’ हुनकर गृहणी सब अन्न केँ परिष्कार करैत, कुटिपिसी क’ ओकरा भोजन योग्य बनबैत गुणवत्ता बढ़ाय अन्नक बिक्रीसँ परिवारक आयमे वृद्धि करैत छलीह। पंडितजी यज्ञ गुरुकुल वा पाठशाला चलबैत छलथि त’ पंडिताइन ओहिमे रह’वाला विद्यार्थि सभक आवास तथा भोजनक समुचित व्यवस्था करैत छलीह आ ताहि आमदनीसँ परिवारक निर्वाह होइत छल।
कालेक्रमे पर्दाप्रथाक विस्तार भेलैक आ स्त्रीगण लोकनिक आर्थिक क्रियाकलाप आँगनहिमे सीमटिक’ रहि गेलैन।एकर स्त्रीगण समाजक क्षमता विकास पर प्रतिकूल असर भेल आ घरसँ बाहर काजक भार सबटा पुरुष वर्ग पर आबि गेल। भीषण गरीबी, दुर्भिक्ष आ महामारीक कारणे कयेको पुरुष परदेशमे रहि कमाब’ लेल विवश भ’ गेलाह। एखनहुँ धरि से परम्परा कमबेस चलिए रहल अछि।
मुदा आधुनिक समाजमे शिक्षाक प्रसार स्त्रीगण समाजमे बहुत तेजीस’ भ’ रहल अछि।ताहिमे सरकारी आरक्षण नीति, विद्यार्थीके भेट’ वाला संस्थागत सहायता जेना भोजन, पोशाक, साइकिल, लैपटॉप इत्यादिक सुविधा सेहो आकर्षित करैत बहुत सन विद्यार्थीके विद्योपार्जन दिस प्रेरित करैत अछि। ताहिसँ जे नीक बात सामने आयल अछि जे महिलावर्गमे एक नव विश्वास जागल अछि आ ओ लोकनि आब’ वाला समयमे सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, वा पारिवारिक क्रियाकलापमे आगु बढ़ि भाग लेबाक उत्साह आ आत्मविश्वास देखा रहल छथि। खासकऽ आरक्षणके वजहसँ नौकरीमे निश्चित भागीदारीके हक हुनका लोकनि आ हुनक परिवारकेँ नारी शिक्षा हेतु प्रेरित करैत अछि ताकि नारी समाज पढ़ि लिखिक’ नीक नौकरी पाबि सकत आ अप्पन परिवारक समग्र रूपे भरण-पोषणमे मददि क’ सकत।
आब ई कोनो काल्पनिक बात नहि छैक जे स्त्री सब क्षेत्रमे नीक काज करैत यश आ धन प्राप्तक’ रहल छथि।केहन-केहन निर्धन परिवारक लड़की सब अप्पन लगनसँ खेलकूद आ अन्य क्षेत्रमे नाम कमोने छथि। सेना, पुलिस, वैज्ञानिक, शिक्षण, वकालत, कृषि, व्यवसाय, इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टरमे महिला लोकनि नीक – नीक ओहदा पर देखल जा रहल छथि। अहि सँ पारिवारिक आमदनी आ समृद्धिमे वृद्धि त’ होइत छैक अगला पीढ़ीके पठन-पाठन आ रहन सहनके स्तरमे समग्र विकास होइत छैक। मुदा अहि प्रगतिक विडंबना ई छैक जे कोनो तरहक रोजगारक अवसर शहरहिटामे छैक आ ताहिसँ गाम घर प्रायः सुन्न भेल जा रहल अछि।
चुंकि हम्मर सभक समाज मुख्य रूपे पुरुष प्रधान रहल अछि, स्त्रीक आर्थिक सशक्ततासँ समाजमे किछु संघर्ष सेहो उत्पन्न भ’ गेल छैक।आर्थिक रूपे सक्षम स्त्री आब अन्याय बर्दाश्त कर’ लेल तैयार नहि अछि।अहि सामाजिक उथलपुथलमे बेसी नीकहि बात देख’मे आबि रहल अछि।आधुनिक महिला लोकनि गृह उद्योगमे सेहो बहुत आगु छथि आ आम लोकनीक नीक जीवन स्तर संकेत छैक जे पुरूष – स्त्री दुनु आर्थिक रूपे सक्षम भेला सँ सर्वथा समाजक कल्याण हेतैक। अहि मादे अखन बहुत काज आ प्रगति वांछित छैक जाहि हेतु समाजके सतत प्रयत्नशील रहबाक आवश्यकता छैक।

©इला झा
बैंगलुरू
२८.९.२०२३