गठबन्धन कियैक जरूरीः
१. हम सब अपन मातृभूमि मिथिला लेल समर्पित रहितो अलग-अलग हेबाक कारण शक्ति, संसाधन, सोच, समय आ सम्पत्ति सब किछु नुकसान कय बैसैत छी, उपलब्धि किछु खास नहि भ’ पबैत अछि।
२. एकटा सम्मानित सभ्यता (मिथिला) के हिस्सा रहितो आइ अवहेलित पहिचान आ दमन-शोषण के शिकार बनेने अछि विभिन्न राजनीतिक धारा-उपधारा आ हाइकमान्ड लोकनि, हमरा सभक मुद्दा आ सरोकार पर हम सब (हमरा लोकनिक जनप्रतिनिधि) आवाजो तक नहि उठा पबैत छी।
३. हमरा सभक एकटा प्रेशर ग्रुप होयब अति आवश्यक अछि। जाहि मे अपने सब समान नेतृत्वकर्ता, बुद्धिजीवी, विद्वान्, साहित्यकार, चिन्तक, विचारक आ जमीनी कार्यकर्ता केर सम्मिलित गठबन्धन अत्यावश्यक अछि।
४. २०२४ के संसदीय चुनाव मे फेर टिकट के झमेला ठाढ़ होयत। टिकट ओकरे भेटतैक जे पैसा वला होयत, करोड़ों टका लुटाकय हमरे-अहाँ केँ टका लोभे, कियो जातिवाद के नाम पर, कियो बाहुबल सँ… जेना-तेना हमर-अहाँक वोट लेत आ फेर ५ वर्ष तक हमरे-अहाँक अस्मिता संग खेलबाड़ करत। विकल्प की? विकल्प लेल हमरा अहाँक शक्ति केँ एकठाम करब परमावश्यक अछि।
५. यथार्थ छैक जे ७५ वर्ष आजादीक अमृत महोत्सव के मधुर बेला देश लेल आबि गेल, मिथिला लेल की? जेहो उद्योग आ रोजगार छल से खत्म, कृषि आ पशुपालन सँ प्राप्त आमदनी साल भरिक खर्चो निकालनाय आफद… शिक्षा आ विद्यालयक हाल देखिते छी, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली, सड़क, आदि विभिन्न क्षेत्र मे आंशिक उपलब्धि भेटितो हमरा सभक स्थायी समस्या बाढ़ि आ सुखाड़ संग औद्योगिक विकास ठप्प रहबाक कारण पलायन लेल बाध्य छी। अपन समस्याक स्थायी निदान लेल गठबन्धन परमावश्यक।
एहेन-एहेन कतेको बात आँखि गुराड़ि हमरा सब दिश ताकि रहल अछि। हम सब सेहो अपना अपना भरि करैत छी। पार्टी मे सेहो आवाज उठबैते छी। लेकिन तैयो छितर-बितर शक्ति के कारण उपलब्धि किछु खास हाथ नहि लगैत अछि। समय बहल जा रहल अछि। तेँ, आब देरी नहि। ९ अगस्त क्रान्ति दिवस, दरभंगा चलू। निर्णय करू, आगू अपने-अपने बैनर मे काज करब, अपन पार्टीक झंडा उठेने काज करब, अलगे-अलगे समय-सम्पत्ति खर्च करब, या फेर अपन मुद्दा लेल सब कियो एकत्रित भ’ कय दबाव बनबैत आ पब्लिक मे जनजागरण करैत गठबन्धन के बैनर मे काज करब। गठबन्धन रहत त लोक मे विश्वास बढ़त आ फन्ड सेहो व्यवस्था कय सकब। सब विन्दु पर विचार करय जाउ।
हरिः हरः!!