“प्रिय पाहुनक जन्मदिन”

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— पीताम्बरी देवी।     

पाहुन के जन्मदिन
आएल चैत सोहाओन अति हर्षाओन र्रे ललना रे जनमल राम लखनमा कि भरत सत्रुघन रे।
जहिना अयोध्या में राम के जन्म दिवस पर विशेष आयोजन होईत अछि तहिना मिथिला में सब मैथलानि सब राम जन्म के सोहर गबैत छथि। किएक ते ओ हमर मिथिला के सीया सुकुमारी के पति छथिन ।ओ हमर मिथिला के जमाय छथि।
धन धन राज्य अबधपुर धन्य राजा दशरथ रे ललना रे धन्य कोशिल्या के भाग कि राम जनम लेल रे।
राम के जन्म भेनाई कोनो छोट बात नहि अछि ओ विष्णु अवतार छला ।मां सीता लक्ष्मी अवतार छलि आर सीता के विवाह शिव धनुष टूटला के बाद हेतनि तहि लेल राम के जन्म भेलनि कारण राम छोरि आन कियो धनुष नहि तोरि सकैत छला।से ते सब के बूझले अछि जे कियो तोरता कि बरका बरका भूप सब से धनुष हिलबो टा नै केलनि सब मुरी झुका के बैस गेल छला लाजे।
जनमल सिया सुकुमारी कि गौरी पूजल रे ललना रे बर मांगल श्री राम ससुर राजा दशरथ रे।
मां जानकी पाच वर्ष के भेलि ते गौरी पुजय लगलि आर पति के रूप में श्री राम आर ससुर के रूप में राजा दशरथ के मांगय लगलि।जाहि लेल राम अयोध्या में जन्म लेलनि।
चैत मास नवमी तिथ राम जन्म लेल रे ललना रे कोशिल्या के बाझि पद छुटल कि चहुं दिस आनंद रे।
घर घर बाजन बाजय नटूआ नाचय रे ललनारे राजा दशरथ केर आंगन मोहर लूटावथि रे।
मिथिला में मैथलानि सब मगन भय भय के राम के जन्म दिवस पर सोहर गबैत छथि किया कि राम हमरा सब के दुलरूआ दूल्हा छथि।कखनों काल हास परिहास से हो क लेल जाईत छनि। जेना खीर खाय बेटा जनमाओल अबधक के नारी हे गोरे दशरथ गोर कौशल्या राम भरत किया कारी हे।
वा राम जखनि मिथिला में अबै छथि ते विवाह के वाद सारी सरहोजी सब राम से कहै छथि ।
हे पहुना अहा मिथिले में रहुना ।
भोरे उठिए ऊकटन से नहाएव करिया से गोर बनाएब।
हे पहुना अहा मिथिले में रहुना।
मिथिलानि सब बहुत रंग रभस करैत छथि ।मिथिलानि होईते छथि भावूक ओ सम्बन्ध जोरला के बाद छोरय नै चाहैत छथि ‌ओ पाहुन के आग्रह क क के खुअबैत छथि आर हसि मजाक क क के राखय चाहैत छथि।मैथलानि राम के जाय नै दिय चाहैत छथि।किया कि सब के बूझल छनि जे राम के संग सीता चल जेति आर हमर मिथिला सुन भय जाएत।
मिथिला में रामनवमी बहुत धुम धाम से मनाओल जाईत अछि ‌।शोभा यात्रा बहरैत अछि ‌जाहि में राम सीता संग संग वरियाती से हो रहैत छथि।
दशरथ आंगना आनंद भेर राम जनम लेल रे ललना रे सौईरी घर चानन जरावय चहुदीस सोहाओन रे।
दगरीन लहंगा पटोर देल भाट जोड़ा धोती देल रे ललना रेअंगना में नाचय पमरिया कि हिरा मोती दान देल रे।
ई सबटा सोहर सब हमर सब के मैथलानि सब बनौने छथि ।अपन सीता दाई के दुल्हा लेल आर मगन भय भय के गबैत छथि राम जन्म दिवस पर वा घर में नेना के जन्म होईत छैक तखनि।
मैथिल आर मैथलानि सब हरदम चाहैत रहैत छथि जे कोनो लाथे घर में रमन चमन होईत रहय ।पावनि तिहार मनबैत रहि राम नवमी से हो हमरा सब के बड पैघ पावनि अछि ।पुरा मिथिलांचल में मनौल जाईत अछि।एहि दिन राम जन्मोत्सव आर मां दूर्गा देवी के आवहन दूनू होईत अछि ‌।आर मां छैठ माई से हो अबैत छथि चैति छैठ बहुत गोटा करैत छथि ‌।चैत मास बहुत हर्षोल्लास के मास रहैत अछि।मां दुर्गा के आगमन छैठ माई के पावनि राम लला के जन्म दिवस।
वालक आई जनम लेल शुभ दिन आई भेल रे ललना रे शुक्ल पक्ष नवमी तिथ चैत मास सुन्दर रे।
राजा दशरथ मुनि के बजओलनि दिन गुनबओलनि रे ललना रे नामकरण केर दिन कि शुभ दिन राखल रे।
बरका के नाम भेल राम , लक्षमण ,भरत , सत्रुघन रे।,
चारी पुत्र भेल दशरथ अयोध्या आनंद भेल रे ललना रे आंगन खेलय ललमा कि रूनू झूनू बाजय रे।
पीताम्वरी देवी