“एखन के समय मे माता-पिता अपन संन्तानक भविष्य लेल परेशान अधिक चिंतित रहैत छथि।”

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— पीताम्बरी देवी।     

अखनि के समय में माता पिता अपन संन्तान के भविष्य लेल परेशान रहैत छथि।कारण ई भ गेल अछि जे सब अपन बाल बच्चा के बेसि से बेसि उच्च शिक्षा दियाब चाहैत छथि।बच्चा के निक से निक अपन ओकाईत से फाजिल खर्च क के ओकर निक विद्यालय में प्रवेश करबैत छथि।आर ओकर हर मांग के पूरा करै के कोसिस में लागल रहैत छथि।बच्चा के पढ़ाई के संग संग नव नव प्रोजेक्ट सब विद्यालय में देल जाईत अछि ।जे बच्चा के बस से बाहर रहैत अछि।माता पिता ओहि प्रोजेक्ट के निक से निक बना के दैत छथिन।आब ते बच्चा स्कूल के अलावा डान्स ,बेडमिंटन , फुटबॉल, गाना म्यूजिक ,आदि अनेकों तरहक एस्ट्रा क्लास सब करबैत छथिन।बच्चा के भविष्य उज्जवल हुए ताहि लेल माता पिता दिन राति बेहाल रहैत छथि।ओ कतौ जाईत तक नै छथि एहेन भ जाईत छई जे घर में काज करतेवता रहैत छनि ओ छोड़ी दैत छथिन। मां बच्चा के होमवर्क अपनहि करबैत छथिन।बच्चा के बेसि मारवाक नै चाहि ओहि से बच्चा ढिठ आर जिद्दी भ जाईत अछि ।बच्चा के दुलार से बूझा के कहवाक चाहि ओकरा एतेको माथ पर नै चढ़ा लि जे बाद में परेशानि भय जाय।ओकर हर जिद्द नै पूरा करवाक चाहि हर वात पूरा भेला से बाद में ओकर सहन सक्ति कम भय जाईत छै ।ओ हर बात पर जिद्द करय लगैत अछि।बच्चा के कखनहु दोसराक उदाहरण नै देवाक चाहि ।ई नै कहवाक चाहि जे फल्ला बच्चा कतेक बढ़ै छै आर तो हरदम खेलाईत रहै छे।फल्ला बच्चा के कतेक निक रिज़ल्ट एलै ये आर तो एतेक कम नम्बर कियाक अनलनि अछि।ओकरा कहवाक चाहि जे तो एतेक पढ़ जे सबसे आगु फ्सट करिहें ।बच्चा के कमो नम्बर के रिजल्ट देख के कखनहु ओकरा बिगरक नै चाहि ओकरा होसला देवाक चाहि जे आगु खूब मेहनत करवे ते खूब नम्बर औतौ ।आर कमजोर बच्चा के तरफ कने बेसि ध्यान राखक चाहि।जखनि बच्चा पढ़ि लिख के अपन पैर पर ठाढ़ भ जाई छथि ते माय बाप के फलों दै छनि ओ माता पिता के ईच्छा अनुसार पढ़ी लिख के निक पोस्ट पर चल जाई छनि।आर माता पिता के मोन के आत्मसंतुष्टि होई छनि बच्चा के सफलता से । बहुत माता पिता अपन जीवन के सपना बच्चा में देखय लगैत छथि जेना ओ डाक्टर, इंजीनियर,वा कोनो आन पोस्ट पर बनय चाहै छला अर्थआभव से नहि बनि पेला वा कोनो आन कारण से नै वनि पेला ते ओ बच्चा के बनवय चाहैत छथि । बहुत बच्चा ओहि लाईन में चल जाईत छथिन आर माय बाप के मनोकामना पूर्ण करैत छथिन।आर किछु बच्चा के माय बाप बलजोरी बच्चा के ओ सब्जेक्ट पढ़बय लगैत छथिन ।आर बच्चा के ओ सब्जेक्ट में एको रत्ती मोन नै लगैत छनि ते ओ पढ़ाई में पिछड़ी जाईत अछि ।माय बाप के हमेशा ई देखवाक चाहि जे बच्चा के कोन सब्जेक्ट पढ़य में सबसे निक लगैत छै ।बच्चा के रुचि देख के ओकरा कोर्स करेवाक चाहि ।यदि बच्चा के साईंस से बेसि आर्ट पढ़य में मोन लगैत छै ते ओकरा आर्ट पढ़वियौ।आर्टे बला बेसि कम्पिटीशन में पास करैत छथिUpsc ,Bpsc में बेसि गोटे पास करैत छथि आर बरका बरका पद पर जाईत छथि।हं ई जरूर माता पिता के हमेशा ध्यान रखवाक छनि जे बच्चा पढ़ैत छथि कि फाकि मारैत छथि। बिना पढ़ने किछु नहि भेटैत अछि मेहनति करै परैत छै ।अखनि के माता पिता दशमा, बारहमा,के बाद अपना से दूर होस्टल में वा कतौ आने ब्यवस्था कय के पठा दै छथिन ।यदि अपना लग पढ़वाक सुविधा उपलब्ध रहय ते बच्चा के अपनहि लग राखि।आन ठाम बच्चा कि करैत अछि कोना रहैत अछि ई देख नै सकै छियै ।आन ठाम बच्चा के बहुत काज अपनहि करय परैत छनि जाहि से पढ़वाक समय कम भेटैत छै ।लग में माय हर जरूरत पुरा क दैत छथिन ।कपड़ा धो देलनि घर सरिया देलनि भोजन जलखै समय पर दय देलनि जाहि से बच्चा मोन से पढ़ैत अछि।माय बाप के हमेशा बच्चा क दोस्त पर से हो ध्यान रखवाक चाहियनि।बच्चा दोस्त के संगति में आबि के सुधरैत आर बिगरैत छै ।निक दोस्त रहल ते सुधरला आर खराप दोस्त रहल ते विगरला।बच्चा के बेसि दोस्त नै हेवाक चाहि बार बार दोस्त एल जाहि से बच्चा के पढ़य में बाधा अबैत छै ।जहा तक हुए बच्चा के अपना लग राखि आर ओकर गति विधि पर ध्यान दैत रहियै ।खास क के बहुत महिला सब‌के देखैत छियनि जे बच्चा के गलती के घर के लोक से पति से छुपबैत छथि ।ई बहुत गलत काज करैत छथि बच्चा आरो गलती करय लगैत छथि।पति से चोरा के बच्चा के हाथ में पाई दैत छथिन ते बच्चा बार बार माय से पाई लैत रहैत अछि।ओ बच्चा बिगरी जाई ये तै हरदम पति के कहि के बच्चा के पाई दी आर बच्चा के कोनो गलती के चोरावि नै पति से अबश्य कहि दी।नै तै बच्चा माय के कमजोरी के फायदा उठबैत रहैत अछि।सब के होईत छै जे सबसे निक हमर बच्चा बनय निक पढ़य निक संस्कारी हुए ‌। लेकिन एहि लेल माय बाप के बहुत त्याग कर परैत छै ।घर के वातावरण के से हो बच्चा पर बहुत असर परैत छै ।यदि माय बाप हरदम झगरा करैत रहैत छै ते बच्चों लराई झगरा करय लगैत अछि।जाहि घर में पैघ के आदर मान नै होइत अछि ओहि घर के बच्चा माय बाप के आदर मान नै करैत छथि।बच्चा एकटा कोरा कागज रहैत अछि ओहि मे जेह लिखबै सेह लिखाएत।तै बच्चा के आगु में साबधानि से रहवाक चाहि।बच्चा के आगु में केकरों बेसि निन्दा कुचेष्टा नै करवाक चाहि बच्चा आगु जा के ई हो सब सिख लैत अछि।दोसर अनावस्यक ओकर दिमाग में कचरा भैर जाईत छै ।विना मतलव के ओ विना देखल लोक के बारे में गलत सोचि लैत अछि।छोटे से बच्चा के निक निक प्रेरणा दायक खिस्सा पिहानि सब सुनावक चाहि।जाहि से ओकर दिमाग फ्रेस रहतैक।बच्चा के जहा तक हुए मोबाइल से दूर रखवाक चाहि।ई नै जे खेलाईत अछि देह छोरि के ते मोबाइल हाथ में पकरा देलौ ।ओना जे हेवाक रहैत छै सेह होईत छै सबटा भगवान के हाथ में छनि।मुदा अपन कर्तव्य के पथ पर चलैत रहि अपन कर्तव्य करैत रहि ओहि मे पाछु नै हटि।
पीताम्वरी देवी