प्रेम पत्र – मिथिला मे केहेन प्रेम होइत छैक तेकर जीवन्त चित्रण
– मैरी झा
हमर जानेमन मंटू,
अहाँ के चिठ्ठी आय भेटल . जखन स पढ़लौ हमर #लभलाइटिस बैढ़ गेल…। बोरसी में आयग जकाँ आय हमर दिल सुनैग रहल अईछ।… कते बेर दिल बना क अहाँ के नाम लिखू… कतेक बेर ओई पर तीर बनाउ आ कतेक बेर ओई पर अहाँ के नाम लिखू….आ कत्तेक बेर हम कानू।
यदि हमरा ई वोडाफोन बला भेंट जाय त हम ओकरा टावर मे मटिया तेल ध’ क’ आयग लगा देबै। पता नै कोन जनम के बदला ल’ रहल रहल अछि ई टाटीबला सरधुआ।
पता अय जखन अहाँ सँ बात करै के मोन होइए टावरे नै रहत।
तखन त’ मोन करैत रहै ये जे #मोबाइल के सिलौट पर ध’ क’ धन्नी सङ्गे पीस क’ तरकारी बना दियै।
#मारबारहैन अय #वैलेंटाइन के, कथी के रोज डे, कथी के #किस डे कथी के टेडी डे। एतय अहाँ के देखै के लेल तरैश जाय छी.. अरे कोनो बात नै। ई पाय बला सब के पावैन छियै। अहाँ दुर्गा पूजा के मेला मे जहन हम भगवती के सांझ देखा क वापस आयब त चोरा क झिल्ली मुरही #रमखेलौना बेटा दिया पठा देब हम बुझि लेब जे हमर वैलेंटाइन भ गेल । ओकरो किछ खुआ देबै, नै त हमर अहाँ बला बात ओ सब के कैह देतै
हमर जान मंटू! अहाँ बबिता के बियाह मे आयल रही। हम देखलौं। हम कोंटा पर परिछन काल मे छौंड़ी सब सङ्गे ठाढ़ रही। एत्तेक दुब्बर किएक भ गेलौं हैं? पहिले केते सुंदर छलौं! गाल एकदम चोटैक क #किसमिस भ गेलौं हैं।
अरे मेरी चिंता जूनि किया करो मेरे राजा ..हमको तो घर में रहना है कइसे भी रह जायेंगे..
अहाँ के बाहर रहबाक अछि । पढ़ाइ लिखाइ करबाक अछि। बड़का लोक बनबाक अछि। बढियाँ स नै खायब त पढ़ाइ कोना करब। हम त अहीं के चिंता में दुबरायल छी….
आ सुनु…
माँ बाबूजी के बात के बुरा नहि मानब। यैह सब ने अपना सब के एत्तेक सुंदर दुनिया मे जन्म द के अनलैथ है । गार्जियन जे कहे से मानब। गार्जियन जे कहता से अहीं के फायदा के लेल कहता। आ सरसों चना गन्ना आलू पर धियान दियौ. हमरा पर नै, वरना अहाँ के डैनियाही माय हमरा गरियेती.. आ बाबूजी अहाँ केँ मारता । त हम कानि कानि क’ अप्पन जान द’ देब…… पता अय माँ नानीगाम गेल छै। भौजी के नवका समाचार छै। हम दीदी (फुआ) बनि जायब। अही दुआरे आय कैल्ह भौजी आराम पर छैथ। सबटा लोड हमरे पर अछि।
भोरे तुलसी जी के दीया जरा देलियैक। केरा गाछ मे जल देलौं।
तकर बाद सजमैन काटिकय मसल्ला पीसिकय तरकारी बनेलौं।
गाय के जनेर देलियै। और बुझल अछि? काल्हि गाय बाछी बियायल। ताहि दुआरे पप्पा आय खूब व्यस्त छैथ।
सब काज भ’ गेल, छत पर मिरचाइ के अचार सुखा रहल छी।
घर बहाइर क’ #गोबर पाथय लेल जायब।
जखन स’ अहाँ के चिठ्ठी पढ़लौं, कोनो काज मे मोन नहि लागि रहल अछि। कते दिन राति भैर कनैत कनैत हालत खराब भ’ जाइ ये। फेर मोन मे संतोख करै छी। जाइ दियौ! अहाँ नीके ना रहब।
दु चारि दिन मे भैया सेहो दिल्ली चलि जेता।
भैया के बोरोप्लस आ नबका फ्रॉक के लेल कहलियन्हि। पता अय मंटू! हम काल्हि सपना देखलौं। अहाँ के नौकरी भ’ गेल। अहाँ खूब सुंदर लागै छी। आ हमर बाबूजी अहाँ के बाबूजी सँ बियाह के बात केलखिन हैं। हमर अहाँ के विवाह भ’ गेल । अहाँ हमरा लै हरियर चूड़ी आ लाल टिकली अनलौं हैं। हम पहिरि क’ बहुत सुंदर लागि रहल छी। बिल्कुल मधुरिया जकाँ।
आ पता अछि! अपन सब सखी के हम कि कहै छियै? हमर सैंया जी बहुत पढ़ल-लिखल छथिन।
“हमर सैंया त छैथ जवान ए सखी
हुनके स’ हमर अछि शान ए सखी।”
एत्तेक नीक सपना छल कि की कहू…….
आ तखने भौजी जगा देलैथ….यै पिंकी! कखन तक सुतल रहबै। चलु मसल्ला पीसू!
ए मंटू तुम हमारा सपना एक दिन जरूर पूरा करोगे मेरे राजा इहे उम्मीद है..
आ सुनू हमहू मैट्रिक परीक्षा गाइड किन लेलौं, अहाँ चिंता नै करब…..
अरे पियार के परीक्षा में तो तुम बिना बैठे ही पास हो मेरे दिलवा के लालटेन…
हाइस्कूल में देखलियै अहाँ हमरा खिड़की पर चिट देलौं ..
हम पांचवा के घ के जगह सातवां के क लिख देलियै तैयो पास भ’ गेलियै आ 80 नम्बर एलै। अरे नीतीश के सरकार में कियो फेल क’ सकै छै की.. तैं टेंशन नै लेब..
बस जखन जखन किताब खोलै छी…… अहाँक सांवली सुरतिया मोन पड़य लगैत अछि
लगैत रहै यै अहाँ किताब के अंदर सँ झाँकब हमर आँखि बन्द करब, हमर हाथ पकड़ि क’ कहब….
“आई लव यू पिंकी”
दिल एकदम कुहिक जायत अछि, मन करै ये दीवार तोड़ी अहाँ लग भागल भागल आबि जाय …
पर माँ बाबूजी के मुँह याद आबि जाइ ये। जाय दियौ! जल्दी स अपन पढ़ाइ खत्म करू, नोकरी लिय’ आ अहाँ हमरा अप्पन दुल्हन बना लिय’…
बाकी सब ठीक अछि..
अपन खियाल राखब…
आई लभ जू मेरे राजा।
एकटा शायरी याद आबि रहल अईछ..
टूटी हुई सुई से कढ़ाई नहीं होती है
मंटू तेरे याद में पढ़ाई नहीं होती है।।
आभार
किछु स्मृति!!
………….