यात्रा: मिथलाक पवित्र और प्रसिद्ध स्थान के – अहिल्यास्थान

दहेज मुक्त मिथिलाक साहित्यिक अभियानः लेखनीक धार अन्तर्गत २० अप्रैल २०२३ ‘मिथिला यात्रा संस्मरण’ पर संकलित आलेख

यात्रा: मिथलाक पवित्र और प्रसिद्ध स्थान के

– मधू मिश्रा

आइ हम अपन घर लग के प्रसिद्ध और पवित्र स्थान अहिल्यास्थान के बारे मे लिखि रहल छी । हमर सबके स्टेशन अछि कमतौल स्टेशन जतय स हम सब अपन घर ढढिया जाइत छी और बाजार करय कमतौल आबय छी । कमतौल स्टेशन पर हमेशा स लिखल छै “गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का जिस जगह श्री राम जी ने उद्धार किया था वह जगह यहाँ से तीन किलोमीटर दूर है ” । हमरा बहुत खुशी अछि एतेक पवित्र जगह पर हमर जन्मस्थान अछि । कमतौल स्टेशन स सीधा रोड अहिल्या स्थान जाइ छै । हम सब बहुत बेर अहिल्या स्थान गेल छी । आइ तक पैदले गेल छी । लास्ट हम 16 साल पहिले 2007 मे गेल रही । आब फेर जाय बला छी । आब जैब त अहाँ सबके सेहो दर्शन करायब, कियैक त आब मोबाइल के जमाना छै ।

अहिल्या स्थान बहुत सुन्दर जगह और शांत जगह छै । चारू तरफ गाछिये गाछी छै । बहुत सुन्दर बहुत मनभावन जगह छै । अहिल्याजी के मन्दिर, राम सीताजी के मन्दिर, राम सीता कोबर, गौतम कुंड बहुत सुन्दर लगै छै देखै मे । बहुत चीज बिसैरियो गेल छी हम । अहिल्या स्थान में भाटा के भार चढै छै । ओना प्रसाद सेहो ताजा ताजा भेटैत छै सफेद मरीचदाना बला । तुरंत बनबैत रहै छै आ बेचैत रहै छै ।

अहिल्या स्थान के सबसे अद्भुत बात ई छै जे देह मे अहिला भेलापर बस अइ स्थान के गोर लाइग क माइन दियो हे अहिल्या माँ हमर अहिला ठीक क दिय हम भाटा के भार चढायब, बस एतबे कहिते किछे दिन मे पूरा देह स अहिला गायब भ जाइ छै । जय माँ अहिल्या ।