खिस्सा
– प्रवीण नारायण चौधरी
ओ कथा जे सुनने रही
एकटा खिस्सा मे कहल गेल छैक जे मनुष्यक उमेर भगवान् मात्र २० वर्ष देलखिन। गदहा केँ ५० वर्ष। बानर केँ ३० वर्ष। कुकूर केँ सेहो २० वर्ष। भगवान् सभक जीवन मे केहेन भोग भेटतैक सेहो वर्णन कय देलखिन। मनुष्य केँ कहलखिन जे तोरा सब जीव आ प्रकृति के भोग करबाक सुख भेटतौक। गदहा केँ कहलखिन अपन सेवा दय मे तूँ बहुत बहादुर हेमें, मालिक लेल बोझ उघय मे तोहर बड पैघ भूमिका हेतौक। तहिना बानर केँ कहलखिन जे अलमस्त जीवन जीमें, एहि गाछ सँ ओहि गाछ आ जेम्हर जे मोन हेतौक से नोचि-नाचि खेमें, ऐश करमें… कियो मुंह दुसतौ त तूँ ओकरा सँ बेसी मुंह दुसि सकमें। आ कुकूर केँ कहलखिन जे तोहर वफादारिता मालिक प्रति बड पैघ हेतौक, लेकिन भोजन आँइठ-कुठि जे भेटौक से चुपचाप खा लेल करिहें… खुटेसियो कय राखउ त चिन्ता नहि करिहें, मालिक के बचाव लेल भुकिहें जरूर। आदि। मनुष्य छोड़ि बाकी सब भगवान् सँ कहलकनि जे जखन एहने जीवन भेटल त फेर उमेर एतेक लम्बा नहि दिअ’। सब अपन-अपन उमेर मे सँ किछु कटौती करबा लेलक। गदहा ५० के बदला २०, बानर ३० के बदला १५ आ कुकूर २० के बदला १० माँगि लेलक। मनुख लोभा गेल। ओ भगवान् सँ चट् कहि देलक जे सरकार, जखन सब सुख भोगय लेल कहलहुँ त फेर उमेर बीसे बर्खक कियैक दैत छी…. ई गदहा, बानर आ कुकूर के छोड़लाहा त कम सँ हमरा जोड़ि दिअ? भगवान् हँसिकय ओकर लोभ मे फँसबाक स्थिति देखैत कहि देलखिन जे तखन जानब अपन हाल… जेकर उमेर लेब तेकर जीवन जीब! मनुख लोभ मे फँसल गौर नहि कय सकल आ लय लेलक ओ सबटा उमेर। भेलय की? आइ मनुख अपन २० वर्षक और्दा बाप-माय के आलीशान होटल आ टूरिस्ट फेसिलिटी जेकाँ अलमस्त जिबैत अछि। बाद बाकी ३० वर्ष गदहा वला, १५ वर्ष बानर वला आ अन्तिम १० वर्ष कुकूर वला! देख लियौक आँखि खोलिकय। भैर जबानी मनुख गदहा जेकाँ भार उठबैत, ऐगला १५ वर्ष प्रौढ़ावस्था मे रिटायरमेन्ट केर समय धरि एहि शाखा सँ ओहि शाखा कूदफान कय केँ कोहुना जोगार पूरबैत अछि। आ तेकर बाद त अपनहि परिवारक पोसा कुकूर जेकाँ आँइठ-कुठि जे देतैक बेटा-पुतोहु से खायत आ नाति-पोता सबकेँ घुमबैत वफादार कुत्ता के जीवन जियत। आब सब संगे एहिना हेतैक सेहो जरूरी नहि, लेकिन सामान्यतया यैह हाल होइत छैक। तेँ समय पर चेतू आ और्दा के सही उपयोग करू।
हरिः हरः!!