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“मिथिलामे बाल श्रम आ एकर रोकथाम.. समाज द्वारा आ सरकार द्वारा.”

— पंकज झा।         

हम पहिने बाल श्रम के परिभाषा नै देब, सब के बुझल अछि ई बात और ऐ समस्या स हम सब निज़ी जीवन मे दु चार होती रहे छि.. चाहे वो बस ट्रेन मे नारियल, पेन, किताब, नमकीन, टॉफी बेचेत बच्चा होए या गीत गबेत भीख मंगेत बच्चा, या फेर चाय बेच वाला, होटल पर प्लेट धो वाला बच्चा, फैक्टरी मे काज करेत बच्चा या घर मे स्वयं आ परिवार के बोझा ढोयेत बच्चा, मिथिला मे हर जगह भेटत आ पूरा भारत ऐ स अछूता नै छि..

और ई सब सरकारी श्रम निरीक्षक और मीडिया के हलचल स दूर रहबक् के कारण lime lighte मे विरले अबेत् छेक..मिथिला मे बाल श्रम कौनो नया बात नै छि, स्कूल के समय के बाद बच्चा सब परिवार के हाथ बटब् लेल् खेत दुकान या ठेला लगा क पुरान जमाना स करेत अबि रहल छे, लेकिन शने शने पलायन आ जीवन यापन के लेल् बच्चा सब कम उम्र मे दूर दराज तक भारतीय राज्य मे काज करेत नज़र आबि रहल अछि.. और आब बाल श्रम कनी स्टैंडर्ड से भ गेल छेक बाल गायक, बाल अभिनेता, बाल कलाकार, बाल यू टयूब र. Etc.. लेकिन ई सब किछ कम विवादित आ किछ कानूनी रूप स मान्य छे..

और मिथिला के समाज मे परिवर्तन भ रहल छे, सब जीवन निर्वाह के स्तर के ऊपर उठा ब चाहे छे और तै लेल् समाज शिक्षा लेत बालक सब के बाल श्रम मे काज लेब पर विरोध नै करे छे.. ई प्रतियोगिता भरा जीवन बच्चा सब के परिपक्व होव स पहिने बचपन छिन रहल छे आ जिम्मेदारी बढ़ा रहल छे आ तै स बच्चा सब कम उम्र मे अनीति शिकार से भ रहल छे आ ओई फलस्वरूप अपराध दिस से हो बढ़ी रहल छे.. नशाखोरी, चोरी हत्या या बलात्कार के घटना सब से सुनी रहल छि ओकर कौनो न कौनो कारण बाल श्रम रूप मे बच्चा के शोषण छे
जैखेन बच्चा सब के हम सब निक वातावरण नै देबे त सभ्य समाज के कामना केना हम सब क सकै छि.. त जरूरत छे समाज आ परिवार के सजग हो ब के ताकि बच्चा मे देल गेल ईश्वरीय शक्ति के पूर्ण विकास कयल जा सका ताकि भविष्य मे वो बच्चा समाज के हित मे काज करा..

ऐ लेल् समाज के विरोध से कर परत आ बच्चा के अधिकार लेल् से सजग होब् परत ताकि बाल श्रम वर्जित हुआ मिथिला समाज स..

१.१४ बरख स कम बच्चा के काज देनाइ गैर कानूनी छे.. लेकिन परिवारिक व्यवसाय मे शिक्षा लेत वो काज क स्कैया.

२. १४-१८ साल के बच्चा के खतरा वाला काज मे नै जोड़ी सके छि.

३. यदि ऐ तरह के कौनो काज होय त समाज police आ मजिस्ट्रेट स शिकायत क सकैया, NGO जे बच्चा सब स जुडल हुआ ओकर नज़र मे आनि सकै छि..

४. जे व्यक्ति ऐ मे सम्बन्धित छेन् हुंका लेल् ६ महिना स दु साल के जेल के सजा आ जुर्माना अलग छे..

५. बाल श्रम स बचायल बच्चा सब के पुनर्वास आ सुरक्षा के जरूरत छि..

६. माता पिता के जागरूक रहबक् चाहि, कियेक त किछ उपेक्षा केला पर हुनको सब के दंडित कायल जा सकैया..

लेकिन पुरा सार छे जे बाल श्रम घर स शुरू होई छे.. एकटा जिम्मेदार नागरिक बन लेल् श्रम ठीक छे लेकिन वहा श्रम यदि स्वार्थ आ लालच के सीमा यदि नाघि दिया त समाज लेल् नासूर छि.. त समाज आ सरकार के दुनु के भागीदारी के जरूरत छे..

 

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