25 अप्रैल 2023 । मैथिली जिन्दाबाद!!
रिपोर्ट साभार: दीप नारायण विद्यार्थी
सुलतानपुर गाममे मनाओल गेल सद्गृहस्थ सन्त जगन्नाथ चौधरी पुण्य-पर्व समारोह
काल्हि 24 अप्रैल 2023केँ कुशेश्वरस्थानक सुलतानपुर गाममे सद्गृहस्थ सन्त जगन्नाथ चौधरीक पुण्य-पर्व समारोहक आयोजन आइ जय-राम शोध संस्थान, सुलतानपुर द्वारा आयोजित भेल। एहि सारस्वत समारोहमे लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् सभक जुटान भेल।
जय-राम शोध संस्थान, सुलतानपुर द्वारा आयोजित एहि समारोहमे संस्कृत विश्वविद्यालयक कुलपति पं. (डॉ.) शशिनाथ झा, ख्यातिलब्ध विद्वान् डा. जगदीश मिश्र, शिक्षाविद् श्री संजीव कुमार पाण्डेय, सुप्रसिद्ध कवि डॉ. नरेश कुमार विकल, डॉ. रमानन्द झा रमण, डॉ. महेन्द्र नारायण राम, श्री फूलचन्द्र झा प्रवीण, श्री सुरेन्द्र शैल, साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कारसँ सम्मानित श्री दीप नारायण विद्यार्थी एवं अन्य विद्वान् सभ जुटल छलाह।
सर्वप्रथम सद्गृहस्थ सन्त जगन्नाथ चौधरीक समाधि आ ओहिपर निर्मित छतपर स्थापित हुनक प्रतिमापर पुष्पवृष्टिक मध्य पुष्पांजलि आ माल्यार्पण भेल। तदुपरांत पुष्पवर्षाक बीच आगत अतिथि सभकेँ मंचासीन कराओल गेल। श्रीमती रेखा दास आ पुष्पा दास द्वारा जय जय भैरविक गान भेल। कुलपति महोदय सम्मानमे ठाढ़ भेलाह तखन पंडालमे उपस्थित सभ गोटे ठाढ़ भेलाह। दीप प्रज्ज्वलित कऽ समारोहक उद्घाटन कयलनि कुलपति पं.( डॉ.) शशिनाथ झा। अतिथि सभकेँ मिथिलाक पारम्परिक माला-पाग-डोपटासँ सम्मान कयल गेल। जय-राम शोध संस्थान, सुलतानपुर मिथिला -मैथिलीसँ संबंधित स्तरीय शोधपर एक विद्वान् केँ सम्मानित करैत अछि। एहि वर्ष सद्गृहस्थ सन्त जगन्नाथ चौधरी शोध सम्मान मैथिलीक सुपरिचित शोध विद्वान् डॉ. रमानन्द झा रमणकेँ समवेत रूपसँ अर्पित कयल गेल। एहि सम्मानमे मिथिला विजय स्तम्भ, कन्दर्पीघाटक चित्रसँ सुशोभित स्मृतिचिह्न, एगारह हजार नकद, माला, मिथिला पेंटिंगसँ सज्जित पाग-डोपटा देल जाइत अछि।
सम्मान समारोहक बाद डॉ. नरेश कुमार विकल केर रेडियो नाटकसंग्रह ‘चोखगर खोँच’, डॉ. रंगनाथ दिवाकर केर मैथिली आलेखसंग्रह ‘मिथिला मन्दार मञ्जरी’ आ डॉ. महेन्द्र नारायण रामक ‘दुसाध जाति का वृहत् इतिहास’ ( दोसर संस्करण) केर लोकार्पण आगत अतिथिगण द्वारा कयल गेल। लोकार्पित तीनू पोथी अनुप्रास प्रकाशन समूह, मधुबनीसँ प्रकाशित अछि।
अपन सम्बोधनमे डॉ. रमानन्द झा रमण शोध विषयक आवश्यकतापर बल देलनि जे अतीतकेँ एकरे बले सुरक्षित राखल जा सकैछ। श्री संजीव कुमार पाण्डेय कहलनि जे एहन कार्यक्रम बेसीसँ बेसी होयबाक चाही। डॉ. जगदीश मिश्र कहलनि जे अपन पुरखाकेँ स्मरण राखब पैघ बात थिक। विकलजी रेडियो नाटक केर इतिहास-भूगोलपर प्रकाश देलनि। पोथीक ललितगर प्रकाशन लेल अनुप्रास प्रकाशनक दीप नारायण केर प्रशंसा कयलनि।
उद्बोधन केर बाद डॉ. सिद्धार्थ शंकर विद्यार्थीक बाँसुरी वादन भेल। विद्यापति गीतक बाँसुरीक ध्वनिमे प्रस्तुति मनमोहक छल। एकर बाद कवि सम्मेलन शुरू भेल। सर्वप्रथम साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कारसँ सम्मानित श्री दीप नारायण अपन कविता सुनओलनि की की ने हमरा करेलक ई जिनगी। ई बेस प्रशंसित भेल। डॉ. महेन्द्र नारायण राम द्वारा प्रस्तुत लोकगाथा श्रोता सभमे लोकप्रिय भेल। श्री सुरेन्द्र शैलक कविता ऐ पवन ठहर-ठहर नगर-नगर केर ध्वन्यात्मक सौन्दर्यसँ श्रोता सभ मुदित भेलाह। श्री फूलचन्द्र झा प्रवीणक कविता आहि रे वा पयर तरक धरती ससरि गेल सुनलाक बाद श्रोता सभक फरमाइशपर पुण्ये सभटा पाप बनत तऽ की करबै आ तेना घुमाकेँ जाल फेकैत नहि बचतै इचनो पोठी श्रोता सभकेँ आनन्दित कयलक। मैथिलीक विलुप्त भेल जा रहल शब्द सभक प्रयोगसँ प्रवीणजी एहि कविगोष्ठीकेँ विस्तृत आयाम देलनि। समारोहक अध्यक्षता करैत डॉ. नरेश कुमार विकल अपन गीतसँ श्रोता सभकेँ विह्वल कयलनि।
सुप्रसिद्ध कवि चन्द्भानु सिंहक विलक्षण गीत की कहियो गे करिकी तोहर बाजब बड़ अनमोल छौ केर विपरीत स्वर हमरा आब लगैए कोइली बाजब तोहर ओल सन श्रोता सभकेँ सोचबाक लेल विवश कयलक। हुनक दोसर कविता पसारल छैक परतीमे हमर पथार सन जिनगी कहू हम लऽकेँ की करबै एहन उधार सन जिनगी दर्शक सभकेँ भावुक कयलक। फरमाइशपर पढ़ल रचना पहुना कहुनाकेँ चलि आउ अपन गामसँ विकलजी महफिल लुटि लेलनि।
युवा कवि दीप नारायण जीक कुशल संचालन छल एवं जय-राम शोध संस्थान, सुलतानपुरक निदेशक-सह-अध्यक्ष डॉ. रंगनाथ दिवाकर जीक धन्यवाद ज्ञापनसँ कार्यक्रमक समापन भेल। कार्यक्रममे सुधी श्रोता अन्त धरि काव्य सागरमे बहैत रहलाह।