“आजुक समयमे सोशल मीडिया लोकक जीवनक हिस्सा बनि गेल अछि।”

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— आभा झा।     

 

आजुक समयमे सोशल मीडिया लोकक जीवनक हिस्सा बनि गेल अछि। सुतैत-जागैत लोक एहिमे डूबल रहैत अछि। आजुक पीढ़ी सबसँ बेसी कतौ आकर्षित अछि तऽ ओ अछि सोशल मीडियाक चकाचौंध। अधिकांश व्यक्ति अपन बेसीसँ बेसी समय सोशल मीडिया पर व्यतीत करैत अछि। पारिवारिक जीवन पर सोशल मीडियाक सकारात्मक आ नकारात्मक दुनू प्रभाव पड़ैत छैक। जखन सोशल मीडिया या इंटरनेट युग नै छल तखन पारिवारिक संबंध बहुत अलग छल। ओहि समय पारिवारिक संपर्क बेसी व्यक्तिगत स्तर पर छल। 21वीं सदीक परिवार आब तस्वीर, अपडेट, स्टेटस आ मीम्स पोस्ट करयमे बेसी समय बीतबैत अछि। इंसान धीरे-धीरे अपना आपके दूर कऽ लेने अछि। अपना आपसँ सेहो आ संबंधिक या करीबीसँ सेहो।
सकारात्मक प्रभाव – सोशल मीडिया परिवारक कतेक संबंधकेँ मदद कयने अछि। कोरोनाकालमे सोशल मीडियाक माध्यमसँ सभ एक-दोसरकेँ परिवारमे हाल-चाल बुझैत छल। एक-दोसरक दुःख आपसमे शेयर करैत छल। लंबा दूरीक संबंध कखनो आसान नहिं होइत छैक। जे पति-पत्नी या परिवारकेँ लंबा समय तक अलग-अलग समय बिताबय पड़ैत अछि ओ अखनो सोशल मीडियाक माध्यमसँ एक-दोसरक करीब महसूस कऽ सकैत अछि। पहिने माता-पिता अपन बाल-बच्चाकेँ देखय हुनकासँ गप्प करयकेँ लेल कतेको मास या बरख इंतजार करैत रहैथ। मुदा सोशल मीडियाक माध्यमसँ सब एक-दोसरसँ जुड़ल रहैत छथि। विवाह पर सोशल मीडियाक सबसँ सकारात्मक प्रभाव ई अछि कि जे जोड़ा एक-दोसरसँ बहुत समय दूर रहैत छथि ओ एक-दोसरक संपर्कमे रहि सकैत छथि। बच्चा जखन पैघ होइत अछि, अपन पढ़ाईकेँ लेल काॅलेज या बाहर विदेश जाइत अछि तखन माता-पिता आ परिवारक अन्य सदस्य सोशल मीडियाक मददसँ अपन बच्चाक संपर्कमे रहनाइ आसान होइत अछि। वीडियो चैट आ फोटो साझा करयकेँ क्षमताक संग, जे परिवार एक-दोसरसँ दूर रहैत अछि, ओ एहि दूरीकेँ कम करयमे सक्षम अछि, भले ही साइबरस्पेसक माध्यमसँ ही। पारिवारिक क्षण आ सैरक स्थान साझा कऽ सकैत अछि आ आमतौर पर अपन सभ सुखद यादकेँ राखयकेँ लेल एक जगह होइत अछि। सोशल मीडियाक माध्यमसँ अपन पसंदीदा पेज जेना कला, शिल्प, खेनाइकेँ रेसिपी , अपन हुनर , लेखन आरो तरहक शौककेँ पूरा करैत अछि। जरूरत पड़ला पर कोनो समय अलग-अलग लोकक संपर्कमे आबि सकैत अछि। लोकमे सुरक्षाक भावना अनैत अछि। बच्चा सभकेँ पढ़ाईकेँ लेल सभ जानकारी सोशल मीडियाक माध्यमसँ उपलब्ध भऽ जाइत अछि। ई अहाँ पर निर्भर करैत अछि कि अहाँ सोशल मीडियाक उपयोग नीक या खराबक लेल करैत छी।
नकारात्मक प्रभाव – सोशल मीडियाक प्रभाव सब सँ बेसी आजुक बच्चा सभ पर भऽ रहल अछि। एकर चकाचौंधमे सभ डूबी रहल अछि। जाहि कारण ओकर पढ़ाई-लिखाई पर असर पड़ि रहल अछि। परिवारक सदस्य एक-दोसरसँ गप्प करयकेँ बजाय ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर बेसी समय व्यतीत कऽ रहल अछि।पति-पत्नी एक-दोसरक बगलमे रहितो सोशल मीडियाक मनोरंजनमे तल्लीन रहैत अछि। ई सभ शुरूआती दौरमे विवाह पर सोशल मीडियाक नकारात्मक प्रभावमेसँ एक अछि। पति-पत्नीक बीच अविश्वास सेहो बढ़ि रहल अछि। बेटीक सासुर पर माता-पिताक बेसी हस्तक्षेप सेहो बेटीक बसल-बसाओल जीवन पर मैसेज या वीडियोकाॅल द्वारा खराब प्रभाव डालि रहल अछि। लोक सोशल मीडियाक माध्यमसँ अपन जीवनक खाली सब सँ नीक हिस्साकेँ पोस्ट करैत अछि। दोसरकेँ देखि कऽ लगैत अछि कि हिनकर जीवन कतेक खुशहाल छैन्ह। मुदा सच्चाई किछु आर रहैत अछि। अपन परिवारमे किनको जन्मदिन पर मैसेज कऽ देनाइ या फोन पर बधाई नै देनाइ इहो सभ पारिवारिक संबंधकेँ खराब कऽ रहल अछि। फेसबुक पर कमेंटमे लाइक नै केनाइ एकरो पारिवारिक संबंध पर असर पड़ि रहल अछि। अनजान लोकक फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार केनाइ। फेक आइडी बना कऽ दोसरकेँ नामसँ फ्रेंड रिक्वेस्ट पठबैत अछि। सोशल मीडिया जतेक फायदेमंद अछि ओतबे नुकसानदायक सेहो अछि, खास कऽ पारिवारिक संबंधक लेल। सोशल मीडिया कतेक लोककेँ अकेलापनसँ भरि देने अछि। एकर शारीरिक आ मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ि रहल अछि।जतय लोक एक-दोसरसँ मिलैत छल आब मैसेजसँ ही काज चलबैत अछि। ई सच अछि कि सोशल मीडियाक माध्यमसँ हम पहिनेसँ कहीं बेसी लोकसँ जुड़ल रहैत छी मुदा एहि जुड़ावमे अधूरापन सेहो अछि। अध्ययनसँ पता चलल अछि कि अवसाद आ सोशल मीडियाक बढ़ैत उपयोगक बीच एक संबंध अछि, आ किशोरकेँ एहिसँ प्रभावित होइकेँ बेसी संभावना अछि, जे बदलामे हुनकर पारिवारिक संबंधकेँ प्रभावित करैत अछि। सोशल मीडियाक उपयोग ने केवल एक सामाजिक मंचक रूपमे कयल जा रहल अछि बल्कि एकर उपयोग विचार आ उत्पादककेँ बजारमे आनय आ अन्य विचारकेँ साझा करयकेँ लेल सेहो कयल जा रहल अछि। अहाँ सोशल मीडिया पर जतेक समय बितबैत छी ओकरा सीमित केनाइ सीखू आ ओहि लोकक संग समय बिताबू जे हमर सामने शारीरिक रूपसँ मौजूद अछि। अपन परिवारक संग क्वालिटी टाइम बिताउ।
जय मिथिला, जय मैथिली।

आभा झा
गाजियाबाद