मिथिलाक धरोहर
– प्रवीण नारायण चौधरी
अभियान विशेष – दहेज मुक्त मिथिला
मिथिला के हर गाम छय सुन्दर
बचाउ एहि ठाम के सब धरोहर
ई नारा थिकैक ‘दहेज मुक्त मिथिला’ अभियान के। हम सब निर्णय कएने रही, कएने छी जे अगबे ‘दहेज हंटाउ, बेटी बचाउ’ आदिक खोखला नारा नहि लगेबाक अछि, बल्कि मनुष्यक चरित्र सँ ई कुप्रथा आत्मनिर्णय सँ हंटय तेहेन वातावरण बनेबाक अछि। जतय दहेजक समान देखा-देखा लोक अपन पीठ अपनहि ठोकैत छथि, गाम के लोक सँ खोखला प्रतिष्ठा आर्जन लेल खानपीन सँ लयकय विवाहक भोज, कोजगरा मे भोज, द्विरागमन पछातिक भोज – आदि सब कय-कय केँ देखाबा करैत छथि – ई सब हंटाकय विवाह कतेक उच्चकोटिक जोड़ी बीच भेल, एहि दुइ जोड़ी सँ आबयवला पीढ़ी कतेक मजबूत आ आदर्श स्थापित करयवला होयत, कोन तरहक परिवारक बीच सम्बन्ध बनल, एहि सुन्दर सम्बन्ध के सुखद असरि समाज पर केहेन हेतैक – आदि सैद्धान्तिक बात सब पर केन्द्रित रहबाक छैक।
दोसर बात – गाम के कमौआ बेटा अपन गामक धरोहरक रक्षार्थ सेहो संकल्पित हुए। दहेज मुक्त मिथिला अभियान सँ जुड़ल प्रत्येक सदस्य सँ कहल जाइछ जे अहाँ अपन गाम सँ नहि कटू। अपन गामक पर्यटकीय सम्भावना, उद्योग-व्यवसायक विकास, सामाजिक सौहार्द्रता आ सद्भावनाक बात, गाम मे रहल कला-संस्कृति आ कि साहित्य सम्बन्धी पारम्परिक आयोजन सब केँ निरन्तरता, गाम मे नाटक होइत छल से एखनहुँ होइत अछि या नहि, गाम मे खेलकुद आ विभिन्न विषय सब पर नजरि बनेने रहू। धरोहरक संरक्षण करैत रहू।
एहि क्रम मे आइ प्रस्तुत तस्वीर हम अपन गाम के भगवतीस्थान (दुर्गास्थान, कुर्सों) केर राखि रहल छी। भगवतीक कृपा सब पर बनल रहय। भगवतीक बड पैघ महिमा छन्हि। बहुत रास प्रत्यक्ष चमत्कार सेहो देखय लेल भक्त-श्रद्धालू केँ भेटैत छन्हि एतय। एकटा बड पैघ चमत्कार जे हम बहुत बाल्यकालहि सँ आइ धरि देखलहुँ अछि – एतय कियो उचकपनी करैत अछि त ओकरा भगवती तुरन्त दण्डित करैत छथिन। नशाक झोंक मे अथवा खराब मानसिकता सँ, दुष्टता सँ या कुटिलता सँ भरल जे कियो एहि मन्दिर प्रांगण मे बदमाशी करैत अछि ओकरा बड़ा भारी सजाय भेटैत छैक। तहिना, जे कियो भगवतीक काज मे अपन अंशदान करैत अछि ओकरा सेहो भगवती एक सँ एकैस कय दैत छथिन।
हमरा बुझने एहने गहींर आस्थाक अनेकों स्थान अपन मिथिला मे ठाम-ठाम पर अछि। हम आइ मोन पाड़य चाहब – अहिराइन बाबा महादेव, सुथरिया मे स्थित महादेव, औंक्सी महादेव, फैटकी कुटी गोसाईं बाबाक समाधिस्थल, कमलाकातक कैतिकी स्नान आ मेला, जयदेवपट्टीक कालीपूजा, ठेंगहाक कालीपूजा, दादपट्टीक कालीपूजा, कथबारक कालीपूजा, नवादा भगवतीस्थान, उजानक छिन्नमस्तिका भगवतीस्थान, लगमा कुटी, हमर मामागाम महथवार लग लगमाक बुलनबाबा द्वारा कयल गेल ओ महायज्ञ, पाली दुर्गास्थान, बाबा कुशेश्वरस्थान, बाबा विदेश्वरस्थान, बाबा सिंहेश्वरस्थान, माता उग्रतारा स्थान, लक्ष्मीनाथ गोसाईं कुटी बनगांव, ठाकुरबाड़ी मन्दिर बनगांव, बाबा बैद्यनाथक स्थान बनगांव, दुर्गास्थान बनगांव, बाणेश्वरनाथ महादेव मन्दिर देवना (सहरसा), विद्यापतिधाम लछमिनियां (सत्तरकटैया, सहरसा), जानकी मन्दिर जनकपुर, पुनौराधाम जानकी प्राकट्यस्थल, देकुलीधामक महादेव मन्दिर (शिवहर), माधवेश्वरनाथ महादेव मन्दिर सौराठ सभागाछी, सोमनाथ महादेव मन्दिर सौराठ गाम, कपलेश्वर महादेव कपलेश्वर (मधुबनी), एकादश रुद्र महादेव मन्दिर मंगरौनी (मधुबनी), छिन्नमस्तिका भगवती सखड़ा (सप्तरी), कंकालिनी मन्दिर भारदह (सप्तरी), आदि अनेकों स्थान एहेन दर्शनीय आ दिव्य शक्ति सँ सम्पन्न हम अपन जीवन मे देखलहुँ जेकर प्रभाव निश्चित रूप सँ अपना उपर भेल बुझैत छी। हर जगह के अपन एक विशिष्ट इतिहास छैक। सब स्थल केर सम्मान लोकभाव मे निहित छैक।
किछु एहने स्थान अहाँक गाम मे सेहो अछि। लेकिन ओकरा उपर कियो लिखनिहार नहि अछि। ई भार अहाँ केँ लेबाक चाही। एतेक योगदान अपन समाज लेल करबाक चाही। कमौआ बेटा के मतलब ई भेलैक जे अपना अलावे अपन गाम लेल कमेलक। से कमौआ सब बनय।
हरिः हरः!!