विशिष्ट व्यक्तित्व परिचय: डा. शेखर झा, मैथिली आइएएस गुरु
– अमित आनन्द, महिषीधाम, सहरसा।
संघ लोक सेवा आयोग २०१४ केर परिणाम आबि गेल आ मैथिली लेल शुभ समाचार सेहो सुनबा लेल भेटय लागल। कुल १५ गोटे मैथिली ऐच्छिक विषय सँ सफलता प्राप्त केलनि। समाचार संकलन करबाक क्रम मे पता चलैत अछि जे एहि समस्त मैथिली भाषा सँ सफल भाग्यशाली उम्मीदवार एकमात्र गुरु सँ विशेष प्रशिक्षित भेलाह। ओहेन प्रणम्य गुरुक नाम थीक पुर्णेन्दु शेखर ठाकुर – मुदा ओ अपन पुकारू नाम ‘शेखर झा’ सँ जानल जाइत छथि।
धमदाहा, पुर्णियां केर मूल निवासी पटना सँ उच्च शिक्षा प्राप्त दिल्ली मे मैथिली मंथन आइएएस एकेडमीक संचालन कय रहला अछि। क्षेत्रीय भाषाकेँ समर्पित भारतक एकमात्र संस्थान जे सिविल सेवा परीक्षाक तैयारी करबैत अछि, एहि संस्थान मे केवल मैथिली साहित्य पढायल जाइत अछि। २००६ सँ २०१४ धरि डा. शेखर केर मार्गदर्शन सँ कुल ५६ छात्र संघ लोक सेवा आयोग तथा ४० छात्र बिहार लोक सेवा आयोग मे मैथिली साहित्य केँ विषय रूप मे राखि सफल भऽ चुकला अछि।
सफलता प्राप्त कएनिहार मात्र मूल मिथिला वा कि वर्तमान मिथिला-निहित प्रान्त बिहारहि केर नहि बाहरो सँ मैथिली ऐच्छिक विषय सँ सफलता प्राप्त कएलनि अछि। हरियाणा सँ आदित्य भारद्वाज, गुजरात सँ सतीश कुमार, राजस्थान सँ राकेश कुमार, उत्तर प्रदेश सँ अमित कुमार आनन्द एहि सूची मे सर्वथा स्मरणीय छथि। मैथिली प्रारंभ वर्ष २००६ सँ आइ धरि सर्वाधिक अंक प्रतिशत और रिजल्ट प्रतिशत प्रदान करऽवला विषय बनल अछि। औसत अंक २२५ अंक प्राप्तांक बनि रहल अछि।
“एहि बेर सेहो मैथिली मंथन सँ लगभग ६० छात्र मेन्स मे शामिल भेल छल, एहि मे ३२ छात्र साक्षात्कार देलक आर अंतिम रूप सँ १५ छात्र सफलता प्राप्त केलक। २५% सफलता संघ लोक सेवा आयोग केर इतिहास मे कोनो संस्थान लेल गौरवक बात भेल। एहि तरहें हम अपन मातृभाषाक सेवा करबा मे गर्वक अनुभूति करैत छी।” डा. शेखर झा अपन अन्तर्मनक भावना आत्मविश्वास सँ भरल किछु एहि अन्दाज मे प्रकट करैत छथि। निश्चित रूप सँ मैथिलीक मान बढौवैल मे हिनक योगदान एहि आत्मविश्वास केर सर्जक बनि स्थापित भऽ चुकल अछि। यैह विश्वास मैथिली भाषा सँ परीक्षाक तैयार करयवला अभ्यर्थी-प्रतियोगीक जनमानस मे रामबाण समान काज करैत अछि। तखन न १५ केर १५ छात्र मैथिली मंथन केर मार्गदर्शन सँ आइएएस बनबाक सपना पूरा करैत अछि।
मैथिली एक विषय केर रूप मे: डा. शेखर झा
जाहि छात्रकेँ हिन्दी लिखब-पढब अबैत अछि, ओ मात्र १० दिनक प्रशिक्षण मे हिन्दिये जेकाँ मैथिली सेहो धाराप्रवाह लिखय लगैत अछि, कारण हिन्दी आ मैथिली साहित्यक ८० सँ ९०% शब्द मिलैत-जुलैत अछि, बाकी लेल व्याकरण बतेबा काल छात्र केँ बुझा देल जाइत अछि। एहि शब्द मे सेहो लगभग ५०% शब्द मगही, भोजपुरी, अंगिका, बज्जिका और अवधी मे प्रयोग कैल जाइत अछि। यैह कारण छैक जे युपी, एमपी, हरियाणा, राजस्थान आदि दोसर राज्यक छात्र सेहो मैथिली भाषा प्रति बड़ी तेजीसँ आकर्षित होइत आबि रहल अछि। दुर्भाग्यवश मिथिलाक्षेत्रहि सँ एनिहार छात्र ‘लिखबा मे कठीन’ कहि मैथिली रखबा सँ कतराइत अछि, नहि तऽ आइ एहि विषयक कारण बिहार सँ संघ लोक सेवा आयोग केर परीक्षा पास कएनिहार सब सँ अधिक होइत।
पढेबाक पद्धति: मैथिली मंथन आइएएस एकेडमी (दिल्ली)
पहिल चरण: ८-१० दिन मे मैथिली लिखनाय सिखायल जाइछ।
दोसर चरण: विषय-वस्तुक विश्लेषण कैल जाइछ। पूछल गेल प्रश्न आ पूछल जाय योग्य प्रश्नक उत्तर मोडेल बतायल जाइछ। फेर ओहि सब पर नोट्स लिखायल जाइत अछि, किछु तैयार सामग्रीक नोट्स सेहो उपलब्ध करायल जाइछ।
तेसर चरण: दोसर पत्र जतय पद्य और गद्य केर पाठ्य अछि ओकरा लेल कक्षा (class) मे पंक्तिबद्ध (line by line) अर्थात् भाव आ तकनीकी पक्ष सहित विश्लेषण कैल जाइछ, पुन: प्रश्नोत्तर विश्लेषण करैत नोट्स लिखेनाय केर संग-संग तैयारी नोट्स सेहो उपलब्ध करायल जाइछ।
चारिम चरण: कक्षा टेस्ट और प्रारंभिक परीक्षा (P.T.) परिणामक बाद मुख्य परीक्षा केन्द्रित जाँच (Mains Oriented Tests) कुल १५ बेर लेल जाइत अछि।
२०१४ केर सिविल सेवा मे ‘मैथिली मंथन’ सँ पास कएनिहार छात्र:
१. रोहन कुमार झा – रैंक ९५ – झारखंड सँ छथि। वर्तमान मे आइपीएस केर ट्रेनिंग मे छथि।
२. मयंक कुमार – रैंक २२३ – मूल घर हरिपुर – बक्शीटोल, वर्तमान – पटना
३. सावन कुमार – रैंक २८५ – खगड़िया
४. नीरज कुमार – रैंक ४२७ – गाम: प्रसाद, मधुबनी
५. प्रसन्न कुमार – रैंक ५७५ – गाम: बनगाँव, सहरसा
६. संतोष कुमार – रैंक ८१५ – गाम: चान्दीपुर, सुपौल
७. राजीव रंजन – रैंक ८३७ – गोपालगंज
८. प्रवीण प्रकाश – रैंक ८४३ – रामबाग, पुर्णियां
९. प्रवीण शेखर – रैंक ८४६ – रामबाग, पुर्णियां
१०. राजेश कुमार – रैंक ८९५ – शिवहर
११. आदित्य कुमार आनन्द – रैंक ९८० – गाम: सिकियारा, मधेपुरा
१२. सरोज कुमार – रैंक ९८४ – गाम: पताशा (नरहार), समस्तीपुर
१३. अमित कुमार आनन्द – रैंक १०९३, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश
१४. ब्रज भूषण पाण्डेय – रैंक ११७५ – कैमुर
१५. रौशन कुमार – रैंक ११९२, सहरसा