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“बच्चाक समग्र विकास मे माता-पिता केॅं अनुशासित भेनाइ बहुत जरूरी छैक।”

— इला झा।     

समाजीकरण कर’ वाला संस्थाक रूप मे परिवार व माता-पिताक असाधारण महत्व छन्हि । ई कहल जाइत छैक जे बच्चा माता-पिताक संरक्षण मे रहैत जे किछु सीखैत अछि, ओ ओकर जीवनक स्थायी पूंजी होइत छैक।
बच्चाक समग्र विकास मे माता-पिता के अनुशासित भेनाइ बहुत जरूरी छैक। बच्चा केँ सही समय पर सही काज करबाक शिक्षा अप्पन माता- पिता सँ भेटैत छैक।आगु चलिक’ यैह व्यक्तित्वक विकासक अभिन्न अंग होइत अछि।
माता-पिता द्वारा बच्चाक अधिकतम आवश्यकताक पूर्ति कैल जाइत अछि। हुनका पर बहुत धनक खर्च करैत छथि। परन्तु संगहि हुनका उचित संसकार दैत चरित्र निर्माण पर सेहो विशेष ध्यान देथि। जखन नीक काज करथि त’ हुनक प्रशंसा करथि आ गलत काज करथि त’ निंदा हेबाक चाही। स्कूलक प्रगति आ समाज मे हुनक कृयाकलाप पर परिवार अवश्य ध्यान दैथि। परन्तु स्नेहक वातावरण हेबाक चाही। हरेक बच्चाक क्षमता एक दोसरा सँ भिन्न होइत छैक। बेसी कड़ाई सँ बच्चा जिद्दी होइत अछि जे आगु जाक’ ओकर उन्नति मे बाधक होइत अछि। बच्चाक संग पारदर्शिता हेबाक चाही। ओकर नीक बेजाय हरेक बातक जिज्ञासाक उचित जवाब जरूर भेटक चाही।
माय- बाप अप्पन बच्चा सँ बहुत प्रेम करैत छथि।ओकरा संग हँसैत – बजैत छथि। बच्चा हुनका दिस तकैत अछि ठोर हिलाक’ बात कर’ के प्रक्रिया बेर-बेर देखैत अछि आ ओकर नकल करबाक प्रयास करैत अछि। एकर परिणाम स्वरूप समाजीकरणक महत्वपूर्ण पक्ष भाषाक विकास ओकरा मे होईत अछि।
परिवार मे रहि सर्वप्रथम बच्चा केँ ई ज्ञान होइत छैक जे कोन कार्य करबाक चाही आ कोन कार्य सँ बचबाक चाही। बच्चा धीरे- धीरे सीख जाइत अछि जे समाज़ मे की ओकरा लेल नीक आ की बेजाय अछि संगहि समाज ओकरा सँ की चाहैत अछि। धीरे – धीरे ओ ओहि भावना, मान्यता परंपरा आ नियम के जानि जाइत अछि, जे समाज मे प्रचलित तथा मान्य होइत छैक।
आइ काल्हि डिजिटल के जमाना अछि बच्चा बारहवीं कक्षा के संग अपन आगु के भविष्यक निर्माण शुरू करैत छथि। पहिलुक जमाना मे रोजगारक चयन मे माता-पिता हस्तक्षेप करैत रहथि। आब सलाह दैत छथि, बच्चा अपन रूचि आ यौग्यताक अनुसार नौकरीक चयन करैत छथि। आब शेफ, कैमरा एनिमेशन, गायन, फैशन डिजाइनरक काज के छोट नहि बुझल जाइत छैक। यदि विज्ञान मे कमजोर छथि त’ कला के अपन विषय मे शामिल करैत छथि।

मात्र डीग्रीके प्राथमिकता नीक नौकरी लेल नहि रहि गेल छैक।माता-पिता बच्चाक व्यावसायिक वा रोजगार झमता के बढ़ाब’ मे जरूर मददि करथि। व्यवसाय वा रोजगारक चयन मे माता-पिताक योगदान महत्वपूर्ण होइत छन्हि।
जत’ नौकरी करथि ओत’ गुणवत्तापूर्ण सहयोग करथि। जे हुनका उन्नतिशील बनेतैन।
ताहि लेल माता-पिता अपन सामर्थ अनुसार बच्चाके बातचीतक क्षमता बढ़बैत, लीखित आ मौखिक अंग्रेजीक ज्ञान जरूर देथि। बच्चा के डिजिटल अनुभव, वेब साइट डिजाइन, सोशल मिडिया, गुगलक इत्यादिक पूर्ण जानकारीक कोर्स कराबथि। जे आगु नौकरी वा व्यवसाय मे हुनक सहायक हतैन। मात्र दू तीन महिना Job related skill वा Business skill सीखला सँ नीक नौकरीक संभावना बहुत बढ़ि जाइत छैक। बच्चा अपन रुचि अनुसार रोजगार करथि ताहि मे माता-पिताक सहयोगक आवश्यकता होइत छैक। पढ़ाई संग समुचित व्यायामक प्रति प्रेरित करथि, संतुलित आहारक व्यवस्था घरमे माता – पिता करथि, बच्चाक सर्वांगीण विकास मे मददि करथि। घरक वातावरण स्नेह सँ परिपूर्ण होय। बच्चा नशा के शिकार नहि होय ओहि लेल माता-पिता उचित मार्गदर्शन करथि। बच्चा संग बातचीत करथि हुनका समय जरूर देथि।
परिवार आ समाज मे अनुकूलित होव’ के प्रकिया केँ समायोजन कहल जाइत छैक, जे समाजिकरणक प्रक्रियाक अभिन्न अंग अछि।
इला झा
बैंगलुरू

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