“बेमेल विवाह”

405

— अखिलेश कुमार मिश्र।     

 

सभ सँ पहिने बुझु जे बेमेल विवाह की अछि। बेमेल के मतलब भेल जे जाहि विवाह में जोड़ी (स्त्री/पुरुष) सामान्य जोड़ी सँ किछु भिन्न रहै, से भेल बेमेल विवाह। बेमेल के एहि आधार पर निर्धारित कैल जा सकैत अछि जाहि में रूप-रंग, कद-काठी (काया/धोया), उम्रक अंतर, पारिवारिक आर्थिक स्थिति, समाज में परिवारक स्तर, जाति-धर्म आदि सभक समातक अंतर होइ। जदि एहि में भिन्नता बेसी भेल तs ओहि विवाह कें बेमेल विवाह कहल जैत।
बेमेल विवाह: पहिने
जेना हम किछु बात अपन दादी सँ सुनने छी ताहि आधार पर पहिलुका विवाह में भेल बेमेल विवाहक स्थिति स्पष्ट कs रहल छी। पहिने अपन मैथिल समाज, खास कs ब्राम्हण वर्ग में अंतरजातीय विवाह एकदम निषेध छल तहन स्वजातीय में वर ढूंढs के काज कन्याक पिता के होइत छलैन्ह। करीब सत्तर अस्सी बरख पहिने तक विवाहक उम्र बारह-तेरह वर्ष होइत छल तs वर कन्याक उमेरक फर्क सामान्यतया कम रहैत छल। मुदा कुनो कुनो बेमेल विवाह आयु में बड़ अंतर होइत छल। इ स्थिति तहन होइत छल जेखन वर कन्या कें पाइ द कs विवाह करैत छलाह अर्थात एहि में कन्याक पिता बेटी बेचबा कहाइत छलाह ओ आर्थिक रूपें विपन्न रहैत छलाह। दोसर स्थिति तेहेन होइत छल जतय कन्या पक्ष आर्थिक रूपें खयब सक्षम आ बेटा बाला नीक कुल मूल पांजि के होइत छलाह। ताहि में हुनका खूब धन-वित्त दs विवाह होइत छल आ बेटी नैहर में भागिनमान बनि कs रहैत छलीह। एहि विवाह में आर्थिक भिन्नता, उमेरक भिन्नता आ सामाजिक स्तर पर वर कन्याक परिवारक स्थितिक भिन्नता खूब रहैत छल। बहुतों उदाहरण तs एहेन होइत छल जाहि में नीक पाँजि बाला वर कें कतेको विवाह होइत छल आ सभ कनियाँ अपन अपन नैहर में रहैत छलीह, जे अत्यधिक बेमेल होइत छल। चालीस पचास वर्ष पहिने दहेजप्रथा खूब पसरि गेल छल। ताहि स्थिति में सेहो बेमेल विवाह खूब होमय लागल। जेना धनी कन्याक पिता गरीब घरक नीक नौकरी (सरकारी) बाला लड़का दहेज के बल पर आनि, ओकरा सँ अपन पुत्री कें विवाह करैत छलाह। एहेन स्थिति में कन्याक पारिवारिक स्तर समाज में उच्च होइत छल तहिना बिन पढ़ल कन्या पढ़ल वर सङ्ग जिनगी बितबैत छलीह। जदि कन्या पक्ष गरीब तहन ओहेन अधवेसु वर सभ सँ विवाह करैत छलीह तs उमेरक भिन्नता बड़ होइत छल, जे पूर्णतया बेमेल होइत छल। सरकारी नौकरी अथवा धन-वित्त के चक्कर में तेहेन विवाह होइत छल जे कन्या खूब सुन्नर/गुणी आ वर बकलेल/कुरूप/विकलांग होइत छल आ एकर उल्टा सेहो।
करीब बीस पच्चीस बरख पहिने विवाह में वर-कन्या कें फ़ोटो देखेनाइ अथवा एक दोसर के देखेनाइ अथवा घरक सदस्य द्वारा कन्या कें देखनाइ आरम्भ भs चुकल छल। तहन शारीरिक रूपें बेमेल कम होमय लागल। मुदा बौद्धिक अथवा आर्थिक मेल में अंतर रहिये गेल। एकर मुख्य कारण दहेज रहल जाहि में कन्याक पिता धनबल सँ अपन पुत्री लेल नीक नौकरी बाला वर आनs लगलाह।
बेमेल विवाह: आब
विवाह में आबक स्थिति भिन्न अछि। लगभग आधा (पचास प्रतिशत) केस में देखल गेल अछि जे वर कन्या एक दोसर कें मैट्रिमोनियल अथवा सोशल साइट सँ एक दोसर कें जानैत रहैत छैथि। अधिकतर तs विवाह सँ पहिने एक दोसर सँ भेंट केने रहैत छैथि। एहेन स्थिति में कन्या वरक अभिभावक सिर्फ सहमति दैत छैथि विवाह लेल आ विवाह करबा दै छैथि। बाँचल आधा केस में कन्या वरक अभिभावक वर/कन्या कें पसन्द कs कs कन्या/वर सँ विवाह लेल सहमति लैत छैथि आ विवाह करबै छैथि। जे विवाह वर-कन्या द्वारा अपने तय कैल जाइत अछि ताहि में सामाजिक स्तरक बेमेल, जातीय/धर्मक बेमेल अथवा आर्थिक स्तरक बेमेल विवाह भs जाइत अछि। जे विवाह वर/कन्याक अभिभावक द्वारा निर्धारित कैल जाइत अछि ताहि में बेमेल होइ के कम संभावना रहैत अछि।
बेशक पहिने बेसी बेमेल विवाह होइत छल मुदा गृहस्तीक जिनगी बिना तलाक कें गुजरि जाइत छल। मुदा आब बड़ किछु देखला के बादे विवाह होइत अछि तैयौ तलाक बड़ बढि गेल अछि। एकरो बहुत रास कारण अछि।
कहक तात्पर्य इ भेल जे बेमेल विवाह पहिने सेहो होइत छल एखनो होइत अछि आ भविष्य में सेहो हेबे कड़त।